भारतीय सेना कमांडरों का सम्मेलन 2025 (ACC 2025) 1 अप्रैल से 4 अप्रैल 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। यह द्विवार्षिक उच्च स्तरीय आयोजन भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने, परिचालन प्राथमिकताओं का आकलन करने और उभरती चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इस सम्मेलन में महत्वपूर्ण सैन्य सुधारों, निर्णय लेने की नई प्रक्रियाओं और सैनिकों के कल्याण से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सम्मेलन के विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और नीति आयोग के सीईओ सहित वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इस दौरान भारत की रणनीतिक दृष्टि और राष्ट्र निर्माण में सशस्त्र बलों की भूमिका पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ की जाएँगी।
सेना कमांडरों के सम्मेलन 2025 की मुख्य विशेषताएँ
1. तिथि और स्थान
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यह सम्मेलन 1 अप्रैल से 4 अप्रैल 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
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यह द्विवार्षिक आयोजन होता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा और सैन्य संचालन की रणनीति तैयार करना है।
2. सम्मेलन के उद्देश्य
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राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति का आकलन और सैन्य तैयारी की समीक्षा।
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नई चुनौतियों और परिचालन प्राथमिकताओं पर चर्चा।
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भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और लचीलेपन को बढ़ाना।
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तकनीकी एकीकरण को मजबूत करना, जिससे सेना भविष्य के लिए तैयार हो सके।
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सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
3. प्रमुख सत्र और भागीदारी
रक्षा मंत्री सत्र
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे और मुख्य भाषण देंगे।
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भारतीय सेना की ‘वर्ष 2025 को सुधारों का वर्ष’ घोषित करने संबंधी एक विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।
CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) का संबोधन
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CDS सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को रणनीतिक सैन्य मामलों पर संबोधित करेंगे।
नीति आयोग सीईओ का व्याख्यान
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नीति आयोग के सीईओ भारत की आर्थिक प्रगति और सशस्त्र बलों की भूमिका पर एक विशेष व्याख्यान देंगे।
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इस सत्र का विषय ‘सक्षम और सशक्त भारत’ (Saksham & Sashakt Bharat) पर केंद्रित होगा।
4. सेना की चुस्ती और आधुनिकीकरण पर फोकस
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यह सम्मेलन तकनीकी रूप से उन्नत, त्वरित और अनुकूलनशील सेना की अवधारणा से जुड़ा है।
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निर्णय लेने की प्रभावी प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारी विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे।
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युद्ध क्षेत्र में संचालन को आसान बनाने और सैन्य संगठन को मजबूत करने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
5. सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण
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रणनीतिक और परिचालन चर्चाओं के अलावा, सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन स्तर में सुधार भी प्रमुख एजेंडा होगा।
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आवास, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा और वित्तीय स्थिरता जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
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नए कल्याणकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिससे सेना के जवानों और उनके परिवारों को लाभ मिल सके।