भारत और अंगोला के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लोरेन्सो ने मई 2025 में भारत की राजकीय यात्रा पूरी की। इस यात्रा के दौरान आयुर्वेद, कृषि और संस्कृति के क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, साथ ही भारत ने अंगोला के रक्षा क्षेत्र के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता (Line of Credit) को मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त, अंगोला ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की सदस्यता लेकर इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को मजबूती दी और ISA का 123वां सदस्य बना।
समाचार में क्यों?
अंगोला के राष्ट्रपति की यह राजकीय यात्रा मई 2025 की शुरुआत में हुई। यात्रा के दौरान पारंपरिक चिकित्सा, कृषि और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर अनेक समझौते किए गए। भारत द्वारा अंगोला को रक्षा खरीद के लिए 200 मिलियन डॉलर की LOC प्रदान की गई।
यात्रा के प्रमुख परिणाम
हस्ताक्षरित समझौते (MoUs):
आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा: पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता हुआ। इसके तहत ज्ञान आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि: कृषि तकनीकों, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी।
सांस्कृतिक सहयोग (2025–2029): दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, उत्सवों, प्रदर्शनियों और विद्वानों के बीच संवाद को प्रोत्साहन देने के लिए एक कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में अंगोला की सदस्यता:
अंगोला ने ISA फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर 123वां सदस्य बनकर स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई।
ISA, भारत की अगुआई में स्थापित पहल है जो कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित सौर-संपन्न देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
रक्षा क्षेत्र में ऋण सहायता (LOC)
भारत ने अंगोला को रक्षा उपकरणों और सेवाओं की खरीद के लिए 200 मिलियन डॉलर की LOC प्रदान की।
यह “मेक इन इंडिया” के तहत भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा सहयोग मजबूत करने की नीति का हिस्सा है।
पृष्ठभूमि और महत्व:
अंगोला दक्षिण अफ्रीका क्षेत्र का ऊर्जा-सम्पन्न देश है और भारत की अफ्रीका नीति में एक प्रमुख भागीदार है। भारत ने अफ्रीका में क्षमता निर्माण और विकास सहयोग के लिए निरंतर प्रशिक्षण, अनुदान और रियायती ऋण सहायता प्रदान की है। यह यात्रा भारत और अंगोला के बीच रणनीतिक और बहुआयामी सहयोग की दिशा में परिपक्व होते संबंधों को दर्शाती है। साथ ही, ISA में अंगोला की सदस्यता से भारत की वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा कूटनीति को बल मिला है।
नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…
भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…
जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…
जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…