केंद्र सरकार ने, सभी राज्यों के बीच नदी जल विवाद पर निर्णय करने के लिए मौजूदा अधिकरणों को एक नियम के तहत लाते हुए, एक एकल, स्थायी न्यायाधिकरण की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है. यह एक कदम है जिसका उददेश्य त्वरित ढंग से राज्यों की शिकायतों को हल करना है.
अधिकरण के अलावा, जरुरत पड़ने पर विवादों को निपटाने के लिए, अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 में संशोधन करके कुछ बेंचों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव दिया है. ट्रिब्यूनल के विपरीत, विवादों के समाधान हो जाने के बाद ये पीठ समाप्त हो जायेंगी.
अधिकरण के अलावा, जरुरत पड़ने पर विवादों को निपटाने के लिए, अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 में संशोधन करके कुछ बेंचों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव दिया है. ट्रिब्यूनल के विपरीत, विवादों के समाधान हो जाने के बाद ये पीठ समाप्त हो जायेंगी.
स्रोत – दि हिन्दू