केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर में ‘रानी गाइदिन्ल्यू ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम (Rani Gaidinliu Tribal Freedom Fighters Museum)’ की नींव रखी। यह संग्रहालय मणिपुर के तामेंगलोंग (Tamenglong) जिले के लुआंगकाओ (Luangkao) गांव में स्थापित किया जाएगा, जो स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्ल्यू का जन्मस्थान है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा 15 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से प्रस्तावित संग्रहालय की स्थापना की जा रही है। स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में ऐसा संग्रहालय युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना जगाएगा।
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रानी गाइदिन्ल्यू के बारे में:
- रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म 26 जनवरी, 1915 को मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के नुंगकाओ गांव में हुआ था। वह एक आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता थीं, जो मणिपुर की रोंगमेई जनजाति से ताल्लुक रखती थीं।
- 13 साल की उम्र में, वह स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गईं और बाद में अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन का नेतृत्व किया।
- 1932 में, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने 14 साल जेल में बिताए और 1947 में भारत की आजादी के बाद ही रिहा हुई।