भारतीय सेना ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में ‘एक्स स्काईलाइट’ नाम से एक अखिल भारतीय उपग्रह संचार अभ्यास किया है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी विरोधी के हमले की स्थिति में अपने हाई-टेक उपग्रह संचार प्रणालियों की परिचालन तत्परता और मजबूती का परीक्षण करना था।
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प्रमुख बिंदु:
- भारतीय सेना 2025 तक अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं के साथ अपना मल्टी-बैंड समर्पित उपग्रह रखने की तैयारी कर रही है।
- सेना का समर्पित GSAT-7B उपग्रह अपनी तरह का पहला स्वदेशी मल्टी-बैंड उपग्रह है, जिसे उन्नत सुरक्षा विशेषताओं के साथ डिज़ाइन किया गया है।
- यह जमीन पर तैनात सैनिकों, दूर से संचालित विमान, वायु रक्षा हथियारों और अन्य मिशन-क्रिटिकल और फायर सपोर्ट प्लेटफॉर्म के लिए सामरिक संचार आवश्यकताओं का समर्थन करेगा।
- इसरो और अंतरिक्ष और जमीनी क्षेत्रों के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों ने भी अभ्यास में भाग लिया।
- IAF और नौसेना के पास पहले से ही GSAT-7 श्रृंखला के अपने उपग्रह हैं।