एशियाई विकास बैंक (ADB) ने टाटा पावर दिल्ली वितरण लिमिटेड (TPDDL) में नॉन-कनवर्टिबल डिबेंचर्स में 150 करोड़ रुपये के निवेश करने की योजना बताई है। इस निवेश का उद्देश्य ग्रिड के सुधार के माध्यम से दिल्ली के बिजली वितरण को सुधारना है। इसके अलावा, ADB ने एक पायलट बैटरी ऊर्जा संचयन प्रणाली (BESS) के अधिग्रहण और एकीकरण में सहायता के लिए 2 मिलियन डॉलर के अनुदान को भी मंजूरी दी है। मनीला में स्थित फंडिंग संस्था ने इस विषय में एक बयान जारी कर दिया है।
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इस विकास के बारे में अधिक जानकारी :
सीनियर सुरक्षित वित्तपोषण से प्राप्त राशि का उपयोग एक नया 66/11 किलोवोल्ट ग्रिड स्थापित करने, ट्रांसफॉर्मर, सबस्टेशन, फीडर लाइन और स्विचिंग स्टेशन का विस्तार करने, स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने और पुराने बिजली उपकरणों और मीटर्स को बदलने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, इस फंडिंग से 10 मेगावॉट-घंटे (MWh) की नई बैटरी ऊर्जा संचयन प्रणाली (BESS) के विकास में भी योगदान दिया जाएगा।
बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) का महत्व:
BESS बिजली को मांग के अनुसार संग्रहित और वितरित करने की अनुमति देगी, जिससे ग्रिड अस्थिरता कम होगी और सौर और विंड पावर जैसे अंतर्वर्ती नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को इंटीग्रेट करने की लचीलता उपलब्ध होगी।
BESS परियोजना एक टिकाऊ ग्रिड बनाने और एक भविष्य तैयार पावर वितरण नेटवर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत सरकार ने 2030 तक कुल बिजली उपभोक्ता की 4% बैटरी संग्रह क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए उस समय एक कुल बैटरी ऊर्जा संग्रहण क्षमता 182 गीगावॉट-घंटे की आवश्यकता होगी।