नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024: इतिहास और महत्व

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हर साल 18 जुलाई को, दुनिया नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए एकजुट होती है, जो इतिहास के सबसे प्रेरक व्यक्तित्वों में से एक के जीवन और स्थायी विरासत का सम्मान करता है। यह दिन न केवल एक स्मरणोत्सव के रूप में कार्य करता है, बल्कि दुनिया भर के व्यक्तियों और समुदायों को मंडेला की सेवा और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण की भावना को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक वैश्विक आह्वान के रूप में भी कार्य करता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा मिली है मान्यता

अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस की महत्ता इसी से समझी जा सकती है कि इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान की गयी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नवंबर 2009 में इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद इस दिन को पहली बार 18 जुलाई 2010 को औपचारिक रूप से सेलिब्रेट किया गया है। तबसे लेकर अब तक प्रतिवर्ष यह दिन 18 जुलाई को मनाया जाता है।

कौन थे नेल्सन मंडेला

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को हुआ था। उनके बचपन का नाम रोलिहराहला था। प्राथमिक शिक्षा के दौरान एक अध्यापक ने उनको नेल्सन नाम दिया जिसके बाद वे इसी नाम से जाने गए। दुनियाभर में उनको शांति, रंगभेद के उन्मूलन एवं स्वतंत्रता के लिए पहचान मिली। इसी को लेकर उन्होंने अफ्रीकी जेल में अपने 27 साल काटे। दक्षिण अफ्रीका में लोकतंत्र की नयी नींव रखने के लिए उन्हें वर्ष 1993 में विश्व के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल से सम्मानित किया गया है। 5 दिसंबर 2013 में नेल्सन मंडेला का निधन हो गया।

ADB ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का GDP ग्रोथ अनुमान 7% पर रखा बरकरार

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एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा। सामान्य से अधिक मानसून अनुमानों को देखते हुए कृषि में सुधार की उम्मीद है। एडीबी का यह पूर्वानुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारत के लिए अपने जीडीपी विकास अनुमानों को अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत की तुलना में 7 प्रतिशत तक संशोधित करने के बाद आया है।

पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने विकास पूर्वानुमान को संशोधित कर 7.2 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अनुमानित 7 प्रतिशत था। एशियाई विकास आउटलुक (ADO) के जुलाई संस्करण में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024 (31 मार्च 2025 को समाप्त) में 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 (अगले वित्तीय वर्ष) में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की राह पर है, जैसा कि ADO अप्रैल 2024 में अनुमान लगाया गया है।

जीडीपी ग्रोथ रेट

वित्त वर्ष मार्च 2024 तक के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 7 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में सेवाओं का विस्तार मज़बूती से जारी रहा और भविष्य की ओर देखने वाली सेवाओं का PMI अपने दीर्घकालिक औसत से काफ़ी ऊपर है। ADB ने उद्योग में भी मज़बूती से वृद्धि होने की उम्मीद जताई है, जो विनिर्माण और आवास के नेतृत्व में निर्माण की मज़बूत मांग से प्रेरित है।

कृषि में उछाल की उम्मीद

“वित्त वर्ष 2023 में धीमी वृद्धि के बाद, सामान्य से ऊपर के मानसून अनुमानों को देखते हुए कृषि में फिर से उछाल आने की उम्मीद है। यह जून में मानसून की धीमी प्रगति के बावजूद है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को बनाए रखने के लिए कृषि में फिर से उछाल आना महत्वपूर्ण होगा।

इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक निवेश के कारण निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है और बैंक ऋण से आवास की मजबूत मांग को बढ़ावा मिल रहा है तथा निजी निवेश की मांग में सुधार हो रहा है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि निर्यात वृद्धि सेवाओं के नेतृत्व में जारी रहेगी, जबकि व्यापारिक निर्यात में अपेक्षाकृत कमजोर वृद्धि देखी जा रही है।

राजकोषीय स्थिति वृद्धि

इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की अपेक्षा से अधिक मजबूत राजकोषीय स्थिति वृद्धि को और बढ़ावा दे सकती है। मुद्रास्फीति के संबंध में, ADO ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पूर्वानुमान को 4.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा है और उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में यह मामूली रूप से घटकर 4.5 प्रतिशत हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, मणिपुर से पहले जज

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सुप्रीम कोर्ट को दो नये न्यायाधीश मिले हैं। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह व जस्टिस आर महादेवन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्ति किया है। दोनों न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के 34 मंजूर पद हैं और दो नये न्यायाधीशों के आने के बाद संख्या पूरी हो जाएगी। जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले मणिपुर के पहले न्यायाधीश बन गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ने मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश आर महादेवन को भी सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया है।

केंद्र सरकार ने दोनों न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके पद ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की कॉलेजियम ने 11 जुलाई को जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह व जस्टिस आर महादेवन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी थी।

जस्टिस सिंह की नियुक्ति से पूर्वोत्तर को प्रतिनिधित्व मिलेगा

कॉलेजियम ने अपने बयान में कहा था कि सिंह की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से पूर्वोत्तर को प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसमें कहा गया था, विशेष रूप से, वह मणिपुर राज्य से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले पहले न्यायाधीश होंगे।

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कजाकिस्तान में 35वें अंतर्राष्ट्रीय जीवविज्ञान ओलंपियाड 2024 में भारत का जलवा

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35वें अंतर्राष्ट्रीय जीवविज्ञान ओलंपियाड (आईबीओ) 2024 में भाग लेने वाली भारतीय टीम ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की, जिसमें एक छात्र ने स्वर्ण पदक और तीन छात्रों ने रजत पदक जीता।

35वें अंतर्राष्ट्रीय जीवविज्ञान ओलंपियाड (आईबीओ), 2024 के बारे में

35वां आईबीओ 7 जुलाई से 13 जुलाई, 2024 तक अस्ताना, कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था। टीम का नेतृत्व दो प्रतिष्ठित नेताओं, टीडीएम लैब, मुंबई के प्रोफेसर शशिकुमार मेनन और होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (एचबीसीएसई), टीआईएफआर से डॉ. मयूरी रेगे और दो वैज्ञानिक पर्यवेक्षकों, आईआईटी बॉम्बे से डॉ. राजेश पाटकर और एम.एस. यूनिवर्सिटी, बड़ौदा से डॉ. देवेश सुथार ने किया।

80 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 305 छात्र

इस वर्ष के IBO में 80 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 305 छात्रों ने भाग लिया। कुल 29 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। प्रतियोगिता में चार 1.5 घंटे की प्रायोगिक परीक्षाएँ और दो 3.25 घंटे की सैद्धांतिक परीक्षाएँ शामिल थीं। प्रायोगिक परीक्षणों में विविध विषय शामिल थे: पशु शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान और जैव सूचना विज्ञान। इन परीक्षाओं के मुख्य आकर्षण में भेड़ की आँखों का विच्छेदन, प्लास्मिड शुद्धिकरण, प्रोटीन परिमाणीकरण, कठोर pH अनुमापन, PCA और अनुक्रम विश्लेषण जैसी विधियों का उपयोग करना शामिल था।

प्रशिक्षण के लिए प्रशंसा

सिद्धांत परीक्षणों में प्लांट बायोलॉजी, सेल बायोलॉजी, एथोलॉजी और बायोसिस्टमेटिक्स जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक शोध पर आधारित चुनौतीपूर्ण प्रश्न प्रस्तुत किए गए। देश भर के शिक्षक और सलाहकार तथा एचबीसीएसई के बायोलॉजी ओलंपियाड सेल एचबीसीएसई में ओरिएंटेशन और प्री-डिपार्चर कैंप के दौरान छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं।

देश का नोडल केंद्र

राष्ट्रीय संचालन समिति, सभी शिक्षक संगठन और भारत सरकार की वित्त पोषण एजेंसियां ​​भी ओलंपियाड कार्यक्रम के लिए अपने निरंतर मजबूत समर्थन के लिए विशेष उल्लेख की पात्र हैं। बुनियादी विज्ञान और गणित में एक प्रमुख राष्ट्रीय ओलंपियाड कार्यक्रम जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड से जुड़ता है, भारत में संचालित है। एचबीसीएसई इस कार्यक्रम के लिए देश का नोडल केंद्र है।

कार्यक्रम का उद्देश्य

कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्व-विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच विज्ञान और गणित में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। विज्ञान के क्षेत्रों में, खगोल विज्ञान (जूनियर और सीनियर स्तर), जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, जूनियर विज्ञान और भौतिकी में ओलंपियाड कार्यक्रम प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग पाँच चरणों वाली प्रक्रिया है।

पदक विजेता

  • मुंबई, महाराष्ट्र से वेदांत साकरे (स्वर्ण),
  • रत्नागिरी, महाराष्ट्र से इशान पेडनेकर (रजत),
  • चेन्नई, तमिलनाडु से श्रीजीत शिवकुमार (रजत),
  • बरेली, उत्तर प्रदेश से यशस्वी कुमार (रजत)।

उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के साथ सावन की शुरुआत

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भगवान शिव के अति प्रिय सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है, इस दिन से भोलेनाथ के विशेष अनुष्ठान भी शुरू हो जाएंगे। वहीं, उत्तराखंड में सावन को लेकर अलग मान्‍यता है। यहां हरेला पर्व से सावन माह की शुरुआत मानी जाती है। उत्तराखंड में बड़े ही धूमधाम के साथ हरेला पर्व मनाया जाता है। लोकपर्व हरेला सावन के आगमन का संदेश है। हरेला देवभूमि उत्तराखंड का लोकपर्व है, जोकि प्रकृति से जुड़ा है। खासतौर पर हरेला पर्व उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है।

हरेला पर्व कब है

जब सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो हरेला का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष हरेला पर्व 16 जुलाई 2024 को मनाया गया। उत्तराखंड को शिवभूमि कहा जाता है, क्योंकि यहां केदारनाथ ज्योतिर्लिंग और शिवजी का ससुराल भी है। इसलिए उत्तराखंड में हरेला पर्व की खास महत्व है। इस दिन लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी करते हैं।

हरेला पर्व कैसे मनाया जाता है

हरेला पर्व की तैयारियों में लोग 9 दिन पहले से ही जुट जाते हैं। 9 दिन पहले घर पर मिट्टी या फिर बांस से बनी टोकरियों में हरेला बोया जाता है। हरेला के लिए सात तरह के अनाज, गेहूं, जौ, उड़द, सरसो, मक्का, भट्ट, मसूर, गहत आदि बोए जाते हैं। हरेला बोने के लिए साफ मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। हरेला बोने के बाद लोग 9 दिनों तक इसकी देखभाल भी करते हैं और दसवें दिन इसे काटकर अच्छी फसल की कामना की जाती है और इसे देवताओं को समर्पित किया जाता है। हरेला की बालियां से अच्छे फसल के संकेत मिलते हैं।

 

महारेरा के अध्यक्ष के रूप में मनोज सौनिक की हुई नियुक्ति

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव, मनोज सौनिक, को महाराष्ट्र रियल एस्टेट रिग्युलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) के अगले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। वे अजोय मेहता का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हो रहा है।

कैरियर पृष्ठभूमि

1987 बैच के आईएएस अधिकारी सौनिक दिसंबर 2023 में मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए और वर्तमान में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं।

नियुक्ति विवरण

राज्य आवास विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सौनिक को भूमिका के लिए आवेदकों के एक पूल से एक समिति द्वारा चुना गया था।

महारेरा की वर्तमान पहल

महारेरा डेवलपर्स से प्रोजेक्ट अपडेट को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है और रियल एस्टेट परियोजनाओं का आकलन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल को एकीकृत कर रहा है।

ऐतिहासिक अवलोकन

मार्च 2017 में स्थापित, महारेरा में पहले सौनिक की नियुक्ति से पहले गौतम चटर्जी और अजय मेहता इसके अध्यक्ष थे।

भविष्य की अवधि

नियामक मानदंडों के अनुसार, सौनिक 65 वर्ष के होने तक पद पर बने रहेंगे।

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मध्य प्रदेश सरकार ने एक ही दिन में 11 लाख पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया

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इंदौर ने 14 जुलाई को 11 लाख से ज़्यादा पौधे लगाकर “24 घंटे में एक टीम द्वारा लगाए गए सबसे ज़्यादा पेड़” की श्रेणी में नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत का सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने अब एक दिन में 11 लाख से ज़्यादा पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। कार्यक्रम का आयोजन राज्य सरकार ने किया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘‘एक टीम द्वारा 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक पौधे लगाकर’’ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने पर इंदौर शहर को बधाई दी और कहा कि शहर में मां धरती मुस्कुरा रही हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 14 जुलाई को कहा कि राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर पहले ही भारत का सबसे स्वच्छ शहर है और अब उसने एक दिन में 11 लाख पौधे लगाकर विश्व कीर्तिमान बना दिया है। यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र और उसे ग्रहण करने की तस्वीर भी साझा की।

असम का रिकॉर्ड इंदौर में टूटा

‘गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ के मुताबिक, असम के उदलगुड़ी जिले में पिछले साल 13 और 14 सितंबर के बीच 24 घंटे में 9 लाख 26 हजार पौधे लगाए गए थे। इस रिकॉर्ड को इंदौर में 14 जुलाई 2024 को 11 लाख से ज्यादा पौधे रोप कर तोड़ दिया गया।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान

प्रधानमंत्री मोदी ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी। शाह ने कहा कि इस अभियान के तहत देश भर में 140 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे जिनमें से पांच करोड़ पौधे ‘भारत के फेफड़े’ मध्य प्रदेश में रोपे जाएंगे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के अनुसार, 24 घंटे में सबसे अधिक पौधे लगाने का पिछला रिकॉर्ड 9,21,730 पौधों का था। उक्त रिकॉर्ड असम सरकार के वन विभाग ने उदलगुड़ी में 13 और 14 सितंबर, 2023 को बनाया था।

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रॉबर्टा मेट्सोला फिर से बनीं यूरोपीय संसद की अध्यक्ष

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माल्टा की एक प्रमुख राजनीतिज्ञ रॉबर्टा मेत्सोला ने यूरोपीय संसद के अध्यक्ष के रूप में ऐतिहासिक दूसरा कार्यकाल हासिल किया है, जिससे वह यूरोपीय संघ की विधानसभा के इतिहास में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला बन गई हैं। अपने नेतृत्व और वकालत के लिए जानी जाने वाली मेत्सोला ने यूरोपीय संघ के राजनेताओं से महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त किया, उनके पक्ष में 623 में से 562 वोट मिले।

नेतृत्व और दूरदर्शिता

रॉबर्टा मेट्सोला ने यूरोपीय संसद की नेतृत्वकारी भूमिका को प्रकट करने की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेष रूप से रूस के साथ चल रहे संघर्ष के बीच यूक्रेन का समर्थन करने में। युद्ध के प्रारंभ में कीव की उनकी यात्रा ने यूरोपीय संघ के मूल्यों और एकजुटता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

नीतिगत प्राथमिकताएं

अपने पुनःनिर्वाचन संबोधन के दौरान, मेट्सोला ने कानून के शासन को मजबूत करने, सुरक्षित गर्भपात की पहुंच सहित महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने, और यूरोपीय संसद के लिए अधिक विधायी शक्तियों की मांग करने जैसी प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला, जो वर्तमान में यूरोपीय आयोग के पास है।

राजनीतिक महत्व

मेट्सोला का पुनःनिर्वाचन उनके प्रयासों की निरंतरता को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने यूरोपीय संसद की प्रतिष्ठा को बढ़ाने और घोटालों के बाद उसकी अखंडता को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है। उन्हें केंद्रीवादी दलों को एकजुट करने और पारदर्शिता व उत्तरदायित्व में सुधारों की वकालत करने के लिए सराहा गया है।

भविष्य की दिशाएं

भविष्य में, मेट्सोला का उद्देश्य यूरोपीय संघ के भीतर भू-राजनीतिक चुनौतियों और मानवाधिकारों पर एक मजबूत रुख बनाए रखते हुए नए देशों के परिग्रहण का समर्थन करके यूरोपीय संघ का विस्तार करना है। उनकी अध्यक्षता यूरोपीय संघ की विधायी प्रक्रियाओं और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने के लिए तैयार है।

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कैमलिन के संस्थापक सुभाष दांडेकर का 86 वर्ष की आयु में निधन

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जाने-माने स्टेशनरी ब्रांड कैमलिन के संस्थापक सुभाष दांडेकर का सोमवार को निधन हो गया।  86 वर्ष की आयु में, दांडेकर ने एक विरासत को पीछे छोड़ दिया जिसने देश में लेखन सामग्री और कला आपूर्ति के परिदृश्य को बदल दिया। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने न केवल घर-घर में नाम बनाया बल्कि भारत के औद्योगिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कैमलिन यात्रा

कैमलिन के साथ सुभाष दांडेकर की यात्रा भारतीय उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण स्टेशनरी उत्पाद प्रदान करने के दृष्टिकोण के साथ शुरू हुई। ब्रांड, जो एक मामूली उद्यम के रूप में शुरू हुआ, जल्द ही स्टेशनरी क्षेत्र में विश्वसनीयता और नवाचार का पर्याय बन गया।

मार्केट लीडर में परिवर्तन

दांडेकर के नेतृत्व के तहत, कैमलिन ने एक उल्लेखनीय परिवर्तन किया। कंपनी ने बुनियादी स्टेशनरी वस्तुओं से परे उद्यम करते हुए अपनी उत्पाद श्रृंखला का काफी विस्तार किया। दांडेकर की दूरदर्शिता ने कैमलिन को इसमें विविधता लाने के लिए प्रेरित किया:

  • कार्यालय की आपूर्ति
  • कलाकार उपकरण
  • शैक्षणिक सामग्री

इस रणनीतिक विस्तार ने भारत में एक अग्रणी स्टेशनरी नाम के रूप में कैमलिन की स्थिति को मजबूत किया, जो उपभोक्ता आवश्यकताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है।

कॉर्पोरेट नेतृत्व

सुभाष दांडेकर ने मई 2002 तक कैमलिन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, कंपनी को दशकों के विकास और परिवर्तन के माध्यम से आगे बढ़ाया। उनका कार्यकाल नवाचार, बाजार विस्तार और उपभोक्ता जरूरतों की गहरी समझ से चिह्नित था।

उद्योग में योगदान

दांडेकर का प्रभाव उनकी अपनी कंपनी से कहीं अधिक विस्तृत था। 1990 से 1992 तक, उन्होंने महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष के रूप में सेवा दी। इस भूमिका में, उन्होंने महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो भारत के सबसे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है।

अपने करियर को आकार देने वाले एक महत्वपूर्ण कदम में, दांडेकर ने कैमलिन की बिक्री को एक प्रसिद्ध जापानी कलाकृति ब्रांड कोकुयो को बेच दिया। इस रणनीतिक निर्णय ने ब्रांड के विकास और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार के लिए नए रास्ते खोल दिए।about | - Part 67_8.1

विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस 2024: जानें इतिहास और महत्व

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हर साल 17 जुलाई को विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है। यह दिन अंतर्राष्ट्रीय अपराधिक न्याय को बढ़ावा देने और उन गंभीर अपराधों के लिए दण्डहीनता के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए समर्पित है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रभावित करते हैं। यह दिन अत्याचारों से निपटने और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में न्याय, जवाबदेही और कानून के शासन के महत्व की याद दिलाता है।

अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस: इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस की शुरुआत 17 जुलाई, 1998 को हुई थी, जब रोम संविधि को अपनाया गया था, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की स्थापना की गई थी। ICC पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है जो नरसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराधों के आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने में सक्षम है, जब राष्ट्रीय न्यायालय ऐसा करने में असमर्थ या अनिच्छुक हों।

अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस: उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य नरसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराध के लिए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाना था। रोम संविधि, जो 1 जुलाई, 2002 को लागू हुई, ने न्यायालय के लिए कानूनी आधार प्रदान किया। ICC का मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में है, और यह संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र रूप से कार्य करता है।

आईसीसी सहित अंतर्राष्ट्रीय न्याय तंत्र की भूमिका

यह दिवस व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने के महत्व को रेखांकित करता है, विशेष रूप से उन लोगों को जो नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अन्य गंभीर उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार हैं। यह दण्ड से मुक्ति की समस्या से निपटने तथा वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान देने में आईसीसी सहित अंतर्राष्ट्रीय न्याय तंत्र की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।

 

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