असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के युवाओं को वैश्विक करियर अवसरों से जोड़ने के उद्देश्य से “सीएम फ्लाइट (CM Flight)” कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पहल राज्य सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि असम के युवाओं को ऐसे कौशल, अवसर और अनुभव प्रदान किए जाएँ, जो उन्हें स्थानीय प्रतिभा से अंतरराष्ट्रीय पेशेवर मंचों तक पहुँचाने में सक्षम बनाएँ। यह कदम असम में बेरोज़गारी, ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) और कौशल असंगति (skill mismatch) जैसी समस्याओं से निपटने की दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है।
असम मानव और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद उच्च स्तर के करियर अवसरों में पिछड़ा रहा है।
कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएँ स्थानीय अवसरों की कमी और सीमित exposure के कारण बाहर जाते हैं।
इस अंतर को दूर करने के लिए असम सरकार ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का संकल्प लिया है।
“CM Flight” की परिकल्पना निम्न उद्देश्यों से की गई है —
युवाओं को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करना।
अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप और प्लेसमेंट मार्ग उपलब्ध कराना।
युवाओं को वैश्विक उद्योग मानकों और नेटवर्क से जोड़ना।
कौशल एवं तकनीकी प्रशिक्षण:
आईटी, डेटा साइंस, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, विदेशी भाषाएँ और अन्य सेक्टर आधारित विषयों में उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय exposure व इंटर्नशिप:
चयनित युवाओं को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों या संस्थानों में इंटर्नशिप या विज़िट का अवसर मिलेगा।
रोज़गार एवं प्लेसमेंट सहायता:
सरकार प्रशिक्षित युवाओं को विदेशी नियोक्ताओं से जोड़ने में सेतु का कार्य करेगी और उनके लिए प्लेसमेंट सहायता प्रदान करेगी।
मेंटॉरशिप और नेटवर्किंग:
उद्योग विशेषज्ञ और वैश्विक पेशेवर युवाओं का मार्गदर्शन करेंगे, जिससे दीर्घकालीन करियर नेटवर्क तैयार होंगे।
पात्रता और चयन:
प्रवेश के लिए योग्यता, अभिरुचि परीक्षा या मेरिट के आधार पर चयन होगा। वंचित वर्गों को प्राथमिकता देकर समावेशी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
ब्रेन ड्रेन में कमी: राज्य के भीतर ही अंतरराष्ट्रीय अवसर उपलब्ध होने से युवाओं का पलायन कम होगा।
कौशल पारिस्थितिकी का विकास: विश्वस्तरीय मानकों से मानव पूंजी की गुणवत्ता बढ़ेगी।
राज्य की छवि सुदृढ़: असम एक ऐसे राज्य के रूप में उभरेगा जो वैश्विक रूप से तैयार पेशेवर तैयार करता है।
समावेशी विकास: यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के युवाओं को भी वैश्विक मंच तक पहुँच दे सकती है।
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