अगली पीढ़ी के सुधार और विकसित भारत दृष्टि हेतु केंद्र ने राजीव गौबा की अध्यक्षता में पैनल गठित किए

भारत सरकार ने नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य एवं पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में दो उच्च स्तरीय समितियाँ बनाई हैं। इन समितियों का उद्देश्य अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज़ी से लागू करना और “विकसित भारत” (2047 तक विकसित राष्ट्र) की महत्वाकांक्षी दृष्टि को साकार करना है।

नई समितियों की संरचना

  1. विकसित भारत लक्ष्यों पर समिति

    • 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने हेतु दीर्घकालिक नीतियों और कार्ययोजनाओं पर रणनीति बनाएगी।

  2. गैर-वित्तीय विनियामक सुधार समिति

    • गैर-वित्तीय क्षेत्रों के विनियामक ढांचे को सरल एवं पारदर्शी बनाने पर कार्य करेगी।

    • इसका उद्देश्य आर्थिक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना और “Ease of Doing Business” में सुधार लाना है।

समन्वित शासन दृष्टिकोण

  • ये समितियाँ अलग-अलग उद्देश्यों पर कार्य करेंगी, परंतु मंत्री-स्तरीय पैनलों के साथ समन्वय में रहेंगी।

  • गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूहों से इन समितियों को शीर्ष स्तर का राजनीतिक समर्थन मिलेगा।

  • साथ ही, कैबिनेट सचिव टी. वी. एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय विनियामक सुधार समिति भी गठित की गई है, ताकि राज्यों में मौजूद अड़चनों को दूर किया जा सके।

समितियों की संरचना

इन समितियों में नीति-निर्माताओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल हैं –

  • प्रमुख मंत्रालयों के सचिव (जैसे उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग, व्यय, MSME, ऊर्जा)

  • उद्योग और अर्थव्यवस्था से जुड़े विशेषज्ञ – पवन गोयनका, मनीष सभरवाल (एचआर विशेषज्ञ), जन्मेजय सिन्हा (बीसीजी इंडिया चेयरमैन)

  • उद्योग मंडलों के महासचिव – सीआईआई, फिक्की और एसोचैम

पृष्ठभूमि : विकसित भारत दृष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में “अगली पीढ़ी के सुधारों” की आवश्यकता पर बल देते हुए इस लक्ष्य हेतु विशेष टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की थी।
“विकसित भारत” दृष्टि के मुख्य आयाम हैं –

  • भारत को $5 ट्रिलियन और उससे आगे की अर्थव्यवस्था बनाना

  • सुशासन और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना

  • औद्योगिक नवाचार और डिजिटल ढांचे को प्रोत्साहन देना

  • संघीय सहयोग को मजबूत करना ताकि नीतियाँ पूरे देश में सहजता से लागू हो सकें।

यह कदम भारत की विकास यात्रा को और गति देगा, तथा केंद्र और राज्यों दोनों स्तरों पर सुधारों को लागू करने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगा।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025: 23 अगस्त

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) भारत के वैज्ञानिक गौरव और उपलब्धियों का उत्सव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में इसकी घोषणा की थी, ताकि चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता को स्मरण किया जा सके। इस दिन भारत न केवल अपने अंतरिक्षीय अतीत को याद करता है बल्कि भविष्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं की रूपरेखा भी तय करता है।

23 अगस्त का महत्व

  • 23 अगस्त 2023: इसरो का चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरा।

  • भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश और चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बना।

  • इस लैंडिंग स्थल को “शिवशक्ति प्वाइंट” नाम दिया गया, जो भारत की अंतरिक्षीय शक्ति का प्रतीक है।

  • इसी उपलब्धि की याद में हर वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाता है।

2025 की थीम

“आर्यभट्ट से गगनयान : प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाएँ”

  • यह थीम भारत की यात्रा को दर्शाती है — 1975 में पहले उपग्रह “आर्यभट्ट” से लेकर 2025 में प्रस्तावित गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन तक।

  • यह परंपरा और आधुनिक विज्ञान के समन्वय को उजागर करती है।

राष्ट्रीय मीट 2025:
“विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष तकनीक और अनुप्रयोगों का लाभ उठाना” पर केंद्रित है।

इसरो की विरासत और उपलब्धियाँ

प्रारंभिक नींव (1960–70 का दशक)

  • 1962: डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा इन्कोस्पार (INCOSPAR) की स्थापना।

  • 1969: इसरो की स्थापना।

  • 1975: सोवियत सहयोग से पहला उपग्रह आर्यभट्ट प्रक्षेपित।

स्वदेशी विकास (1980–90 का दशक)

  • 1980: रोहिणी उपग्रह का प्रक्षेपण (SLV-3 से)।

  • 1984: राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय।

तकनीकी परिपक्वता (1990–2000 का दशक)

  • INSAT और IRS श्रृंखला से संचार व रिमोट सेंसिंग की प्रगति।

  • 1994: पीएसएलवी (PSLV) का पहला सफल प्रक्षेपण।

अंतरिक्ष अन्वेषण युग (2000–2010 का दशक)

  • 2008: चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर जल की खोज की।

  • 2013: मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) पहली कोशिश में सफल।

  • 2017: PSLV-C37 ने एक साथ 104 उपग्रह लॉन्च कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

आधुनिक सफलताएँ (2020 का दशक)

  • 2019: चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अब भी डेटा भेज रहा है।

  • 2022: छोटे उपग्रहों के लिए SSLV लॉन्च।

  • 2023: चंद्रयान-3 का दक्षिणी ध्रुव पर सफल अवतरण।

  • 2023: आदित्य-एल1 सूर्य अध्ययन हेतु प्रक्षेपित।

  • 2024: निजी अंतरिक्ष कंपनियों के साथ इसरो का सहयोग बढ़ा।

गगनयान: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन (2025)

  • 3 अंतरिक्ष यात्री निम्न कक्षा (300–400 किमी ऊँचाई) में 3 दिन बिताएँगे।

  • मिशन का उद्देश्य भारत की स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को प्रदर्शित करना है।

  • लॉन्च के लिए एलवीएम-3 (पूर्व GSLV Mk-III) का उपयोग किया जाएगा।

भविष्य की दृष्टि : विकसित भारत @ 2047

  • 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना।

  • 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य।

  • अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के जरिए कृषि, आपदा प्रबंधन, मौसम पूर्वानुमान और नेविगेशन में सतत विकास।

राष्ट्रीय और शैक्षिक महत्व

  • युवाओं को STEM करियर के लिए प्रेरित करना।

  • इसरो की उपलब्धियों को सम्मान देना और भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करना।

  • समाज-आर्थिक विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के योगदान को बढ़ावा देना।

  • भारत की यात्रा — आर्यभट्ट से चंद्रयान तक और गगनयान से आगे — पर राष्ट्रीय गर्व का निर्माण।

श्रीनिवासन के. स्वामी 2025-26 के लिए AAAI के अध्यक्ष पुनः निर्वाचित

भारतीय विज्ञापन एजेंसियों का संघ (AAAI) ने आर के स्वामी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव ग्रुप चेयरमैन श्रीनिवासन के. स्वामी को वर्ष 2025-26 के लिए पुनः अध्यक्ष निर्वाचित किया है। उनका पुनर्नियुक्त होना उद्योग द्वारा उनके नेतृत्व में जताए गए निरंतर विश्वास को दर्शाता है। यह नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब AAAI अपनी स्थापना (1945) के 80 वर्ष पूरे कर रहा है।

श्रीनिवासन के. स्वामी : भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज

  • वर्तमान पद: एग्जीक्यूटिव ग्रुप चेयरमैन, आर के स्वामी लिमिटेड

  • पूर्व नेतृत्व: 2004–2007 तक लगातार तीन कार्यकालों के लिए AAAI अध्यक्ष रह चुके हैं।

  • उद्योग में प्रभाव: भारतीय विज्ञापन जगत की अग्रणी आवाज़ों में से एक, जिन्होंने सहयोग, वकालत और उद्योग के पेशेवर विकास को आगे बढ़ाया।

AAAI नेतृत्व 2025-26

  • अध्यक्ष: श्रीनिवासन के. स्वामी

  • उपाध्यक्ष: जयदीप गांधी

  • बोर्ड सदस्य: अनुप्रिया आचार्य, सैम बलसारा, मोहित जोशी, अनुपमा शेट्टी, शशि सिन्हा, विक्रम सक्सेना, परितोष श्रीवास्तव

पूर्व अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने स्वामी को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व से उद्योग में सहयोग, नीतिगत वकालत और नवाचार को और मजबूती मिलेगी।

AAAI के बारे में

  • स्थापना: 1945

  • प्रकृति: देश में विज्ञापन एजेंसियों की सर्वोच्च संस्था

  • भूमिका:

    • विज्ञापन एजेंसियों के सामूहिक हितों का प्रतिनिधित्व करना।

    • सरकार, मीडिया संस्थानों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद स्थापित करना।

    • आत्मनियमन, नैतिक प्रथाओं और उद्योग के सतत विकास को बढ़ावा देना।

2025 में आठ दशकों की सेवा पूरी कर रहा AAAI, श्रीनिवासन के. स्वामी के नेतृत्व में भारतीय विज्ञापन उद्योग को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के अनुरूप दिशा देने की उम्मीद कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में 5,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अगस्त 2025 को कोलकाता में ₹5,200 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कोलकाता के ऐतिहासिक महत्व और भारत के आर्थिक भविष्य को गढ़ने में इसकी भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को आधुनिक, एकीकृत परिवहन प्रणाली की आवश्यकता है और कोलकाता इस परिवर्तन का आदर्श मॉडल है।

प्रमुख उद्घाटित परियोजनाएँ

मेट्रो नेटवर्क विस्तार

  • नोआपाड़ा–जय हिंद विमानबंदर मेट्रो सेवा

    • कोलकाता एयरपोर्ट तक सीधी पहुँच को आसान बनाएगी।

  • सीलदह–एस्प्लेनेड मेट्रो सेवा

    • यात्रा समय को 40 मिनट से घटाकर केवल 11 मिनट करेगी।

  • बेलघाटा–हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो खंड

    • कोलकाता के आईटी हब से बेहतर कनेक्टिविटी।

इन तीनों परियोजनाओं के साथ लगभग 14 किमी नई मेट्रो लाइनें और 7 नए स्टेशन जुड़ेंगे, जिससे लाखों दैनिक यात्रियों को लाभ मिलेगा।

हावड़ा मेट्रो सबवे

  • नए सबवे का उद्घाटन — हावड़ा मेट्रो स्टेशन पर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

  • पूर्वी रेलवे और दक्षिण-पूर्व रेलवे के बीच तेजी से इंटरचेंज की सुविधा।

  • यात्रियों के लंबे चक्कर और प्रतीक्षा समय में कमी।

कोना एक्सप्रेसवे

  • 7.2 किमी लंबा छह-लेन ऊँचा एक्सप्रेसवे (₹1,200 करोड़) का शिलान्यास।

  • हावड़ा, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और कोलकाता को जोड़ेगा।

  • यात्रा समय में भारी बचत, व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा।

  • बंदरगाह कनेक्टिविटी मजबूत होगी, क्षेत्रीय लॉजिस्टिक्स को सशक्त बनाएगा।

पृष्ठभूमि एवं महत्व

  • कोलकाता मेट्रो भारत की पहली मेट्रो प्रणाली है और निरंतर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप विस्तारित की जा रही है।

  • ये नई परियोजनाएँ सरकार की “Ease of Living” (जीवन की सरलता) और “Ease of Travel” (यात्रा की सहजता) की दृष्टि को प्रतिबिंबित करती हैं।

  • बेहतर अवसंरचना से —

    • व्यापार मार्ग मज़बूत होंगे,

    • यात्रा समय कम होगा,

    • रोज़गार, वाणिज्य और पर्यटन को नई गति मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के गया में 12,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अगस्त 2025 को गया (बिहार) में लगभग ₹12,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। विष्णुपद मंदिर और बोधगया की पावन भूमि से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार की प्राचीन विरासत, भारत की रक्षा में इसकी भूमिका और राष्ट्रीय विकास में बढ़ती अहमियत पर प्रकाश डाला।

प्रमुख उद्घाटित परियोजनाएँ

1. सड़क एवं पुल परियोजनाएँ

  • अंता–सिमरिया पुल (₹1,870 करोड़)

    • 8.15 किमी परियोजना, जिसमें गंगा पर 1.86 किमी लंबा छह-लेन पुल शामिल।

    • भारी वाहनों के 100+ किमी लंबे चक्कर को कम करेगा, उत्तर और दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी बेहतर।

  • बख्तियारपुर–मोकामा फोर-लेन खंड (₹1,900 करोड़)

    • यात्री और माल ढुलाई दोनों में तेजी।

  • बिक्रमगंज–दुमराँव एनएच-120 अपग्रेड

    • ग्रामीण कनेक्टिविटी व आर्थिक अवसरों को बढ़ावा।

2. ऊर्जा अवसंरचना

  • बक्सर थर्मल पावर प्लांट (₹6,880 करोड़)

    • 660 मेगावाट क्षमता जोड़ता है।

    • ऊर्जा सुरक्षा व औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन।

  • आगामी परियोजनाएँ: नवीनगर (औरंगाबाद) और पीरपैंती (भागलपुर), बिहार की ऊर्जा आपूर्ति को और सशक्त बनाएंगी।

3. स्वास्थ्य सेवाएँ

  • होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं शोध केंद्र, मुज़फ्फरपुर

    • OPD, IPD वार्ड, आधुनिक लैब, OT, ICU, HDU और ब्लड बैंक से सुसज्जित।

    • बिहार व पड़ोसी राज्यों के मरीजों को सुलभ व किफायती कैंसर उपचार उपलब्ध।

4. शहरी विकास एवं गंगा सफाई परियोजनाएँ

  • मुंगेर STP एवं सीवरेज नेटवर्क (₹520 करोड़) — नमामि गंगे के तहत।

  • शहरी अवसंरचना परियोजनाएँ (₹1,260 करोड़): औरंगाबाद, बोधगया, जहानाबाद, जमुई, लखीसराय।

  • AMRUT 2.0 जलापूर्ति परियोजनाएँ — औरंगाबाद, बोधगया, जहानाबाद के लिए।

5. रेलवे

  • अमृत भारत एक्सप्रेस: गया–दिल्ली मार्ग, आधुनिक सुविधाओं से युक्त।

  • बौद्ध परिपथ ट्रेन: वैशाली से कोडरमा तक, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा।

  • गया स्टेशन आधुनिकीकरण: अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं सहित।

6. आवास एवं कल्याण

  • गृह प्रवेश समारोह:

    • 12,000 ग्रामीण लाभार्थियों (प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण)

    • 4,260 शहरी लाभार्थियों (प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी)

  • घरों में बिजली, पानी, शौचालय और गैस कनेक्शन उपलब्ध — सम्मान व सुरक्षा का प्रतीक।

बिहार के लिए महत्व

  • बेहतर कनेक्टिविटी: यात्रा समय में कमी, व्यापार और औद्योगिक संपर्क मज़बूत।

  • ऊर्जा सुरक्षा: घरों व उद्योगों के लिए अधिक विश्वसनीय बिजली आपूर्ति।

  • स्वास्थ्य सुविधा: राज्य में ही आधुनिक कैंसर उपचार की उपलब्धता।

  • रोज़गार सृजन: औद्योगिक क्षेत्र, टेक्नोलॉजी केंद्र और अवसंरचना परियोजनाओं से नए अवसर।

  • धार्मिक पर्यटन: बौद्ध परिपथ ट्रेन और कनेक्टिविटी सुधार से वैश्विक तीर्थयात्रियों का आकर्षण।

भारत AIBD कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष निर्वाचित

भारत को एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है। यह चुनाव 19–21 अगस्त 2025 को फुकेत, थाईलैंड में आयोजित 23वीं एआईबीडी जनरल कॉन्फ्रेंस में हुआ, जहाँ भारत को सर्वाधिक मत मिले।

यह भारत की शीर्ष नेतृत्व भूमिका में वापसी है, क्योंकि इससे पहले 2016 में भारत ने एआईबीडी कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी संभाली थी।

एआईबीडी में भारत की सशक्त भूमिका

  • यह चुनाव वैश्विक मीडिया परिदृश्य में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

  • भारत अगस्त 2025 तक एआईबीडी जनरल कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष भी है, जिससे यह द्वैध नेतृत्व (dual leadership) भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

एआईबीडी के बारे में

  • स्थापना: 1977, यूनेस्को के संरक्षण में

  • प्रकृति: क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन

  • सदस्यता: 45 देशों के 92 संगठन

    • 26 सरकारी सदस्य (48 राष्ट्रीय प्रसारक)

    • 44 सहयोगी सदस्य (एशिया-प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब देशों और उत्तर अमेरिका से)

  • भारत संस्थापक सदस्य है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से प्रसार भारती इसका प्रतिनिधित्व करता है।

23वीं एआईबीडी जनरल कॉन्फ्रेंस (2025)

  • स्थान: फुकेत, थाईलैंड

  • तिथियाँ: 19–21 अगस्त 2025

  • अध्यक्ष: श्री गौरव द्विवेदी (भारत)

  • थीम: “जनता, शांति और समृद्धि के लिए मीडिया”

  • इस सम्मेलन में वैश्विक प्रसारण क्षेत्र से जुड़े हितधारक नीति आदान-प्रदान, सामग्री सहयोग और मीडिया विकास रणनीतियों पर विचार-विमर्श के लिए एकत्र हुए।

भारत के चुनाव का महत्व

  • अंतरराष्ट्रीय प्रसारण में भारत की नेतृत्व भूमिका को सशक्त बनाता है।

  • एआईबीडी के साथ पाँच दशकों की साझेदारी को मज़बूती प्रदान करता है।

  • वैश्विक मीडिया विकास और सहयोग की दिशा तय करने में भारत की आवाज़ को और प्रभावी बनाता है।

  • प्रसार भारती के माध्यम से भारत के सार्वजनिक सेवा प्रसारण मॉडल में अंतरराष्ट्रीय विश्वास को दर्शाता है।

नीति आयोग ने “होमस्टे पर पुनर्विचार: नीतिगत मार्ग निर्धारण” पर रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के सहयोग से “रीथिंकिंग होमस्टे: नैविगेटिंग पॉलिसी पाथवेज़” शीर्षक से नई रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारत के होमस्टे और बीएनबी (BnB) इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत करती है।

यह रिपोर्ट 22 अगस्त 2025 को सुमन बेरी (उपाध्यक्ष, नीति आयोग) द्वारा जारी की गई। इस अवसर पर श्री युगल किशोर जोशी (कार्यक्रम निदेशक) सहित पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और गोवा, केरल, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ

  • संस्कृतिक सेतु के रूप में होमस्टे: प्रामाणिक और गहन यात्रा अनुभव को बढ़ावा देते हुए स्थानीय उद्यमिता और रोजगार को सशक्त बनाना।

  • नीतिगत दिशा: सुरक्षा, धरोहर संरक्षण और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी व सरल नियामक ढाँचे की वकालत।

  • सार्वजनिक–निजी सहयोग: IAMAI, MakeMyTrip, Airbnb, Chase India, ISPP और The Convergence Foundation जैसी संस्थाओं की भागीदारी पर ज़ोर।

  • जीविकोपार्जन प्रभाव: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आर्थिक अवसर पैदा करने में होमस्टे की भूमिका को रेखांकित।

  • डिजिटल सशक्तिकरण: होस्ट प्रशिक्षण, उपभोक्ता विश्वास और क्षेत्र की विस्तार क्षमता बढ़ाने हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के अधिक उपयोग का आह्वान।

  • सर्वोत्तम अभ्यास: राज्य-स्तरीय केस स्टडीज़ शामिल, जो होमस्टे प्रशासन के स्केलेबल मॉडल प्रस्तुत करती हैं।

महत्व

यह रिपोर्ट होमस्टे और बीएनबी को भारत की पर्यटन वृद्धि का प्रमुख स्तंभ मानती है, जो जोड़ती है:

  • सांस्कृतिक प्रामाणिकता को आधुनिक आतिथ्य सेवाओं के साथ।

  • स्थानीय आजीविका सृजन को धरोहर संरक्षण के साथ।

  • समावेशी विकास को सतत पर्यटन के साथ।

यह दस्तावेज़ कार्यान्वयन योग्य नीतिगत सिफारिशें प्रस्तुत करता है, ताकि भारत का होमस्टे क्षेत्र लचीला, धरोहर-सचेत और पर्यटन दृष्टि से अग्रणी बन सके।

पीएम मोदी 2 सितंबर को सेमीकाॅन इंडिया 2025 का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि (IICC) में सेमिकॉन इंडिया 2025 के चौथे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह तीन दिवसीय आयोजन (2–4 सितंबर) भारत का सबसे बड़ा सेमिकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रदर्शन मंच है, जिसमें 33 देशों, 50+ वैश्विक CXOs, 350 प्रदर्शक और 50+ प्रमुख वक्ता भाग लेंगे।

आयोजन की मुख्य झलकियाँ

  • थीम (विषय): अगली सेमिकंडक्टर महाशक्ति का निर्माण

  • स्थान: यशोभूमि (IICC), नई दिल्ली

  • तिथियाँ: 2–4 सितम्बर 2025

प्रमुख विशेषताएँ

  • प्रदर्शनी: वैश्विक सेमिकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र से लगभग 350 कंपनियाँ

  • प्रतिभागिता:

    • 33 देश

    • 4 कंट्री पवेलियन

    • 9 भारतीय राज्य

    • 6 अंतरराष्ट्रीय कंट्री राउंडटेबल्स

  • वक्तागण: 50+ वैश्विक विशेषज्ञ, जैसे —

    • Applied Materials, ASML, IBM, Infineon, KLA, Lam Research, MERCK, Micron, SK Hynix, TATA Electronics, Tokyo Electron इत्यादि

  • आगंतुक: 15,000+ प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना

गतिविधियाँ

  • उच्च-स्तरीय कीनोट्स, पैनल चर्चा, फायरसाइड चैट्स, शोध पत्र प्रस्तुतियाँ

  • वर्कफ़ोर्स डेवलपमेंट पवेलियन — माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में करियर अवसरों पर प्रकाश

  • अंतरराष्ट्रीय राउंडटेबल्स — वैश्विक सहयोग को बढ़ावा

सेमिकॉन इंडिया के बारे में

  • सेमिकॉन इंडिया, SEMI® ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा है, जो विश्वभर में प्रतिवर्ष आठ एक्सपोज़ आयोजित करता है।

  • यह उद्योग नेताओं, अकादमिक जगत और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाकर निम्न विषयों पर समाधान खोजने का मंच प्रदान करता है:

    • सप्लाई चेन की मजबूती

    • सतत विकास (Sustainability)

    • उन्नत सेमिकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण

इंडिया सेमिकंडक्टर मिशन (ISM), जो इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के तहत कार्यरत है, इस कार्यक्रम को लागू करने वाली प्रमुख एजेंसी है। इसका उद्देश्य भारत को विश्वसनीय वैश्विक हब के रूप में स्थापित करना है, जो सेमिकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अग्रणी भूमिका निभाए।

RBI ने अक्टूबर की नीति बैठक से पहले इंद्रनील भट्टाचार्य को नया MPC सदस्य नियुक्त किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर नीति बैठक से पहले कार्यकारी निदेशक इंद्रनील भट्टाचार्य को मौद्रिक नीति समिति (MPC) का पदेन सदस्य नियुक्त किया है, जो राजीव रंजन का स्थान लेंगे।

एक महत्वपूर्ण नेतृत्व विकास में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति विभाग के कार्यकारी निदेशक, इंद्रनील भट्टाचार्य को मौद्रिक नीति समिति (MPC) का नवीनतम पदेन सदस्य नियुक्त किया है। यह कदम समिति की आगामी बैठक से पहले उठाया गया है, जो 29 सितंबर और 1 अक्टूबर, 2025 के बीच निर्धारित है। भट्टाचार्य, सेवानिवृत्त हो रहे राजीव रंजन का स्थान लेंगे, जिससे RBI के प्रमुख नीति-निर्माण निकाय में एक निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित होगा।

इंद्रनील भट्टाचार्य: मौद्रिक नीति में निहित करियर

केंद्रीय बैंकिंग में 28 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, भट्टाचार्य MPC में गहन विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि लेकर आते हैं।

उनके करियर की मुख्य बातें

  • उनकी दो-तिहाई से अधिक व्यावसायिक यात्रा मौद्रिक नीति निर्माण पर केंद्रित रही है।
  • मार्च 2025 से आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग (DEPR) के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत।
  • 2009 से 2014 तक कतर सेंट्रल बैंक में आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में काम किया।
  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।
  • मौद्रिक अर्थशास्त्र, वित्तीय बाजार और बाजार सूक्ष्म संरचना जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई पत्र प्रकाशित।

उनकी पृष्ठभूमि उन्हें आने वाले महीनों में भारत की मौद्रिक नीति को आकार देने में सार्थक योगदान देने के लिए उपयुक्त बनाती है।

एमपीसी की भूमिका और महत्व

मौद्रिक नीति समिति (MPC) भारत की मौद्रिक नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें मुद्रास्फीति लक्ष्य बनाए रखने और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए ब्याज दर संबंधी निर्णय शामिल हैं।

एमपीसी की जिम्मेदारियां

  • बेंचमार्क ब्याज दर (रेपो दर) निर्धारित करना।
  • मुद्रास्फीति को लक्षित सीमा के भीतर बनाए रखना।
  • व्यापक आर्थिक स्थिरता और विकास को समर्थन देना।

फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए 24-26 अगस्त तक भारत की यात्रा पर आएंगे

फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका 24-26 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता करेंगे, राष्ट्रपति मुर्मू से मिलेंगे तथा भारतीय विश्व मामलों की परिषद में व्याख्यान देंगे।

एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जुड़ाव में, फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामादा राबुका 24 से 26 अगस्त, 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा घोषित इस यात्रा से शासन, विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में भारत-फिजी द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की उम्मीद है।

यात्रा की मुख्य विशेषताएं

उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता

25 अगस्त को, प्रधानमंत्री राबुका नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ औपचारिक चर्चा करेंगे। इस बैठक में निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है:

  • स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास
  • जलवायु परिवर्तन और महासागर शासन
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग
  • डिजिटल अवसंरचना और क्षमता निर्माण

प्रधानमंत्री मोदी अतिथि अतिथि के सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया जाएगा।

राष्ट्रपति के साथ बैठक

अपने प्रवास के दौरान, प्रधानमंत्री राबुका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे, जिससे उच्चतम स्तर पर भारत-फिजी संबंधों के प्रतीकात्मक और रणनीतिक महत्व को बल मिलेगा।

सार्वजनिक सहभागिता: ‘शांति का महासागर’ व्याख्यान

अपने कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, प्रधानमंत्री राबुका नई दिल्ली में भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) में ‘शांति का महासागर’ शीर्षक से एक व्याख्यान देंगे। इस व्याख्यान में निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा:

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता में फिजी की भूमिका
  • समुद्री सुरक्षा और शांतिपूर्ण महासागर शासन
  • भारत और प्रशांत द्वीप देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जन-जन संबंध

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