ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के आधिकारिक गीत ‘ब्रिंग इट होम’ का अनावरण

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का आधिकारिक गीत जारी किया है, जिसका शीर्षक ‘ब्रिंग इट होम’ रखा गया है। इस एंथम को मशहूर पार्श्वगायिका श्रेया घोषाल ने गाया है। यह गीत महिला क्रिकेट की जुनून, दृढ़ता और एकता की भावना को दर्शाता है और टूर्नामेंट से पहले प्रशंसकों में जोश और उत्साह भरने का संदेश देता है। महिला क्रिकेट विश्व कप का यह 13वाँ संस्करण भारत और श्रीलंका के विभिन्न स्थानों पर 30 सितम्बर से 2 नवम्बर 2025 तक खेला जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की सबसे प्रतिक्षित प्रतियोगिताओं में से एक है।

गीत: ‘ब्रिंग इट होम’

श्रेया घोषाल द्वारा गाया गया यह एंथम ताल, धुन और भावनाओं का ऊर्जावान मिश्रण है। इसमें “तरिकिटा तरिकिटा तरिकिटा धॉम” जैसे आकर्षक हुक और “धक-धक, वी ब्रिंग इट होम” जैसी धड़कन-प्रेरित बीट्स शामिल हैं, जो क्रिकेट की ऊर्जा और महिला खिलाड़ियों के सपनों का प्रतीक हैं। इसके बोल एकता, संघर्ष और दृढ़ संकल्प का उत्सव मनाते हैं, जैसे पंक्ति – “पत्थर पिघलाना है, एक नया इतिहास बनाना है”, जो महिला क्रिकेटरों की अटूट जिजीविषा को दर्शाता है।

महिला विश्व कप 2025: टूर्नामेंट अवलोकन

  • तिथियाँ: 30 सितम्बर – 2 नवम्बर 2025

  • आयोजक देश: भारत और श्रीलंका

  • स्थान:

    • डी.वाई. पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई

    • एसीए स्टेडियम, गुवाहाटी

    • होल्कर स्टेडियम, इंदौर

    • एसीए-वीडीसीए स्टेडियम, विशाखापट्टनम

    • आर. प्रेमदासा स्टेडियम, कोलंबो (श्रीलंका)

एंथम का महत्व

  • सांस्कृतिक जुड़ाव: भारतीय शास्त्रीय लय (तरिकिटा धॉम) को आधुनिक ऊर्जा से जोड़ता है।

  • वैश्विक एकता: क्रिकेट को राष्ट्रों और समुदायों को जोड़ने वाली शक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है।

  • महिला क्रिकेट का प्रचार: महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और विरासत को उजागर करता है, साथ ही खेलों में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देता है।

त्वरित तथ्य

  • गीत का शीर्षक: ब्रिंग इट होम

  • गायिका: श्रेया घोषाल

  • कार्यक्रम: आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का आधिकारिक एंथम

  • लॉन्च तिथि: सितम्बर 2025

  • आईसीसी मुख्यालय: दुबई, यूएई

  • अध्यक्ष: जय शाह

जस्टिस पवनकुमार बजंथरी पटना हाईकोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस बने

जस्टिस पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी ने रविवार, 21 सितंबर को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। वो उच्च न्यायालय के 46वें चीफ जस्टिस बने हैं। पटना स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अब तक जस्टिस बजंथरी पटना हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।

न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी के बारे में

  • वरिष्ठ न्यायाधीश, जिनके पास न्यायिक कार्य का व्यापक अनुभव है।

  • मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले वे विभिन्न उच्च न्यायालयों में सेवारत रहे।

  • उन्होंने संवैधानिक मुद्दों और न्यायिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • उनका उत्थान, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और भारत सरकार द्वारा अनुमोदित न्यायिक पुनर्संरचना का हिस्सा है।

नियुक्ति का महत्व

  • न्यायिक नेतृत्व: पटना उच्च न्यायालय के प्रशासन, मामलों के प्रबंधन और सुधारों का नेतृत्व करेंगे।

  • बिहार न्यायपालिका को मजबूती: लंबित मामलों को निपटाने और न्यायिक बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

  • न्यायिक स्थानांतरण व पदोन्नति का हिस्सा: हाल ही में कई उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए हैं।

पटना उच्च न्यायालय – संक्षिप्त जानकारी

  • स्थापना: 1 मार्च 1916

  • उद्घाटन: भारत के गवर्नर-जनरल एवं वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने किया।

  • अधिकार क्षेत्र: सम्पूर्ण बिहार राज्य

  • विशेषता: संवैधानिक, आपराधिक और सामाजिक-आर्थिक मामलों पर ऐतिहासिक फैसले देने वाला न्यायालय।

त्वरित तथ्य 

  • घटना: पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह

  • स्थान: राजभवन, पटना

  • नए मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी

  • शपथ दिलाई: बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान

  • पहले मुख्य न्यायाधीश: जस्टिस एडवर्ड मेनार्ड डेस चैंप्स चामीयर

  • बिहार के राज्यपाल (2025): अरिफ मोहम्मद खान

भारतीय स्केटर अनीश राज ने विश्व चैंपियनशिप 2025 में ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया

भारत के जूनियर स्पीड स्केटर आनिश राज ने चीन के बेइदाईहे में आयोजित 73वीं इनलाइन स्पीड वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रच दिया। उन्होंने जूनियर पुरुष वन-लैप रोड स्प्रिंट में 39.714 सेकंड का समय लेते हुए कांस्य पदक जीता। यह इस श्रेणी में भारत का पहला पदक है, जिसने रोलर स्पोर्ट्स में भारत की उपस्थिति को वैश्विक मानचित्र पर दर्ज कर दिया।

प्रतियोगिता विवरण

  • इवेंट: 73वीं इनलाइन स्पीड वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025

  • तिथियाँ: 13–21 सितम्बर 2025

  • स्थान: बेइदाईहे, चीन

  • भागीदारी: 42 देश, जूनियर और सीनियर वर्ग के विश्व के सबसे तेज़ स्केटर्स

  • भारतीय टीम: 19 खिलाड़ी, कई स्पर्धाओं में हिस्सा लेते हुए

आनिश राज का प्रदर्शन

  • स्पर्धा: जूनियर पुरुष वन-लैप रोड स्प्रिंट

  • समय: 39.714 सेकंड

  • परिणाम: कांस्य पदक (इस श्रेणी में भारत का पहला पदक)

पूर्व उपलब्धियाँ

  • स्वर्ण पदक – 20वीं एशियन रोलर-स्केटिंग चैंपियनशिप, दक्षिण कोरिया (14 देशों के खिलाड़ी शामिल)

  • भारतीय राष्ट्रीय टीम में चयन – 2025 की ट्रायल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन के आधार पर

भारतीय खेलों के लिए महत्व

  • ऐतिहासिक प्रथम: इस श्रेणी में विश्व चैंपियनशिप स्तर पर भारत का पहला पदक।

  • रोलर स्पोर्ट्स को बढ़ावा: यूरोप और पूर्वी एशिया के दबदबे वाले खेल में भारत की बढ़ती उपस्थिति।

  • युवाओं के लिए प्रेरणा: गैर-परंपरागत खेलों में भी उत्कृष्टता हासिल करने का उत्साह।

  • वैश्विक पहचान: क्रिकेट, बैडमिंटन और हॉकी से आगे बढ़कर भारत की खेल क्षमता का विस्तार।

त्वरित तथ्य 

  • प्रतियोगिता: 73वीं इनलाइन स्पीड वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025

  • स्थान: बेइदाईहे, चीन

  • तिथियाँ: 13–21 सितम्बर 2025

  • पदक: कांस्य – जूनियर पुरुष वन-लैप रोड स्प्रिंट (39.714 सेकंड)

  • खिलाड़ी: आनिश राज

  • महत्व: इस श्रेणी में भारत का पहला पदक

प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में 34,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के दौरान भारत के समुद्री क्षेत्र और गुजरात के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में ₹34,200 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की आधारशिला रखी और लोकार्पण किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा – “चिप्स हों या शिप्स, बनना भारत में चाहिए।” इस अवसर पर पीएम मोदी ने बड़े जहाज़ों को आधिकारिक रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया, जो भारत के शिपबिल्डिंग इकोसिस्टम को मज़बूत करेगा और विदेशी शिपिंग पर निर्भरता घटाएगा। यह कदम भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा।

मुख्य बिंदु

समुद्री क्षेत्र सुधार एवं घोषणाएँ

  • बड़े जहाज़ों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा, वित्तीय सहायता हेतु नए अवसर।

  • “वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट” और “वन नेशन, वन पोर्ट प्रोसेस” से व्यापार प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण।

  • ₹70,000 करोड़ निवेश – तीन प्रमुख योजनाओं में सहयोग:

    • शिपबिल्डिंग के लिए वित्तीय सहायता

    • एडवांस्ड टेक्नोलॉजी अपनाना

    • आधुनिक डिज़ाइन और गुणवत्ता उन्नयन

प्रमुख समुद्री परियोजनाएँ

  • मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल

  • नए कंटेनर टर्मिनल – कोलकाता और पारादीप

  • मल्टी-कार्गो टर्मिनल – टुना टेकड़ा

  • अपग्रेडेशन – कामराजार, चेन्नई, कार निकोबार, दीनदयाल पोर्ट्स

  • शिप रिपेयर हब्स – पटना और वाराणसी

गुजरात की प्रमुख परियोजनाएँ

  • ऊर्जा क्षेत्र: सोलर फीडर, एचपीएलएनजी टर्मिनल, एक्रिलिक्स और ऑक्सो अल्कोहल परियोजनाएँ

  • स्वास्थ्य क्षेत्र: भावनगर और जामनगर में अस्पताल विस्तार

  • कनेक्टिविटी: 70 किमी राजमार्ग विस्तार, मालवाहक गलियारे से एकीकरण

  • सतत विकास: सोलराइज्ड गाँव, एलएनजी अवसंरचना, तटीय सुरक्षा कार्य

रणनीतिक और आर्थिक महत्व

  • भारत हर साल विदेशी शिपिंग सेवाओं पर लगभग ₹6 लाख करोड़ खर्च करता है – जो रक्षा बजट के बराबर है।

  • लक्ष्य: 2047 तक वैश्विक समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी तीन गुना करना।

  • शिपबिल्डिंग में ₹1 का निवेश = ₹2 की आर्थिक वापसी

  • हर 100 शिपयार्ड नौकरियों से 600+ अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न।

  • गुजरात के बंदरगाह भारत के कुल कार्गो का 40% संभालते हैं।

स्थिर तथ्य 

  • भारत की तटरेखा: लगभग 7,500 किमी

  • वैश्विक समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी: 10%

  • भारतीय नाविक (2014): < 1.25 लाख

  • भारतीय नाविक (2025): > 3 लाख

  • भारतीय जहाज़ों से वर्तमान शिपिंग व्यापार: केवल 5%

  • वधावन पोर्ट परियोजना (महाराष्ट्र) लागत: ₹75,000 करोड़

  • राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (लोथल) लागत: ₹4,500 करोड़

  • समुद्री क्षेत्र की कुल परियोजनाएँ: ₹7,870 करोड़

  • गुजरात में अन्य विकास परियोजनाएँ: ₹26,354 करोड़

स्मृति मंधाना ने तोड़ा विराट कोहली का रिकॉर्ड, बनीं सबसे तेज वनडे सेंचुरी लगाने वाली भारतीय खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट स्टार स्मृति मंधाना ने नया इतिहास रचते हुए वनडे क्रिकेट में किसी भी भारतीय द्वारा सबसे तेज़ शतक जड़ा। 20 सितम्बर 2025 को अरुण जेटली स्टेडियम, नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में उन्होंने सिर्फ 50 गेंदों पर शतक पूरा किया। इस तरह उन्होंने विराट कोहली का 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए गए 52 गेंदों वाले शतक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब मंधाना भारत की पुरुष और महिला—दोनों क्रिकेट में सबसे तेज़ ODI सेंचुरी बनाने वाली खिलाड़ी बन गई हैं।

रिकॉर्ड तोड़ पारी

  • मंधाना ने 65 गेंदों पर 125 रन बनाए।

  • उनकी पारी में 17 चौके और 5 छक्के शामिल रहे।

  • उन्होंने शतक एक शानदार मिडविकेट के ऊपर छक्के से पूरा किया।

  • भारत को 413 रनों के लक्ष्य का पीछा करना था, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 412/7 का विशाल स्कोर बनाया था।

  • मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की, लेकिन त्वरित विकेट गिरने से भारत मैच और सीरीज़ हार गया।

महिला वनडे में सबसे तेज़ शतक (गेंदों के आधार पर)

  • 45 गेंद – मेग लैनिंग बनाम न्यूज़ीलैंड, 2012 (नॉर्थ सिडनी ओवल)

  • 50 गेंद – स्मृति मंधाना बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2025 (नई दिल्ली)

  • 57 गेंद – कैरेन रॉल्टन बनाम साउथ अफ्रीका, 2000 (लिंकन)

  • 57 गेंद – बेथ मूनी बनाम भारत, 2025 (नई दिल्ली)

  • 59 गेंद – सोफी डिवाइन बनाम आयरलैंड, 2018 (डबलिन)

  • 60 गेंद – चमारी अटापट्टू बनाम न्यूज़ीलैंड, 2023 (गाले)

मंधाना का शतक महिला वनडे इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ शतक है, केवल मेग लैनिंग (45 गेंद) से पीछे।

विराट कोहली का रिकॉर्ड टूटा

  • विराट कोहली का 52 गेंदों का शतक (बनाम ऑस्ट्रेलिया, जयपुर 2013) अब पीछे छूट गया।

  • यह रिकॉर्ड एक दशक से अधिक समय तक उनके नाम था।

  • मंधाना पहले से ही भारत की ओर से महिला वनडे में सबसे तेज़ शतक (70 गेंद बनाम आयरलैंड, 2017 राजकोट) का रिकॉर्ड रखती थीं, अब उन्होंने इसे और 20 गेंदों से सुधार लिया

मैच का संदर्भ: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, तीसरा वनडे 2025

  • ऑस्ट्रेलिया की पारी: बेथ मूनी 138 (75 गेंद), टीम स्कोर – 412/7

  • भारत की पारी: स्मृति मंधाना – 125 (65 गेंद), हरमनप्रीत कौर के साथ 121 रन की साझेदारी

  • भारतीय गेंदबाज़ी: दीप्ति शर्मा – 10 ओवर, 68 रन, 1 विकेट (सबसे किफायती)

  • सीरीज़: 1-1 से बराबरी के बाद यह निर्णायक मैच था, जिसे भारत हार गया।

मुख्य तथ्य 

  • 2025 महिला वनडे विश्व कप मेज़बान: भारत (30 सितम्बर से)

  • स्मृति मंधाना: बाएँ हाथ की ओपनर, ICC महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर (2018, 2021)

  • वैश्विक रिकॉर्ड (ODI में सबसे तेज़ शतक): 31 गेंद – एबी डिविलियर्स बनाम वेस्टइंडीज, 2015

  • पिछला भारतीय रिकॉर्ड: विराट कोहली – 52 गेंद बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2013 (जयपुर)

  • महिला वनडे में दूसरा सबसे तेज़ शतक (विश्व स्तर पर): स्मृति मंधाना – 50 गेंद, 2025

पीयूष गोयल ने औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली 3.0 का शुभारंभ किया

मेक इन इंडिया पहल के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 20 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में इंडस्ट्रियल पार्क रेटिंग सिस्टम (IPRS) 3.0 लॉन्च किया। इसे उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग से विकसित किया है। यह तीसरा संस्करण भारत के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत बनाने और वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए उन्नत मानकों को पेश करता है।

IPRS 3.0 की प्रमुख विशेषताएँ

  • सततता और हरित अवसंरचना (Sustainability & Green Infrastructure): पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं पर ज़ोर।

  • लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी: आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता का आकलन।

  • डिजिटलीकरण: स्मार्ट अवसंरचना और डिजिटल टूल्स का उपयोग।

  • कौशल संबंध (Skill Linkages): औद्योगिक आवश्यकताओं और कार्यबल प्रशिक्षण का समन्वय।

  • किरायेदार प्रतिक्रिया (Tenant Feedback): औद्योगिक इकाइयों से रीयल-टाइम मूल्यांकन।

रेटिंग श्रेणियाँ 

  1. लीडर्स (Leaders): विश्वस्तरीय अवसंरचना और प्रतिस्पर्धा क्षमता वाले पार्क।

  2. चैलेंजर्स (Challengers): मज़बूत प्रदर्शनकर्ता, विस्तार की संभावना के साथ।

  3. अस्पायरर्स (Aspirers): उभरते हुए पार्क जिनमें विकास की क्षमता है।

मेक इन इंडिया के लिए महत्व

  • निवेशक विश्वास: पारदर्शी रेटिंग और विश्वसनीय डेटा से वैश्विक निवेशकों को भरोसा।

  • स्वस्थ प्रतिस्पर्धा: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बेहतर अवसंरचना के लिए प्रोत्साहन।

  • रोज़गार सृजन: उन्नत पार्क = अधिक औद्योगिक इकाइयाँ और नए रोज़गार।

  • नीति मार्गदर्शन: सरकार को कमियाँ पहचानने और श्रेष्ठ प्रथाएँ अपनाने में मदद।

  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारत को सतत और समावेशी निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना।

NICDC प्रगति 

  • 20 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क और स्मार्ट शहर विकसित हो रहे हैं।

  • इनमें से: 4 पूर्ण, 4 निर्माणाधीन, शेष बोली प्रक्रिया में।

परीक्षा हेतु स्थिर तथ्य 

  • लॉन्च करने वाले: पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री

  • तिथि: 20 सितंबर 2025

  • अवसर: मेक इन इंडिया के 10 वर्ष

  • विकासकर्ता: DPIIT, ADB के सहयोग से

  • पायलट चरण: 2018

  • IPRS 2.0: 2021

  • IPRS 3.0 के पैरामीटर:

    • सततता और हरित अवसंरचना

    • लॉजिस्टिक्स व कनेक्टिविटी

    • डिजिटलीकरण

    • कौशल संबंध

    • किरायेदार प्रतिक्रिया

  • श्रेणियाँ: लीडर्स, चैलेंजर्स, अस्पायरर्स

28वीं यूपीयू कांग्रेस में भारत प्रशासन एवं डाक संचालन परिषद के लिए पुनः निर्वाचित

भारत को दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस के दौरान काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (CA) और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल (POC) दोनों में पुनः निर्वाचित किया गया। संचार मंत्रालय ने इसे इंडिया पोस्ट के नेतृत्व, सुधारों और डिजिटल नवाचारों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता बताया, जो डाक क्षेत्र में भारत के वैश्विक प्रभाव को और सशक्त करता है।

पुनर्निर्वाचन का महत्व

  • वैश्विक विश्वास: भारत के डाक सुधारों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भरोसा।

  • नेतृत्व की भूमिका: वैश्विक डाक शासन और तकनीकी संचालन में भारत की भूमिका और मजबूत।

  • डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल वित्तीय समावेशन और आधुनिकीकरण में इंडिया पोस्ट की उपलब्धियों की स्वीकृति।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह पुनर्निर्वाचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के कूटनीतिक प्रयासों से संभव हुआ है।

भारत का योगदान

  • सदस्यता: 1876 से (लगभग 150 वर्षों से सक्रिय भागीदारी)।

  • योगदान: अंतरराष्ट्रीय डाक सहयोग को मजबूत करने में निरंतर भूमिका।

  • नवाचार: डिजिटल भुगतान सेवाएँ, वित्तीय समावेशन योजनाएँ, और ई-कॉमर्स एकीकरण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा अर्जित।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU): परिचय

  • स्थापना: 1874 (बर्न, स्विट्ज़रलैंड)

  • विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र एजेंसी बनी: 1948

  • मुख्यालय: बर्न, स्विट्ज़रलैंड

  • सदस्य देश: 192

  • मुख्य उद्देश्य: डाक क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और एकसमान, कुशल डाक सेवाओं का नेटवर्क सुनिश्चित करना।

UPU की प्रमुख परिषदें

  • काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (CA): नीतिगत, नियामक और प्रशासनिक मामलों का संचालन।

  • पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल (POC): तकनीकी एवं परिचालन संस्था; आधुनिकीकरण, डिजिटल सेवाओं और वैश्विक मानकों पर कार्य।

भारत का इन दोनों परिषदों में पुनर्निर्वाचन वैश्विक नीति-निर्माण और तकनीकी नवाचारों में उसकी निरंतर प्रभावशाली भूमिका को सुनिश्चित करता है।

त्वरित तथ्य

  • कार्यक्रम: 28वां यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस, दुबई

  • भारत की उपलब्धि: CA और POC दोनों में पुनर्निर्वाचन

  • केंद्रीय मंत्री: ज्योतिरादित्य सिंधिया (संचार)

  • UPU स्थापना: 1874 (बर्न, स्विट्ज़रलैंड)

  • UN विशेष एजेंसी बनी: 1948

  • वर्तमान सदस्य देश: 192

  • भारत की सदस्यता: 1876

  • मुख्यालय: बर्न, स्विट्ज़रलैंड

  • UPU कांग्रेस: हर 4 वर्ष में आयोजित; सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत धोरडो गुजरात का चौथा सौर गांव बना

गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित धोरडो गाँव ने सतत ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रच दिया है। यह गाँव अब राज्य का चौथा ऐसा गाँव बन गया है, जो पूरी तरह सौर ऊर्जा (Solar Energy) से संचालित है। धोरडो, जिसे UNWTO (संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन) ने “विश्व का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव” घोषित किया था, अब नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में भी एक उदाहरण बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को 20 सितंबर 2025 को भावनगर में आयोजित “समुद्र से समृद्धि” कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को समर्पित किया।

धोरडो का सौरकरण 

  • पहल (Initiative): पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

  • कार्यान्वयन: हर आवासीय बिजली कनेक्शन का सौरकरण

  • कवरेज: 81 घरों में सोलर रूफ़टॉप सिस्टम लगाए गए

  • स्थापित क्षमता (Installed Capacity): 177 किलोवाट

  • अपेक्षित उत्पादन (Annual Output): 2.95 लाख यूनिट प्रति वर्ष

इस परियोजना से गाँव वालों के बिजली बिल में भारी बचत होगी और अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड को बेचकर आमदनी भी होगी।

गाँववासियों को आर्थिक लाभ

  • प्रति घर वार्षिक बचत: लगभग ₹16,064

  • गाँव का कुल वार्षिक लाभ: ₹13 लाख से अधिक (बचत + अतिरिक्त ऊर्जा से आय)

  • समर्थन: सरकारी सब्सिडी और बैंक लोन से सौरकरण किफायती बना।

  • सामुदायिक प्रभाव: सरपंच मियाँ हुसैन ने बताया कि इस पहल से बिजली बिल घटे हैं और आय के नए अवसर खुले हैं।

गुजरात के अन्य सौर गाँव

धोरडो, गुजरात के इन तीन सौर गाँवों के बाद चौथा गाँव बना है:

  1. मोढेरा (मेहसाणा ज़िला): भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव (अक्टूबर 2022)

  2. सुखी (खेड़ा ज़िला)

  3. मसाली (बनासकांठा ज़िला)

  4. धोरडो (कच्छ ज़िला) – 2025 में शामिल

यह उपलब्धि गुजरात की नवीकरणीय ऊर्जा नेतृत्व को और मजबूत करती है।

वृहद महत्व 

  • सतत विकास: भारत के नेट ज़ीरो 2070 लक्ष्य के अनुरूप।

  • ग्रामीण सशक्तिकरण: परिवारों पर बिजली खर्च का बोझ कम और अतिरिक्त आय का साधन।

  • पर्यटन संवर्धन: रण उत्सव और UNWTO मान्यता के साथ धोरडो अब ऊर्जा स्थिरता का वैश्विक मॉडल।

  • ऊर्जा सुरक्षा: विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा से पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घटेगी।

त्वरित तथ्य 

  • गाँव: धोरडो, कच्छ ज़िला, गुजरात

  • उपलब्धि: गुजरात का चौथा पूर्ण सौर गाँव

  • पहल: पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

  • भारत का पहला सौर गाँव: मोढेरा, गुजरात (2022)

  • UNWTO मुख्यालय: मैड्रिड, स्पेन

  • भारत का नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य: 2030 तक 500 GW, 2070 तक नेट ज़ीरो

  • रण कच्छ: विश्व का सबसे बड़ा लवण मरुस्थल, धोरडो गाँव और रण उत्सव का स्थल

केंद्रीय मंत्री ने भारत के डिजिटल व्यापार को मजबूत करने के लिए एलडीबी 2.0 का शुभारंभ किया

वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में 20 सितंबर 2025 को लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (LDB) 2.0 का शुभारंभ किया। यह लॉन्च “मेक इन इंडिया” के दस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हुआ और भारत की डिजिटल रूप से सशक्त, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह उन्नत प्लेटफ़ॉर्म रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग, मल्टी-मॉडल विज़िबिलिटी और हाई-सीज़ कंटेनर मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान करता है, जिससे विशेषकर MSMEs और निर्यातकों को लाभ होगा।

LDB 2.0 क्या है?

  • विकसित किया गया: NICDC Logistics Data Services (NLDSL) द्वारा

  • नए फीचर्स:

    • हाई-सीज़ कंटेनर ट्रैकिंग: अब निर्यातक कंटेनर को भारतीय बंदरगाह छोड़ने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय जल में ट्रैक कर सकेंगे।

    • मल्टी-मॉडल शिपमेंट विज़िबिलिटी: सड़क, रेल और समुद्र – तीनों माध्यमों को जोड़कर ट्रैकिंग।

    • ULIP APIs इंटीग्रेशन: यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफ़ेस प्लेटफ़ॉर्म (ULIP) से डेटा का सहज आदान-प्रदान।

    • लाइव कंटेनर हीटमैप: भारतभर में कंटेनरों का वितरण दिखाने वाली प्रणाली, जिससे नीति निर्माताओं को क्षेत्रीय असंतुलन और बाधाओं को पहचानने में मदद मिलेगी।

LDB 2.0 क्यों महत्वपूर्ण है?

निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा:

  • लॉजिस्टिक्स लागत कम करना

  • आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता सुधारना

  • वैश्विक बाजार में भारत की साख बढ़ाना

MSMEs और स्टार्टअप्स को सशक्त करना:

  • छोटे निर्यातकों को भी बड़े कॉर्पोरेट्स जैसी डेटा-आधारित सुविधाएँ मिलेंगी।

  • वैश्विक व्यापार में भागीदारी आसान होगी।

विकसित भारत @2047 का समर्थन:

  • भारत की डिजिटल लॉजिस्टिक्स रीढ़ को मजबूत करना

  • आत्मनिर्भर भारत और औद्योगिक विकास की अगली लहर के लिए तैयारी

सरकार की दृष्टि और नेतृत्व

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि LDB 2.0 सिर्फ तकनीकी अपग्रेड नहीं बल्कि एक रणनीतिक सुधार (Strategic Reform) है।
यह पहल, डेटा + पारदर्शिता + डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के संयोजन से भारत को एक निर्यात महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर करेगी।

यह सरकार की इन प्राथमिकताओं से जुड़ा है:

  • मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

  • ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को मजबूत करना

  • एकीकृत, निर्बाध लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम तैयार करना

मुख्य तथ्य 

  • लॉन्च तिथि: 20 सितंबर 2025

  • स्थान: नई दिल्ली

  • लॉन्च किया: श्री पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री

  • विकसित किया: NICDC Logistics Data Services (NLDSL)

  • प्रमुख फीचर्स: हाई-सीज़ कंटेनर ट्रैकिंग, मल्टी-मॉडल विज़िबिलिटी, ULIP इंटीग्रेशन, लाइव कंटेनर हीटमैप

  • संरेखण (Alignment): मेक इन इंडिया (10 वर्ष), विकसित भारत @2047, आत्मनिर्भर भारत

भारत ने कार्ल्सबर्ग रिज में पॉलीमेटेलिक सल्फाइड अन्वेषण के लिए विशेष अधिकार हासिल किए

पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 20 सितम्बर 2025 को एक ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा की। भारत को हिन्द महासागर के कार्ल्सबर्ग रिज क्षेत्र में पॉलीमेटालिक सल्फ़ाइड्स (PMS) की खोज के लिए विशेष अधिकार प्राप्त हुए हैं। समुद्री विज्ञान मंत्रालय (MoES) और इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (ISA) के बीच हुए 15 वर्ष के अनुबंध के तहत भारत को 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का अन्वेषण करने की अनुमति मिली है। इस उपलब्धि के साथ भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जिसके पास दो PMS अन्वेषण अनुबंध हैं। यह कदम भारत की गहरे समुद्री संसाधन खोज (Deep-Sea Exploration) में बढ़ती नेतृत्वकारी भूमिका और डीप ओशन मिशन के तहत ब्लू इकॉनमी पहलों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस उपलब्धि का महत्व

भारत की समुद्री उपस्थिति को मजबूती:
कार्ल्सबर्ग रिज़ में अधिकार हासिल करके भारत ने हिन्द महासागर में अपनी रणनीतिक उपस्थिति बढ़ाई है और भविष्य में संसाधनों के उपयोग के लिए राष्ट्रीय क्षमता विकसित की है।

डीप ओशन मिशन का समर्थन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किए गए डीप ओशन मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • समुद्र तल की खनिज संपदाओं का अन्वेषण

  • खनन तकनीकों का विकास

  • भारत की ब्लू इकॉनमी पहलों को सशक्त करना

नए अनुबंध से भारत की समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व की स्थिति मजबूत हुई है।

दो PMS अनुबंध रखने वाला पहला देश:
भारत अब इन क्षेत्रों में PMS अन्वेषण अनुबंध रखता है:

  • सेंट्रल इंडियन रिज़ और साउथवेस्ट इंडियन रिज़

  • कार्ल्सबर्ग रिज़ में नया PMS अनुबंध

इससे भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री तल पर PMS अन्वेषण क्षेत्र का सबसे बड़ा धारक बन गया है।

पॉलीमेटालिक सल्फ़ाइड्स (PMS) क्या हैं:
PMS समुद्र तल पर हाइड्रोथर्मल गतिविधि से बनने वाले मूल्यवान धातुओं के समृद्ध भंडार हैं।
मुख्य धातुएँ: लोहा, तांबा, जिंक, चांदी, सोना, प्लैटिनम
इनकी रणनीतिक और व्यावसायिक मूल्य के कारण PMS अन्वेषण पर वैश्विक ध्यान बढ़ रहा है।

भारत और ISA का 30 वर्षीय साझेदारी:

  • भारत अंतरराष्ट्रीय जल में Polymetallic Nodules के लिए सबसे पहले अन्वेषण क्षेत्र प्राप्त करने वाला देश था।

  • ISA द्वारा “Pioneer Investor” के रूप में मान्यता प्राप्त।

  • दो PMS अनुबंधों के साथ भारत समुद्री तल अन्वेषण में अपनी दीर्घकालीन नेतृत्व भूमिका को फिर से स्थापित करता है।

  • भारत 18–20 सितंबर 2025 को गोवा में 8वीं ISA वार्षिक ठेकेदार बैठक की मेजबानी करेगा।

मुख्य तथ्य:

  • घोषित किया: डॉ. जितेंद्र सिंह, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

  • अनुबंध अवधि: 15 वर्ष

  • आवंटित क्षेत्र: 10,000 वर्ग किलोमीटर, कार्ल्सबर्ग रिज़, हिन्द महासागर

  • संस्था: Ministry of Earth Sciences (MoES), National Centre for Polar and Ocean Research (NCPOR)

  • वैश्विक महत्व: भारत पहला देश बन गया जिसके पास दो PMS अनुबंध हैं

  • ISA: 1994 में स्थापित, मुख्यालय किंग्स्टन, जमैका

  • UNCLOS: 1982 में अपनाया गया, समुद्री तल संसाधनों को नियंत्रित करता है

  • डीप ओशन मिशन: जून 2021 में पीएम मोदी द्वारा लॉन्च, ब्लू इकॉनमी और गहरे समुद्री अन्वेषण पर केंद्रित

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