भारत के ईंधन खुदरा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, अडाणी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) और रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड (जियो-बीपी) ने एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां एक-दूसरे के ईंधन उत्पादों को चुनिंदा आउटलेट्स पर वितरित करेंगी। यह सहयोग निजी क्षेत्र के दो दिग्गजों के बीच हुआ है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के प्रभुत्व वाले बाजार में अपने पदचिह्न को मजबूत करना है।
क्यों है यह खबर में?
-
25 जून 2025 को यह साझेदारी सार्वजनिक की गई।
-
यह अडाणी समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के बीच कुछ महीनों के भीतर हुआ दूसरा बड़ा करार है।
-
साझेदारी से ईंधन खुदरा बाजार में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी और उपभोक्ता सेवा में सुधार होगा।
साझेदारी के प्रमुख बिंदु
म्यूचुअल फ्यूल डिस्पेंसिंग (आपसी ईंधन वितरण):
-
ATGL के स्टेशनों पर अब जियो-बीपी का पेट्रोल और डीज़ल मिलेगा।
-
चुनिंदा जियो-बीपी स्टेशनों पर ATGL की CNG यूनिट लगाई जाएगी।
भौगोलिक कवरेज:
-
केवल उन क्षेत्रों (GAs) में लागू जहां दोनों कंपनियों को अधिकृत किया गया है।
लक्ष्य:
-
एक-दूसरे की अवसंरचना (infrastructure) का लाभ उठाना और उपभोक्ताओं के लिए अनुभव बेहतर बनाना।
कंपनियों के बारे में
अडानी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL):
-
अडाणी ग्रुप और फ्रांस की TotalEnergies की संयुक्त कंपनी।
-
650+ CNG स्टेशन संचालित करती है।
-
CBG, EV चार्जिंग और LNG जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है।
जियो-बीपी:
-
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और ब्रिटेन की bp की संयुक्त कंपनी।
-
भारत में लगभग 2,000 फ्यूल स्टेशन संचालित करती है।
-
ईंधन रिटेल, लो-कार्बन ईंधन और आधुनिक रिटेल सुविधाओं पर फोकस।
महत्त्वपूर्ण प्रभाव
-
उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर सुविधा मिलेगी।
-
निजी कंपनियां अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (HPCL, BPCL, IOC) के 90% बाजार हिस्से को चुनौती दे सकेंगी।
-
नेटवर्क दोहराव (duplication) से बचते हुए अवसंरचना का बेहतर उपयोग होगा।
हाल की पृष्ठभूमि
-
मार्च 2025 में रिलायंस ने महान एनर्जन लिमिटेड (Adani Power की सहायक कंपनी) में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी।
-
यह करार भारत की ऊर्जा प्रणाली में कॉरपोरेट सहयोग के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
यह साझेदारी भारत में ऊर्जा और ईंधन क्षेत्र में एक नई प्रतिस्पर्धात्मकता और संवेदनशील साझेदारी का प्रतीक है, जिससे अंततः उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी और निजी कंपनियों की भूमिका और सशक्त होगी।