अमेरिका को भारत का निर्यात जुलाई में 20% बढ़ा; द्विपक्षीय व्यापार ने बनाया नया रिकॉर्ड

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते जुलाई 2025 में नए शिखर पर पहुँच गए। भारत से अमेरिका को निर्यात 19.94% की बढ़त के साथ 8.01 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जबकि अमेरिका से आयात भी 13.78% बढ़कर 4.55 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2025–26) की अप्रैल–जुलाई अवधि में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है।

जुलाई 2025: मासिक व्यापार झलक

  • भारत से अमेरिका को निर्यात: 8.01 अरब डॉलर (↑ 19.94%)

  • भारत द्वारा अमेरिका से आयात: 4.55 अरब डॉलर (↑ 13.78%)

मुख्य योगदान देने वाले क्षेत्र:

  • इंजीनियरिंग उत्पाद

  • दवाएँ और फार्मा सेक्टर

  • वस्त्र और परिधान

  • आईटी उत्पाद

  • ऑटोमोबाइल कल-पुर्ज़े

अप्रैल–जुलाई 2025: संचयी वृद्धि

  • भारत का अमेरिका को निर्यात: 33.53 अरब डॉलर (↑ 21.64%)

  • भारत का अमेरिका से आयात: 17.41 अरब डॉलर (↑ 12.33%)

  • कुल द्विपक्षीय व्यापार: 50.94 अरब डॉलर

इस अवधि में अमेरिका ने चीन, यूएई और यूरोपीय संघ को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनने का दर्जा हासिल किया।

भारत–अमेरिका व्यापार समझौता: प्रगति पर

  • भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत जारी है।

  • छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त 2025 से नई दिल्ली में शुरू होगी।

  • संभावित मुद्दे:

    • शुल्क (टैरिफ) में कटौती

    • भारतीय दवाओं और वस्त्रों को अमेरिकी बाजार तक आसान पहुँच

    • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर

    • डिजिटल व्यापार मानक

यह समझौता भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और निर्यात-आधारित वृद्धि रणनीति को गति देगा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।

अन्य देशों के साथ व्यापार रुझान

निर्यात में बढ़त

  • चीन: जुलाई 1.34 अरब डॉलर (↑ 27.39%)

    • अप्रैल–जुलाई कुल: 5.75 अरब डॉलर (↑ 19.97%)

  • अन्य देश:

    • यूएई, ब्रिटेन, जर्मनी, ब्राज़ील, बांग्लादेश, इटली

निर्यात में गिरावट

  • नीदरलैंड

  • सिंगापुर

  • सऊदी अरब

  • ऑस्ट्रेलिया

  • फ्रांस

  • दक्षिण अफ्रीका

आयात रुझान

  • आयात कम: यूएई, रूस, इंडोनेशिया, क़तर, ताइवान

  • आयात ज्यादा: सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, हांगकांग, थाईलैंड

भारत ने अगस्त में अब तक रूस से प्रतिदिन 20 लाख बैरल तेल खरीदा

भारत की ऊर्जा सोर्सिंग रणनीति अगस्त 2025 में और अधिक रूसी कच्चे तेल की ओर झुकी रही। आयात बढ़कर 20 लाख बैरल प्रतिदिन (bpd) हो गया, जो जुलाई के 16 लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक है। वैश्विक एनालिटिक्स फर्म Kpler के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के पहले पखवाड़े में भारत के कुल कच्चे तेल आयात का 38% हिस्सा रूस से आया। यह दर्शाता है कि कच्चे तेल की खरीद में भारत की प्राथमिकता आर्थिक हितों को दी जा रही है, भले ही भू-राजनीतिक दबाव मौजूद हो।

अगस्त 2025 में भारत का तेल आयात मिश्रण

  • कुल कच्चा तेल आयात (अगस्त का पहला पखवाड़ा): 52 लाख बैरल प्रतिदिन

  • रूस से आयात: 20 लाख बैरल प्रतिदिन (38%)

सप्लायर ट्रेंड्स में बदलाव

  • रूस: 20 लाख bpd (जुलाई में 16 लाख bpd से वृद्धि)

  • इराक: घटकर 7.3 लाख bpd (जुलाई में 9.07 लाख bpd)

  • सऊदी अरब: घटकर 5.26 लाख bpd (जुलाई में 7 लाख bpd)

यह दर्शाता है कि भारतीय रिफाइनर डिस्काउंटेड रूसी क्रूड का अधिक लाभ उठा रहे हैं और परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं से आयात घटा रहे हैं।

भारत रूस से अधिक तेल क्यों खरीद रहा है?

आर्थिक कारण

  • रूसी तेल मध्य-पूर्वी आपूर्ति की तुलना में सस्ता मिलता है।

  • इससे घरेलू ईंधन कीमतों पर नियंत्रण रहता है, जो मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थिरता के लिए अहम है।

रणनीतिक विविधीकरण

  • रूस से आयात बढ़ाकर भारत, इराक और सऊदी अरब जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम कर रहा है।

  • वैश्विक आपूर्ति बाधाओं के दौर में यह ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है।

भू-राजनीतिक संदर्भ

पूर्व और पश्चिम के बीच संतुलन

  • अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत पर रूस से तेल आयात घटाने का दबाव डालते रहे हैं।

  • लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि उसकी खरीद राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है — “बिज़नेस ऐज़ यूज़ुअल”।

भारत की ऊर्जा टोकरी में रूस की भूमिका

  • 2022 से रूस, भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है।

  • लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स और प्रेफरेंशियल प्राइसिंग इसकी वजह हैं।

वैश्विक ऊर्जा बाज़ार पर असर

  • रूस के लिए: भारत, पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच एक बड़ा और स्थायी बाज़ार है।

  • ओपेक के लिए: भारत से कम होती खरीद प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रही है।

  • भारत के लिए: ऊर्जा लागत घटने से मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, लेकिन रूस पर अत्यधिक निर्भरता से कूटनीतिक जोखिम

अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि: 16 अगस्त, 2025

भारत अपने सबसे सम्मानित नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त 2025 को सातवीं पुण्यतिथि मना रहा है। कवि, लेखक, वक्ता और राजनेता वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और वे पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। राजनीति से परे, उन्हें उनकी विनम्रता, काव्य-हृदय और मज़बूत किन्तु समावेशी भारत की दृष्टि के लिए याद किया जाता है।

अटल बिहारी वाजपेयी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे। वाजपेयी शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी रहे और उन्होंने डीएवी कॉलेज, कानपुर से राजनीति विज्ञान में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। छात्र जीवन से ही उन्हें साहित्य, कविता और वाद-विवादों में गहरी रुचि थी, जिसने आगे चलकर उन्हें एक करिश्माई वक्ता और नेता के रूप में आकार दिया।

अटल बिहारी वाजपेयी – राजनीतिक सफर

वाजपेयी ने 1950 के दशक में भारतीय जनसंघ (BJS) से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। उनके प्रभावशाली भाषणों ने शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी भविष्यवाणी की थी कि एक दिन वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।

भाजपा की स्थापना

आपातकाल (1975–77) और जनता पार्टी के विघटन के बाद, वाजपेयी ने लालकृष्ण आडवाणी आदि के साथ मिलकर 1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की और इसके पहले अध्यक्ष बने।

भारत के प्रधानमंत्री

  • 1996 – 13 दिन तक प्रधानमंत्री।

  • 1998–1999 – 13 माह तक प्रधानमंत्री।

  • 1999–2004 – पूर्ण कार्यकाल तक प्रधानमंत्री।

उनके कार्यकाल की पहचान साहसिक निर्णयों, आर्थिक सुधारों और भारत की वैश्विक स्थिति को मज़बूत बनाने के प्रयासों से हुई।

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • पोखरण-II परमाणु परीक्षण (1998): अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद भारत की परमाणु शक्ति का प्रदर्शन।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत।

  • सर्व शिक्षा अभियान: प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण पर ज़ोर।

  • विदेश नीति: पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता की पहल, जिसमें 1999 की लाहौर बस यात्रा शामिल।

  • आर्थिक सुधार: निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाना और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना।

सामने आई चुनौतियाँ

उनकी सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा:

  • 1999 का कारगिल युद्ध

  • 2001 संसद पर हमला

  • 2002 गुजरात दंगे

इसके बावजूद, वाजपेयी को शांत नेतृत्व और लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाता है।

पुरस्कार और सम्मान

  • भारत रत्न (2015) – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान।

  • पद्म विभूषण (1992)

  • बांग्लादेश और मोरक्को सहित कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान।

  • उनके नाम पर अटल टनल और अटल सेतु जैसी कई परियोजनाएँ।

निधन और विरासत

अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद हुआ। उनके निधन पर पूरे भारत ने शोक व्यक्त किया और उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
एक दूरदर्शी नेता, कवि और राजनेता के रूप में वाजपेयी की विरासत आज भी जीवित है — स्वर्णिम चतुर्भुज, सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाएँ इसका प्रमाण हैं। उनका जन्मदिन, 25 दिसंबर, सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो पारदर्शिता, विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इसरो ने अरुणाचल प्रदेश के सुदूर जिले में अंतरिक्ष प्रयोगशाला का उद्घाटन किया

अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज़ शि-योमी ज़िले के मेचुका राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह पहल मुस्कान फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका औपचारिक उद्घाटन 16 अगस्त 2025 को अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पासंग दोर्जे सोना ने किया।

अंतरिक्ष प्रयोगशाला के बारे में

उद्देश्य और दृष्टि
नव स्थापित पासंग वांगचुक सोना इसरो स्पेस लैब का उद्देश्य है:

  • छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में व्यवहारिक (hands-on) अनुभव प्रदान करना।

  • युवाओं में जिज्ञासा, नवाचार और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना।

  • ग्रामीण छात्रों की एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रण, गणित) शिक्षा में भागीदारी बढ़ाना।

यह सुविधा शहरी और ग्रामीण शैक्षणिक अवसरों के बीच की खाई को पाटेगी, ताकि दूरदराज़ के छात्र भी आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें।

प्रयोगशाला का नामकरण

इस प्रयोगशाला का नाम शिक्षा मंत्री पासंग दोर्जे सोना के पिता पासंग वांगचुक सोना के नाम पर रखा गया है, जो जीवन भर शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के समर्थक रहे।

अरुणाचल प्रदेश के लिए महत्व

दूरदराज़ क्षेत्रों में विज्ञान का प्रसार
अरुणाचल प्रदेश में भौगोलिक चुनौतियों के कारण उन्नत शैक्षणिक सुविधाएँ सीमित रही हैं। मेचुका (भारत-चीन सीमा के निकट) में यह प्रयोगशाला स्थापित करना इसरो की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें वैज्ञानिक संसाधनों को सर्वसुलभ बनाने पर बल है।

भविष्य के वैज्ञानिकों को सशक्त करना
स्थानीय प्रतिभा को प्रारंभिक स्तर पर आधुनिक तकनीक से परिचित कराना छात्रों को अंतरिक्ष अनुसंधान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

इसरो की व्यापक पहुँच पहल

यह परियोजना इसरो के उस व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसमें लक्ष्य है:

  • स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक साक्षरता को बढ़ावा देना।

  • भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भविष्य के वैज्ञानिक तैयार करना।

  • राज्य सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर अविकसित क्षेत्रों में प्रयोगशालाएँ और नवाचार केंद्र स्थापित करना।

इससे पहले अन्य राज्यों में भी इसरो ने ऐसी पहलें की हैं, जहाँ स्पेस लैब्स और स्टूडेंट सैटेलाइट कार्यक्रमों ने छात्रों की विज्ञान में रुचि को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।

टॉपब्रांड 2025 वैश्विक ब्रांड सूची में माइक्रोसॉफ्ट शीर्ष पर; एनवीडिया और एप्पल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर

शेनझेन में 7–11 अगस्त 2025 को आयोजित 19वें चाइना ब्रांड फेस्टिवल में टॉपब्रांड यूनियन ने टॉप 500 ग्लोबल ब्रांड्स सूची 2025 जारी की। “एआई एंड ग्लोबल एक्सपेंशन” थीम पर आधारित इस महोत्सव में दुनियाभर से 10,000 से अधिक प्रतिभागी—उद्यमी, नीति-निर्माता और ब्रांड लीडर्स—शामिल हुए।

2025 के शीर्ष 10 वैश्विक ब्रांड्स (ब्रांड मूल्यांकन – अमेरिकी डॉलर में)

  1. माइक्रोसॉफ्ट – $1,062.505 अरब

  2. एनवीडिया – $1,046.760 अरब

  3. एप्पल – $997.685 अरब

  4. अमेज़न

  5. अल्फाबेट (गूगल)

  6. सऊदी अरामको

  7. वॉलमार्ट

  8. मेटा (फेसबुक)

  9. बर्कशायर हैथवे

  10. ब्रॉडकॉम

मुख्य विशेषताएँ

  • माइक्रोसॉफ्ट की नेतृत्व स्थिति उसके एआई, क्लाउड कम्प्यूटिंग और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में दबदबे को दर्शाती है।

  • एनवीडिया का दूसरा स्थान एआई चिप क्रांति और अगली पीढ़ी की तकनीकों को शक्ति प्रदान करने में उसकी अहम भूमिका को रेखांकित करता है।

  • एप्पल तीसरे स्थान पर, उपभोक्ता इकोसिस्टम में मजबूती बनाए रखते हुए तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।

  • सऊदी अरामको ऊर्जा क्षेत्र का सर्वोच्च ब्रांड है, जबकि ब्रॉडकॉम की एंट्री से सेमीकंडक्टर सेक्टर की बढ़ती ताकत उजागर होती है।

चीन की स्थिति

  • पेट्रोचाइना, 14वें स्थान पर, सबसे मूल्यवान चीनी ब्रांड के रूप में उभरा।

  • हालांकि फॉर्च्यून ग्लोबल 500 (2025) सूची में चीन की 130 कंपनियाँ शामिल हैं (अमेरिका से केवल आठ कम), लेकिन टॉपब्रांड रैंकिंग में अमेरिका की तुलना में चीन की मौजूदगी आधे से भी कम है।

  • यह आर्थिक ताकत और वैश्विक ब्रांड प्रभाव के बीच अंतर को दर्शाता है—यानी, आकार में बड़ी कंपनियों के बावजूद चीनी ब्रांड्स अभी भी वैश्विक दृश्यता और सॉफ्ट पावर में पीछे हैं।

वैश्विक प्रवृत्तियाँ

  • एआई और सेमीकंडक्टर अब ब्रांड मूल्य निर्माण के केंद्र में हैं।

  • ऊर्जा और खुदरा जैसे पारंपरिक क्षेत्र अभी भी मजबूत हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी नवाचार से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेल रहे हैं।

जीएसटी में दो स्लैब का प्रस्ताव; जरूरी सामानों पर लगेगा पांच और 18% कर, लग्जरी उत्पादों पर 40% टैक्स

केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) को और सरल बनाने के लिए दो स्लैब की नई प्रणाली (5% और 18%) का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही तंबाकू और पान मसाला जैसे चुनिंदा विलास/हानिकारक उत्पादों (sin goods) पर 40% का विशेष कर लगाया जाएगा। यह प्रस्ताव नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधारों का हिस्सा है, जिस पर सितंबर या अक्टूबर 2025 में जीएसटी परिषद विचार कर सकती है। यदि मंजूरी मिलती है, तो इसे वित्त वर्ष 2025–26 की तीसरी तिमाही से लागू किया जा सकता है।

यह सुधार उपभोग को बढ़ावा देने, कर विवादों को सुलझाने और अनुपालन को सरल बनाने के साथ-साथ कृषि, वस्त्र, उर्वरक और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को समर्थन देगा।

प्रस्तावित GST दर संरचना

1. दो मुख्य स्लैब

  • 5% स्लैब – दैनिक उपयोग और सामान्य उपभोक्ता वस्तुएं। वर्तमान में 12% पर आने वाली 99% वस्तुएं यहाँ शिफ्ट होंगी।

  • 18% स्लैब – टीवी, फ्रिज जैसी white goods और आकांक्षी वस्तुएं (जो अभी 28% पर हैं)।

  • 40% दर –लग्जरी वस्तुएं और तंबाकू उत्पादों जैसे हानिकारक सामान पर 40% GST लगेगा।

2. प्रमुख बदलाव

  • आवश्यक खाद्य वस्तुएं – पहले की तरह शून्य कर (कर-मुक्त)।

  • मध्यम वर्ग की आकांक्षी वस्तुएं – 28% से घटाकर 18%।

  • आम उपयोग की वस्तुएं – 12% से घटाकर 5%, ताकि वहनीयता और खपत बढ़ सके।

आर्थिक प्रभाव

  • वर्तमान राजस्व वितरण:

    • 18% स्लैब से – 67%

    • 12% स्लैब से – 5%

    • 5% स्लैब से – 7%

  • आवश्यक वस्तुओं पर कम दरों से माँग बढ़ेगी, GDP वृद्धि को गति मिलेगी और प्रमुख उद्योगों को समर्थन मिलेगा।

  • अल्पकालिक राजस्व में कमी संभव है, परंतु अधिक खपत से इसकी भरपाई हो जाएगी।

संरचनात्मक और प्रक्रियात्मक सुधार

  1. इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का समाधान – वस्त्र और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में, जहाँ कच्चे माल पर कर तैयार माल से अधिक है।

  2. वर्गीकरण को सरल बनाना – समान वस्तुओं को एक ही स्लैब में रखना (जैसे नमकीन और स्नैक्स), ताकि विवाद और मुकदमेबाज़ी कम हो।

  3. तेज़ पंजीकरण और रिफंड

    • 95% व्यवसायिक पंजीकरण 3 दिन में पूरा करने का लक्ष्य।

    • निर्यातकों और इनवर्टेड ड्यूटी वाले व्यवसायों को स्वचालित रिफंड

  4. प्री-फिल्ड रिटर्न्स – बिलों में ग़लतफ़हमी कम करने और अनुपालन बोझ घटाने के लिए।

राजनीतिक और नीतिगत संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 के स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि अगली पीढ़ी के GST सुधार दीपावली 2025 तक लागू कर दिए जाएंगे। इनका उद्देश्य है –

  • GST को आम आदमी के लिए और अनुकूल बनाना।

  • कृषि, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, हस्तशिल्प, स्वास्थ्य और बीमा जैसे क्षेत्रों की वृद्धि को समर्थन देना।

  • पुराने जटिल ढाँचे से हटकर सरल और व्यापार-हितैषी प्रणाली की ओर बढ़ना।

कार्यान्वयन समयरेखा और प्रक्रिया

  • चर्चा चरण – सितंबर–अक्टूबर 2025 में GST परिषद की बैठकें।

  • मंजूरी और क्रियान्वयन – संभवतः FY 2025-26 की तीसरी तिमाही से।

  • कानून संशोधन की आवश्यकता नहीं – अधिसूचनाओं के माध्यम से लागू किया जा सकता है, जिससे तेजी से कार्यान्वयन संभव होगा।

  • प्रस्ताव के व्यापक दायरे को देखते हुए परिषद की कई बैठकों की संभावना।

भारतीय नौसेना के जहाज द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX-2025 में भाग लेने के लिए के लिए श्रीलंका पहुँचे

श्रीलंका–भारत नौसैनिक अभ्यास (SLINEX-25) की शुरुआत 14 अगस्त 2025 को कोलंबो में हुई, जब भारतीय नौसेना के आईएनएस राणा (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर) और आईएनएस ज्योति (फ्लीट टैंकर) वहाँ पहुँचे। 14 से 18 अगस्त 2025 तक आयोजित यह 12वाँ संस्करण, भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग को दर्शाता है और इसे महासागर (MAHASAGAR) पहल के अंतर्गत महत्व दिया जा रहा है।

अभ्यास का परिचय
2005 में प्रारंभ किए गए SLINEX का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन क्षमता (interoperability), समुद्री सहयोग और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। SLINEX-25 का आयोजन पिछले संस्करण (17–20 दिसंबर 2024, विशाखापत्तनम) के बाद किया जा रहा है।

चरणबद्ध संरचना

  • हार्बर फेज़ (14–16 अगस्त 2025) – कोलंबो

  • सी फेज़ (17–18 अगस्त 2025) – निकटवर्ती समुद्री क्षेत्र

प्रतिभागी

  • भारतीय नौसेना – आईएनएस राणा (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर), आईएनएस ज्योति (फ्लीट टैंकर)

  • श्रीलंका नौसेना – एसएलएनएस गजबहु और एसएलएनएस विजयबहु (एडवांस ऑफशोर पेट्रोल वेसल)

  • दोनों देशों की विशेष बल इकाइयाँ (Special Forces)

  • अतिरिक्त संसाधन – श्रीलंका वायुसेना के BEL-412 हेलीकॉप्टर

हार्बर फेज़ गतिविधियाँ
इस चरण में पेशेवर संवाद, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (SMEE) और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का साझा अनुभव शामिल है। साथ ही योग, खेलकूद और आपसी मैत्री संबंधों को मजबूत करने वाले सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

सी फेज़ गतिविधियाँ
इस चरण में परिचालन तत्परता की जाँच के लिए अभ्यास किए जा रहे हैं, जैसे—

  • तोपख़ाना अभ्यास (Gunnery firing serials)

  • संचार अभ्यास

  • नौवहन और समुद्री संचालन (Navigation & Seamanship)

  • विज़िट-बोर्ड-सर्च-सीज़र (VBSS) ऑपरेशन

  • समुद्र में पुनःपूर्ति और ईंधन आपूर्ति (At-sea replenishment & fueling)

ये अभ्यास संयुक्त समुद्री अभियानों के लिए आवश्यक सामरिक तालमेल को मज़बूत करते हैं।

महत्व और रणनीतिक संदर्भ
SLINEX द्विपक्षीय नौसैनिक समन्वय को और गहरा करता है तथा भारत की महासागर नीति (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के अनुरूप है, जो क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और सामूहिक लचीलापन पर बल देती है।

यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में दोनों देशों के बीच विश्वास, परिचालन तालमेल और साझा समुद्री क्षमताओं को सुदृढ़ करता है, जिससे साझा सुरक्षा चुनौतियों का सामना सहयोग के माध्यम से किया जा सके।

NHAI ने हाईवे पर निर्बाध यात्रा के लिए FASTag वार्षिक पास शुरू किया

भारतीय नागरिकों के जीवन को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 15 अगस्त 2025 को FASTag वार्षिक पास सुविधा शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि के अनुरूप, जिसमें तकनीक का उपयोग सेवाओं को सरल और सुगम बनाने के लिए किया जा रहा है, यह पहल टोल भुगतान को अधिक कुशल, किफायती और उपयोगकर्ता-हितैषी बनाने का लक्ष्य रखती है। देशभर के 1,150 टोल प्लाज़ा पर तत्काल लागू किए गए इस कदम का राजमार्ग उपयोगकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया।

FASTag वार्षिक पास क्या है?
एक बार शुल्क, सालभर सुविधा

  • यह पास गैर-व्यावसायिक वाहन मालिकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर बार-बार टोल रिचार्ज किए बिना यात्रा करने की सुविधा देता है।

  • पास की कीमत ₹3,000 है और यह एक वर्ष या 200 टोल क्रॉसिंग (जो भी पहले हो) के लिए मान्य रहेगा।

  • यह पहल टोल भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाती है और बार-बार FASTag रिचार्ज की परेशानी को खत्म करती है।

पात्रता और सक्रियण

  • सभी वैध FASTag वाले गैर-व्यावसायिक वाहनों पर लागू।

  • राजमार्गयात्रा ऐप या NHAI की वेबसाइट के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता है।

  • भुगतान की पुष्टि के दो घंटे के भीतर सक्रियण हो जाता है।

देशव्यापी शुरुआत और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया
व्यापक कार्यान्वयन

  • यह वार्षिक पास लगभग 1,150 टोल प्लाज़ा (राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे) पर लागू किया गया है।

  • यह एक समान और सुविधाजनक व्यवस्था सुनिश्चित करता है।

पहले दिन की बड़ी सफलता

  • लॉन्च के दिन ही 1.4 लाख उपयोगकर्ताओं ने पास खरीदा और सक्रिय किया।

  • टोल प्लाज़ा पर 1.39 लाख लेन-देन दर्ज हुए।

  • 20,000–25,000 उपयोगकर्ताओं ने एक साथ राजमार्गयात्रा ऐप का उपयोग किया।

  • पास उपयोगकर्ताओं को क्रॉसिंग के दौरान शून्य टोल कटौती की पुष्टि SMS के माध्यम से मिली।

सहायता संरचना और शिकायत निवारण
NHAI की विशेष व्यवस्थाएँ

  • प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

  • वास्तविक समय सहायता के लिए क्वेरी समाधान चैनल शुरू किए गए।

1033 हेल्पलाइन मज़बूत

  • राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन 1033 को अपग्रेड किया गया।

  • 100 से अधिक नए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ताकि उपयोगकर्ताओं की शिकायतें और सहायता तुरंत मिल सके।

FASTag वार्षिक पास के लाभ
आर्थिक और कुशल यात्रा

  • राजमार्ग पर बार-बार यात्रा करने वालों के लिए बचत।

  • FASTag रिचार्ज करने की आवश्यकता समाप्त।

बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव

  • पास सक्रिय होने के बाद शून्य टोल कटौती।

  • टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होने से तेज़ क्लियरेंस।

तकनीकी पारदर्शिता

  • राजमार्गयात्रा ऐप से सहज सक्रियण।

  • पास उपयोग पर वास्तविक समय SMS अलर्ट।

बड़ा परिदृश्य: FASTag की डिजिटल टोल क्रांति
98% की पैठ और 8 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ FASTag ने भारत की इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। वार्षिक पास इस डिजिटल बदलाव को और मजबूत करता है, बार-बार यात्रा करने वालों को एकीकृत समाधान प्रदान करता है और स्मार्ट मोबिलिटी समाधानों के माध्यम से सार्वजनिक अवसंरचना के आधुनिकीकरण के भारत के लक्ष्य से मेल खाता है।

नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का 80 साल की उम्र में निधन

नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का 15 अगस्त 2025 की रात चेन्नई के एक निजी अस्पताल में 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 8 अगस्त को अपने आवास पर अचानक गिरने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन एक सप्ताह के उपचार के बाद उनका देहांत हो गया। उनका जाना भारतीय सार्वजनिक जीवन और शासन की एक लंबी और सम्मानित यात्रा का अंत है।

राजनीतिक सफर और सार्वजनिक जीवन

तमिलनाडु से उत्तर-पूर्व तक नेतृत्व
ला गणेशन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से की, जहां उन्होंने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कुछ समय के लिए मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रहे, जो उनकी राष्ट्रीय राजनीतिक पहचान को दर्शाता है।

अगस्त 2021 में उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहाँ फरवरी 2023 तक उन्होंने कार्य किया। इसके बाद उन्हें नगालैंड राजभवन भेजा गया और उन्होंने राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने उत्तर-पूर्व में शांति, विकास और सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देने में योगदान दिया।

प्रतिक्रियाएँ और श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय नेताओं ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ला गणेशन को “एक निष्ठावान राष्ट्रभक्त” और तमिल संस्कृति व राष्ट्र निर्माण में गहराई से जुड़े नेता बताया। उन्होंने गणेशन के आजीवन लोकसेवा और भाजपा के विस्तार में किए गए प्रयासों को स्मरण किया।

उत्तर-पूर्वी नेताओं ने योगदान याद किया
स्थानीय नेताओं ने उन्हें ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और नैतिक शक्ति से परिपूर्ण व्यक्ति बताया, जिनकी विनम्रता ने जनता का दिल जीता। नगालैंड के उपमुख्यमंत्री यंथुंगो पैटन ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गणेशन ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में सद्भाव स्थापित करने और जनता की आकांक्षाओं को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विरासत और प्रभाव

मूल्यों और दृष्टि के नेता
ला गणेशन को हमेशा याद किया जाएगा —

  • संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करने के लिए।

  • संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए।

  • ऐसी विकासोन्मुख नीतियों का समर्थन करने के लिए जो स्थानीय आकांक्षाओं से जुड़ी थीं।

नगालैंड में उनका शासन मृदु किंतु दृढ़ दृष्टिकोण से परिभाषित हुआ, जिसने समावेशी विकास और सांस्कृतिक सम्मान को प्रोत्साहित किया — जो नगालैंड जैसे विविध राज्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।

भारतीय डाक ने विशेष पोस्टकार्ड जारी कर शोले के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया

भारत की आइकॉनिक फ़िल्म ‘शोले’, जिसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था, ने 15 अगस्त 2025 को अपनी 50वीं वर्षगांठ पूरी की — यह दिन देश के स्वतंत्रता दिवस के साथ ही पड़ा। इस सिनेमाई मील के पत्थर का जश्न मनाने के लिए इंडिया पोस्ट के महाराष्ट्र डाक मंडल ने दो विशेष पिक्चर पोस्टकार्ड, एक प्रेज़ेंटेशन पैक और एक विशेष गोल्डन कैंसिलेशन जारी किया — भारतीय सिनेमा की इस महान फ़िल्म को समर्पित एक अनूठी डाक-टिकटीय श्रद्धांजलि।

इंडिया पोस्ट का विशेष विमोचन
गोल्डन जुबली ट्रिब्यूट का अनावरण
इन स्मारक वस्तुओं का विमोचन महाराष्ट्र सर्कल के मुख्य डाक महाप्रबंधक अमिताभ सिंह ने एक विशेष समारोह में किया। इस अवसर पर सिप्पी परिवार के सदस्य — रमेश सिप्पी, शहज़ाद सिप्पी, रोहन सिप्पी और किरण जोनेजा सिप्पी — भी उपस्थित थे। इनके अलावा शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर तथा वरिष्ठ डाक अधिकारियों में काइया अरोड़ा, सिमरन कौर और रेखा रिज़वी भी मौजूद रहे।

पिक्चर पोस्टकार्ड और गोल्डन कैंसिलेशन पर ऐसे विशिष्ट चित्र और डिज़ाइन उकेरे गए हैं जो शोले की आत्मा और विरासत को दर्शाते हैं। यह फ़िल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई थी। सांस्कृतिक धरोहर और डाक-टिकट परंपरा के इस मेल ने प्रशंसकों और संग्राहकों दोनों को गहराई से प्रभावित किया।

शोले: सांस्कृतिक घटना

ठीक 50 वर्ष पहले रिलीज़ हुई शोले भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर मानी जाती है। अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद ख़ान के यादगार अभिनय से सजी यह फ़िल्म कहानी कहने, संवाद और चरित्र-निर्माण की दृष्टि से भारतीय फ़िल्म निर्माण की मानक बन चुकी है। इंडिया पोस्ट का यह विशेष विमोचन इसकी अमर विरासत और राष्ट्रीय महत्व को सम्मानित करता है।

जन प्रतिक्रिया और डाक-टिकटीय आकर्षण
इस लॉन्च कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें फ़िल्म प्रेमियों के साथ-साथ डाक-टिकट संग्राहक भी शामिल थे। सिनेमा और डाक-टिकटों का यह संगम इतिहास को संरक्षित करने और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने का एक अनूठा माध्यम है। ये स्मारक वस्तुएं केवल संग्रहणीय नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं।

भारत पोस्ट का सतत सांस्कृतिक जुड़ाव
राष्ट्रीय प्रतीकों और क्षणों का सम्मान
भारत पोस्ट की परंपरा रही है कि वह डाक-टिकटीय पहलों के माध्यम से राष्ट्रीय उपलब्धियों को सम्मानित करता है —

  • मार्च 2025 में भारत की पुरुष क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी विजय (9 मार्च 2025, दुबई में न्यूज़ीलैंड पर जीत) पर विशेष कैंसिलेशन जारी किया गया।

  • हाल ही में युवा भारतीय शतरंज प्रतिभा डी. गुकेश के विश्व चैंपियन बनने पर उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि को मान्यता देते हुए विशेष कैंसिलेशन जारी किया गया।

ये पहलें दर्शाती हैं कि इंडिया पोस्ट खेल, सिनेमा और सार्वजनिक जीवन की उपलब्धियों को दर्ज करने और डाक-टिकटों व स्मृति-चिन्हों के माध्यम से राष्ट्रीय गर्व और सांस्कृतिक सराहना को बढ़ावा देने में निरंतर योगदान देता रहा है।

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