ऑस्ट्रेलिया अगले महीने की संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा

विदेश नीति में एक बड़े बदलाव के तहत, ऑस्ट्रेलिया सितंबर 2025 में होने वाले 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र में औपचारिक रूप से फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देगा। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने 11 अगस्त 2025 को इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य दो-राष्ट्र समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन बढ़ाना, गाज़ा में युद्धविराम को प्रोत्साहित करना और बंधकों की रिहाई को आगे बढ़ाना है।

ऐतिहासिक और कूटनीतिक पृष्ठभूमि

  • इज़राइल–फ़िलिस्तीन संघर्ष सात दशकों से अधिक समय से चला आ रहा है, जिसकी जड़ें भूमि, संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़े विवादों में हैं।

  • दो-राष्ट्र समाधान—अर्थात स्वतंत्र इज़राइली और फ़िलिस्तीनी राज्यों की स्थापना—संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और कई पश्चिमी शक्तियों द्वारा समर्थित केंद्रीय ढांचा रहा है।

  • पश्चिमी देशों में फ़िलिस्तीन को मान्यता देने की प्रक्रिया धीमी रही है, हालांकि हाल ही में फ़्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने भी इसी तरह की मंशा जताई है।

  • 138 से अधिक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश पहले ही फ़िलिस्तीन को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दे चुके हैं।

ऑस्ट्रेलिया की घोषणा
प्रधानमंत्री अल्बनीज़ के अनुसार:

  • मान्यता सितंबर 2025 के यूएनजीए सत्र के दौरान दी जाएगी।

  • यह मान्यता फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) की निम्नलिखित शर्तों पर आधारित होगी:

    • भविष्य की शासन व्यवस्था में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी।

    • शासन सुधार और आम चुनाव कराए जाएंगे।

    • प्रस्तावित फ़िलिस्तीनी राज्य का निरस्त्रीकरण।

निर्णय के पीछे तर्क

  • गाज़ा पर सैन्य नियंत्रण को लेकर इज़राइल को बार-बार चेतावनी दी गई थी।

  • ऑस्ट्रेलिया ने अवैध बस्तियों के विस्तार, विलय की धमकियों और इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को अस्वीकार करने की निंदा की।

  • अल्बनीज़ ने ज़ोर दिया कि हिंसा के चक्र को समाप्त करने के लिए राजनीतिक समाधान आवश्यक है।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

  • इज़राइल – इस कदम का विरोध करने की संभावना, इसे अपनी सुरक्षा नीति के लिए चुनौती के रूप में देख सकता है।

  • अरब लीग – हमास के शासन को समाप्त करने की दिशा में उठाए गए कदमों का स्वागत।

  • न्यूज़ीलैंड – विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि देश अगले महीने अपनी स्थिति की समीक्षा करेगा।

  • वैश्विक संदर्भ – गाज़ा के मानवीय संकट को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय नाराज़गी के बीच यह कदम इज़राइल पर कूटनीतिक दबाव को और बढ़ाएगा।

महत्व क्यों है

  • कूटनीतिक गति – ऑस्ट्रेलिया उन पश्चिमी देशों के बढ़ते समूह में शामिल हो रहा है, जो फ़िलिस्तीन को मान्यता देने की ओर बढ़ रहे हैं।

  • इज़राइल पर दबाव – बस्तियों के विस्तार को रोकने और शांति वार्ता फिर से शुरू करने की वैश्विक मांग को मजबूती।

  • फ़िलिस्तीनी सुधार का अवसर – सशर्त मान्यता फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण को शासन सुधार के लिए प्रोत्साहित करेगी।

  • हमास का अलगाव – राजनीतिक प्रक्रिया से उग्रवादी समूहों को बाहर रखने पर अंतरराष्ट्रीय सहमति को बल।

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vikash

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