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अरुणाचल प्रदेश ने नामचिक में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान शुरू की

केन्द्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने 6 अक्तूबर 2025 को अरुणाचल प्रदेश की पहली वाणिज्यिक कोयला खदान का उद्घाटन किया। यह खदान चांगलांग जिले के नमचिक-नमफुक क्षेत्र में स्थित है और क्षेत्र के आर्थिक विकास और भारत के ऊर्जा मानचित्र में एक नया अध्याय जोड़ती है।

पृष्ठभूमि (Background)

  • नमचिक-नमफुक कोयला क्षेत्र लंबे समय से अपनी अविकसित संभावनाओं के लिए जाना जाता था।

  • प्रारंभ में 2000 के दशक की शुरुआत में इसे अरुणाचल प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (APMDTCL) को आवंटित किया गया था।

  • वर्षों तक नियामक, पर्यावरणीय और कानूनी अड़चनों के कारण प्रगति रुकी रही।

  • 2022 में, यह खदान कोल पल्ज प्राइवेट लिमिटेड (CPPL) को पारदर्शी वाणिज्यिक नीलामी प्रक्रिया के तहत सौंपी गई।

  • सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त होने के बाद, खदान अक्टूबर 2025 में औपचारिक रूप से संचालन में आई।

आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र में महत्व (Boost to Economy and Energy)

  • खदान में लगभग 1.5 करोड़ टन कोयला भंडार होने का अनुमान।

  • राज्य को ₹100 करोड़ से अधिक वार्षिक राजस्व की संभावना।

  • भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती, विशेषकर उत्तर-पूर्व क्षेत्र में।

  • रोजगार सृजन, स्थानीय आर्थिक प्रोत्साहन और भविष्य के औद्योगिक निवेश की संभावनाएँ।

  • यह खदान अरुणाचल प्रदेश में आत्मनिर्भर विकास (Aatmanirbhar Development) की दिशा में एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन सकती है।

क्षेत्रीय महत्व (Regional Significance)

  • उत्तर-पूर्व भारत पारंपरिक रूप से औद्योगिक अर्थव्यवस्था में कम प्रतिनिधित्व वाला क्षेत्र रहा है।

  • इस खदान के सफल संचालन से क्षेत्र को राष्ट्रीय ऊर्जा और खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में शामिल किया गया।

  • यह कदम उत्तर-पूर्व में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और भारत की तकनीकी और अवसंरचनात्मक जरूरतों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

महत्वपूर्ण तथ्य (Important Takeaways)

विषय विवरण
स्थान नमचिक-नमफुक, चांगलांग जिला, अरुणाचल प्रदेश
कोयला भंडार लगभग 1.5 करोड़ टन
कंपनी कोल पल्ज प्राइवेट लिमिटेड (CPPL)
अपेक्षित वार्षिक राजस्व ₹100 करोड़+
महत्त्व अरुणाचल का पहला वाणिज्यिक कोयला खदान; ऊर्जा सुरक्षा; रोजगार सृजन

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