चीन की वित्तीय सेवा कंपनी एंट ग्रुप ने अपनी सहयोगी कंपनी Antfin (Netherlands) Holding BV के माध्यम से भारतीय फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (Paytm की मूल कंपनी) में अपनी 4% हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा की है। यह बिक्री भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर बल्क डील के माध्यम से की जाएगी। बिक्री की न्यूनतम कीमत ₹809.75 प्रति शेयर तय की गई है, जो कि एनएसई पर पेटीएम के पिछले बंद मूल्य ₹866.05 से लगभग 6.5% कम है।
क्यों है यह खबर चर्चा में?
यह कदम एंट ग्रुप द्वारा भारतीय फिनटेक क्षेत्र से धीरे-धीरे निकलने की दिशा में एक बड़ा संकेत है, खासतौर पर भूराजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव और वैश्विक निवेशकों द्वारा पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन को देखते हुए। यह सौदा हाल के समय में सबसे बड़े सेकेंडरी मार्केट डील्स में से एक है।
सौदे के मुख्य बिंदु:
विवरण | जानकारी |
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विक्रेता | एंट ग्रुप (Antfin Netherlands Holding BV के माध्यम से) |
लक्ष्य कंपनी | वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (Paytm) |
बिक्री का प्रकार | बल्क डील (BSE और NSE पर) |
बेची गई हिस्सेदारी | 4% (लगभग 2.55 करोड़ शेयर) |
अनुमानित सौदा मूल्य | ₹2,066 करोड़ |
न्यूनतम शेयर मूल्य | ₹809.75 |
पिछला बंद मूल्य (NSE) | ₹866.05 |
छूट | ~6.5% |
सौदे में शामिल निवेश बैंकर्स:
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गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड
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सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
पृष्ठभूमि और संदर्भ:
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एंट ग्रुप, अलीबाबा समूह की सहयोगी कंपनी है, जो पहले एंट फाइनेंशियल के नाम से जानी जाती थी।
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एंट और अलीबाबा ने मिलकर 2015 से अब तक पेटीएम में लगभग 851 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
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पेटीएम, नोएडा स्थित एक अग्रणी भारतीय फिनटेक कंपनी है जो मोबाइल पेमेंट्स, डिजिटल वॉलेट, यूपीआई और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है।
हिस्सेदारी बिक्री के उद्देश्य:
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एंट ग्रुप द्वारा पोर्टफोलियो में संतुलन बनाना।
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भारतीय स्टार्टअप में लंबे समय से किए गए निवेश का मुद्रीकरण।
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विदेशी निवेशों से धीरे-धीरे बाहर निकलना, विशेष रूप से चीन में कड़े विनियमन के चलते।
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भारतीय फिनटेक बाजार में घरेलू और संस्थागत निवेशकों के लिए अवसर पैदा करना।
महत्व:
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यह भारतीय टेक कंपनियों से विदेशी निवेशकों के बाहर निकलने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
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भारत के पब्लिक मार्केट की परिपक्वता को प्रदर्शित करता है जो इतने बड़े सेकेंडरी लेनदेन को संभाल सकता है।
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इससे पेटीएम के शेयरों में अल्पकालिक अस्थिरता आ सकती है, लेकिन यह बाजार में तरलता भी प्रदान करेगा।
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यह दिखाता है कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था में वैश्विक निवेश की भावना किस दिशा में बदल रही है।