टीका बनाने वाली प्रमुख कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने टीका अनुसंधान पहल को आगे बढ़ाने, शैक्षणिक-उद्योग साझेदारी को मजबूत करने और संक्रामक रोगों से निपटने के वैश्विक प्रयासों को बढ़ाने के लिए सिडनी विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग संस्थान के साथ साझेदारी की है।
भारत बायोटेक की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, कंपनी ने सहयोग के लिए सिडनी विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग संस्थान (सिडनी आईडी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी महामारी और संक्रामक रोगों से निपटने के लिए नई पद्धतियों को तैयार करने के लिए मजबूत क्षेत्रीय तथा अंतर-संगठनात्मक सहयोग कायम करना है।
बयान में क्या कहा गया?
बयान में कहा गया, इसके अलावा यह सहयोग टीके और बायोथेरेप्यूटिक्स के विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा-उद्योग की ताकत का भी लाभ उठाएगा। भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एल्ला ने कहा कि यह समझौता सहयोगात्मक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और टीका विज्ञान प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की हमारी मंशा को दर्शाता है।
सिडनी आईडी के उप निदेशक प्रोफेसर जेमी ट्रिकस ने कहा कि मानव व पशु रोगों का खातमा करने के लिए सुरक्षित, किफायती तथा प्रभावी नवीन टीकों के विकास के प्रतिष्ठित तथा सामाजिक प्रभावों को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर हमारा लक्ष्य वैश्विक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव डालना है।
कोविड-19 वैश्विक माहामरी
भारत बायोटेक ने अपने स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन के साथ कोविड-19 वैश्विक माहामरी से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विशेषज्ञता और उत्पाद पोर्टफोलियो
भारत बायोटेक, स्वदेशी रूप से विकसित COVID-19 वैक्सीन कोवैक्सिन सहित 19 टीकों वाले एक मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो के साथ, सहयोग में व्यापक विशेषज्ञता लाता है। कंपनी वैक्सीन विकास में सबसे आगे रही है और उसने COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिडनी आईडी, एडवांसिंग वैक्सीन एडजुवेंट रिसर्च फॉर ट्यूबरकुलोसिस (एवीएआर-टी) अनुबंध में एक प्रमुख भागीदार के रूप में, वैक्सीन अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने पर अपने फोकस के साथ सहयोग को और मजबूत करता है।