आदि कर्मयोगी अभियान: उत्तरदायी शासन के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जनजातीय नेतृत्व कार्यक्रम शुरू

आदि कर्मयोगी अभियान (Adi Karmayogi Abhiyan), जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 19 अगस्त 2025 को शुरू किया गया, भारत की जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने की एक ऐतिहासिक पहल है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा जनजातीय नेतृत्व कार्यक्रम कहा जा रहा है, जिसका लक्ष्य 1 लाख जनजाति-प्रधान गाँवों में 20 लाख परिवर्तनकारी नेतृत्वकर्ताओं (Change Leaders) को संगठित करना है। यह अभियान विकसित भारत 2047 की दृष्टि के अनुरूप, जनकेंद्रित और समावेशी विकास मॉडल की नींव रखता है।

मूल दृष्टि और दर्शन

आदि कर्मयोगी अभियान की प्रेरणा तीन आदर्शों से ली गई है:

  • सेवा

  • संकल्प

  • समर्पण

ये सिद्धांत शासन की उस समावेशी भावना को प्रतिबिंबित करते हैं, जिसे “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” कहा गया है। यह पहल जनजातीय गौरव वर्ष का केंद्रीय हिस्सा है, जो भारत की जनजातीय विरासत और भविष्य का उत्सव मनाता है।

अभियान के प्रमुख उद्देश्य

  • उत्तरदायी और जन-चालित शासन को सभी स्तरों पर बढ़ावा देना।

  • गवर्नेंस लैब कार्यशालाएँ (Governance Lab Workshops) आयोजित कर राज्य से लेकर गाँव स्तर तक अधिकारियों की क्षमता बढ़ाना।

  • जनजातीय समुदायों के साथ मिलकर “1 लाख जनजातीय गाँव – विज़न 2030” तैयार करना, जिसमें लक्ष्य, निवेश और स्थानीय रणनीतियाँ निर्धारित हों।

  • 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 550 ज़िलों में 20 लाख जनजातीय नेतृत्वकर्ताओं का नेटवर्क बनाना।

प्रमुख घटक और परिणाम

1. आदि सेवा केंद्र (Adi Sewa Kendra)

  • जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित सेवा केंद्र

  • अधिकारी और समुदाय सदस्य “आदि सेवा समय” देंगे (प्रत्येक पखवाड़े 1–2 घंटे)

  • स्थानीय समस्याओं का समाधान, युवाओं का मार्गदर्शन और गाँव के विकास कार्यों पर ध्यान

2. गवर्नेंस लैब कार्यशालाएँ (Governance Lab Workshops)

  • प्रशासनिक स्तरों पर समस्याओं के समाधान हेतु प्रक्रिया प्रयोगशालाएँ

  • 10 जुलाई 2025 से सक्रिय

  • राज्य, ज़िला और ब्लॉक मास्टर ट्रेनरों की क्षमता-वृद्धि केंद्र

3. जनजातीय गाँव कार्ययोजना (Tribal Village Action Plans)

  • प्रत्येक जनजातीय गाँव द्वारा विज़न 2030 रोडमैप तैयार

  • सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप

  • सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं की संतृप्ति (Saturation) सुनिश्चित

4. सामुदायिक नेतृत्व और स्वयंसेवी नेटवर्क

  • आदि सहयोगी (Adi Sahyogi): शिक्षक, डॉक्टर, मेंटर जैसे पेशेवर मार्गदर्शन देंगे।

  • आदि साथी (Adi Saathi): स्थानीय हितधारक—स्वयं सहायता समूह (SHGs), एनआरएलएम सदस्य, जनजातीय बुज़ुर्ग और युवा नेता—क्रियान्वयन व जागरूकता में भाग लेंगे।

  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और स्थानीय नेताओं को शासन, समस्या समाधान और सामाजिक गतिशीलता में प्रशिक्षित किया जाएगा।

राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ एकीकरण

यह अभियान कई प्रमुख योजनाओं से जुड़ा हुआ है:

  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

  • प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM JANMAN)

  • राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन

इनसे मिलकर यह जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक समग्र और मिशन मोड विकास रणनीति प्रदान करता है।

सामरिक महत्व

आदि कर्मयोगी अभियान केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह एक प्रणालीगत बदलाव है जो शासन के केंद्र में जनजातीय नागरिकों को स्थापित करता है।

  • यह समुदायों को योजना और समस्या-समाधान की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाता है।

  • जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक ढाँचा मज़बूत करता है।

  • जनजातीय जनसंख्या को अपने विकास यात्रा का निर्माता बनने का अवसर देता है।

  • इससे विश्वास, जवाबदेही और सतत प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।

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vikash

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