सार्क सदस्य श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल आर्थिक गतिरोध से जूझ रहा है और अफगानिस्तान इस्लामी तालिबान के नियंत्रण में है जिसके कारण सार्क का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इससे भारत के पास अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए अपने पड़ोसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। विडंबना यह है कि अफगानिस्तान में तालिबान वर्तमान में अपने शिक्षक, पाकिस्तान सेना के साथ एक उग्र युद्ध में उलझे हुए हैं, जो डूरंड रेखा को मान्यता देने से इनकार करते हैं, जो दोनों देशों के बीच पश्तून जनजाति को विभाजित करती है।
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प्रमुख बिंदु:
पार्श्वभूमि:
18 सितंबर, 2016 को, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 19 भारतीय सेना के जवान मारे गए और दो अन्य घायल हो गए। नेपाल को छोड़कर सभी सार्क देशों ने भारत के साथ शिखर सम्मेलन से वाकआउट किया।
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