जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लॉन्च किया। इस सिस्टम को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विभिन्न प्रकारों और विविधताओं को संबोधित करने के लिए विकसित किया गया था, जो राज्यों में स्वरूपों, भाषाओं, प्रक्रियाओं और सूत्रों के आधार पर प्रबल होती है।
सॉफ्टवेयर प्रवर्तन एजेंसियों और आम आदमी दोनों के लिए सूचना और डेटा तक “कहीं भी पहुंच” को सक्षम बनाएगा। यह प्रणाली अब तक तीन राज्यों पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में अपनाई जा चुकी है। साथ ही छह और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जैसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, बिहार, मणिपुर, झारखंड और मिजोरम प्रणाली अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं। नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया था।
इतिहास:
जम्मू और कश्मीर के संविधान के अनुसार धारा 370 के निरस्त होने से पहले, कश्मीर से बाहर के नागरिक इस क्षेत्र में जमीन खरीद या बेच नहीं सकते। अब जब इस धारा को समाप्त कर दिया गया है तो कश्मीर के क्षेत्र को नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ एकीकृत किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय एकीकरण और “वन नेशन वन सॉफ्टवेयर” की ओर एक बड़ा कदम है।
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