पनामा पेपर बाहर आने के लगभग अठारह महीनों बाद, अन्वेषक पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय कंसोर्टियम (ICIJ) द्वारा ‘पैराडाइस पेपर्स’ नामक गुप्त वित्तीय आंकड़ों का एक बड़ा कोष लीक हो गया है. बरमूडा स्थित फर्म Appleby और सिंगापुर स्थित असियासिटी ट्रस्ट से प्राप्त नए रिकॉर्ड में, ‘पैराडाइस पेपर्स’ नामका 13.4 मिलियन दस्तावेजों का एक कोष सामने आया है.
यह जर्मन अख़बार Suddeutsche Zeitung द्वारा प्राप्त किया गया था और यह टरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ़ इन्व्हेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा 96 समाचार संगठनों के साथ साझेदारी में काम कर रहे था. पैराडाइस पेपर, 19 गुप्त न्यायालयों में सरकार द्वारा बनाए गए कॉर्पोरेट रजिस्ट्रियों को भी ध्यान में रखते हैं, जिन्हें अक्सर ‘टैक्स हेवन’ कहा जाता है.
पनामा पत्रों को लीक करने वाले मोसाक फोन्सेका( Mossack Fonseca) की तरह, Appleby ने कई गोपनीयता अधिकार क्षेत्राधिकार में बैंकों और बैंकों के शेयरों को स्थानांतरित करने, विदेशी कंपनियों और बैंक खातों की स्थापना करने में मदद की है. इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ़ इन्टेक्टीवेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) के हिस्से वाले इंडियन एक्सप्रेस, ने बताया है की आकड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले 180 देशों में से, भारत में नामों की संख्या के मामले में भारत 19 वें स्थान पर है. पैराडाइस पेपर का उद्देश्य छिपी हुई अपतटीय वित्तीय गतिविधियों के ट्रेल्स का पर्दाफाश करना है.
सूची में लगभग 714 भारतीय हैं इसमें महारानी एलिजाबेथ II, U2 बैंड बोनो के प्रमुख गायक और अमेरिकी गायक मैडोना जैसे प्रसिद्ध हस्तियों के नामों का पता चला है. भारतीय पक्ष के कुछ महत्वपूर्ण नाम संसद सदस्य संविधान रवींद्र किशोर सिन्हा, पूर्व कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया, बिजनेस टाइकून विजय माल्या और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा है.
अन्वेषक पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय कंसोर्टियम (ICIJ) के विषय में – - ICIJ 70 देशों में 200 से अधिक शोधकर्ता पत्रकारों का एक वैश्विक नेटवर्क है, जो गहन खोजी कहानियों पर कार्य करते हैं.यह 1997 में अमेरिकी पत्रकार चक लुईस द्वारा स्थापित किया गया था.
- इसका मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में है.
स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस