मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) की अध्यक्षता में अरुणाचल प्रदेश के राज्य मंत्रिमंडल ने “कैसर-ए-हिंद (Kaiser-i-Hind)” को राज्य तितली के रूप में मंजूरी दी। कैसर-ए-हिंद को वैज्ञानिक रूप से टीनोपालपस इम्पीरियलिस (Teinopalpus imperialis) के रूप में जाना जाता है। शाब्दिक अर्थ में इसका अर्थ भारत का सम्राट होता है। तितली का पंख 90-120 मिमी का होता है। यह पूर्वी हिमालय के साथ छह राज्यों में एक अच्छी तरह से जंगली इलाके में 6,000-10,000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है।
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कैसर-ए-हिंद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है। इसके बावजूद, तितली संग्राहकों को आपूर्ति के लिए उनका शिकार किया जाता है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने कैसर-ए-हिंद को रेड लिस्ट कर दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्यों:
- कैसर-ए-हिंद’ एक बड़ी और चमकीले रंग की तितली है।
- यह एक मायावी स्वालोटेल बटरफ्लाई है, जिसके नाम में ‘इंडिया’ है।
- वे भूटान, नेपाल, लाओस, म्यांमार, दक्षिणी चीन और वियतनाम में भी हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री: पेमा खांडू;
- अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल: बी डी मिश्रा।