इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि, शासन और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डाला।

भारत की आर्थिक वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था 90% बढ़ी है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की 35% वृद्धि से काफी आगे है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय निरंतर सुधारों को दिया और आश्वासन दिया कि सरकार निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

शासन के माध्यम से परिवर्तन

उन्होंने सरकार के मंत्र “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” को रेखांकित किया, इस बात पर जोर देते हुए कि पिछले दशक के प्रयासों ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए हैं, जिससे एक “नव-मध्यम वर्ग” का निर्माण हुआ है जो अब भारत की प्रगति में एक प्रेरक शक्ति है।

बुनियादी ढांचे का विकास

प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत और पुणे, ठाणे और बैंगलोर जैसे शहरों में मेट्रो सिस्टम का विस्तार शामिल है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के प्रति सरकार के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए जीवन की सुगमता को बढ़ाना है।

वैश्विक आकांक्षाएं और भविष्य के लिए विजन

पीएम मोदी ने वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की भारत की आकांक्षा, एमएसएमई के लिए समर्थन और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसी पहलों में महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण निवेश के साथ भारत को ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की।

स्थिरता और वैश्विक नेतृत्व

पीएम मोदी ने हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को रेखांकित किया, जिसमें हरित हाइड्रोजन उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी के रूप में स्थापित करना है।

पर्यटन और समावेशी विकास

प्रधानमंत्री ने पर्यटन को भारत के विकास का एक प्रमुख स्तंभ बताया और समावेशी वैश्विक विकास की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए। उन्होंने जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान इन देशों की आवाज़ के रूप में भारत की भूमिका को दोहराया।

भावी विकास के प्रति प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के भारत के संकल्प की पुष्टि करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने नागरिकों और हितधारकों से इस यात्रा में योगदान देने का आह्वान किया और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में नवाचार, समावेशन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

प्रीति पाल एथलेटिक्स में दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं

भारत की महिला पैरा रेसर प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक में दूसरा मेडल जीता। उन्होंने महिलाओं की 200 मीटर (T35) कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही प्रीति ने इतिहास रच दिया है। वह पैरालंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं।

प्रीति पाल ने 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में कांस्य पदक जीता। यह पेरिस पैरालंपिक में उनका दूसरा पदक है। प्रीति का कांस्य पेरिस में भारत का दूसरा पैरा एथलेटिक्स पदक भी है।

क्या है टी35?

टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं।

भारत के राष्ट्रपति की ओर से बधाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पेरिस पैरालिंपिक में दूसरे पदक के लिए प्रीति पाल को बधाई दी। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि – भारत को उन पर गर्व है। तिरंगे में लिपटी उनकी विजयी छवि ने खेल प्रेमियों को रोमांचित कर दिया है। मैं कामना करता हूँ कि वह युवाओं में खेल संस्कृति को मजबूत करें और भारत के लिए और अधिक सम्मान अर्जित करें।

पहली बार प्रीति ने ट्रैक स्पर्धा में देश को मेडल दिलाया

मेरठ की रहने वाली 23 वर्ष की प्रीति का ब्रॉन्ज मेडल पेरिस में पैरा एथलेटिक्स में भारत का दूसरा पदक है। 1984 से 2020 तक भारत ने पैरा एथलेटिक्स के सभी पदक फील्ड स्पर्धाओं में जीते थे। पहली बार प्रीति ने ट्रैक स्पर्धा में देश को मेडल दिलाया है।

 

 

अगस्त में जीएसटी संग्रह 10% बढ़कर ₹1.75 लाख करोड़ हुआ

घरेलू खपत व वस्तुओं के आयात में वृद्धि से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) संग्रह अगस्त, 2024 में सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। हालांकि, मासिक आधार पर जीएसटी के रूप में सरकार की कमाई में गिरावट आई है। जुलाई, 2024 में जीएसटी संग्रह 1.82 लाख करोड़ रुपये और अगस्त, 2023 में 1.59 लाख करोड़ रहा था। सरकार को अप्रैल, 2024 में जीएसटी के रूप में अब तक की सर्वाधिक 2.10 लाख करोड़ की कमाई हुई थी।

सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1,74,962 करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की हिस्सेदारी 30,862 करोड़ रुपये रही। इसके अलावा, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का 38,411 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का 44,593 करोड़ और सेस का 11,120 करोड़ रुपये का योगदान रहा।

सकल जीएसटी राजस्व

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने खपत बढ़ने से घरेलू राजस्व 9.2 फीसदी बढ़कर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। अगस्त, 2023 में यह आंकड़ा 1.14 लाख करोड़ रुपये रहा था। वस्तुओं के आयात से सकल जीएसटी राजस्व 12.1 फीसदी बढ़कर 49,976 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 44,566 करोड़ रुपये रहा था।

शुद्ध राजस्व में 6.5 फीसदी बढ़ोतरी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रिफंड के बाद शुद्ध राजस्व में 6.5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगस्त में 24,460 करोड़ के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 38 फीसदी अधिक है। रिफंड समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 6.5% बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा।

बिहार का राजगीर 2024 महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करेगा: हॉकी इंडिया

बिहार अंतरराष्ट्रीय हॉकी के परिदृश्य पर एक महत्वपूर्ण आयोजन की मेज़बानी करेगा। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट नव-निर्मित राजगीर हॉकी स्टेडियम में खेला जाएगा, जो इस क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। बिहार में स्थित शहर राजगीर, 8वें महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता 2024 की मेजबानी करेगा। यह लगातार दूसरी बार है कि भारत इस प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। भारत ने 27 अक्टूबर से 5 नवंबर 2023 तक रांची, झारखंड में आयोजित 7वें महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, जिसे भारतीय टीम ने जीता था।

महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट 2024 के मेजबान

एशियाई हॉकी महासंघ के अध्यक्ष दातो फुमियो ओगुरा ने 29 अगस्त 2024 को भारत को 8वें महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता 2024 के मेजबान के रूप में घोषित किया था। 8वीं महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट 2024 की मेजबानी हॉकी इंडिया और बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 11 से 20 नवंबर, 2024 तक की जाएगी। यह प्रतियोगिता राजगीर शहर के नव विकसित राजगीर हॉकी स्टेडियम में खेला जाएगा।

8वीं महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता में टीमें

शीर्ष छह एशियाई महिला हॉकी टीमें महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेती हैं। गत चैंपियन और मेजबान भारत, 2024 पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड के प्रतियोगिता में भाग लेने की उम्मीद है। महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेला जाता है जहां टीमें एक-दूसरे के साथ खेलती हैं। शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी और सेमीफाइनल के विजेता 20 नवंबर 2024 को फाइनल खेलेंगे।

महिला एशियाई हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी

एशियाई हॉकी महासंघ 2010 से महिला एशियाई हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन मेजबान देश के हॉकी संघ के सहयोग कर रहा है। पहला महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता 2010 में और दूसरा 2011 में आयोजित किया गया था। उसके बाद, एशियाई हॉकी महासंघ ने पुरुष और महिला दोनों एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता एक ही वर्ष में आयोजित करने का निर्णय लिया। दक्षिण कोरिया,एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता में सबसे सफल टीम है, जिसने इसे तीन बार जीता है, उसके बाद भारत और जापान हैं, जिन्होंने इसे दो-दो बार जीता है।

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मध्य वायु कमान के एओसी-इन-सी का पदभार संभाला

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने 01 सितंबर 2024 को मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को 06 दिसंबर 1986 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वायुसेना अधिकारी एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट और एक योग्य फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं, जिनके पास भारतीय वायुसेना के विभिन्न प्रकार के विमानों पर 3300 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है।

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित के बारे में

वह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने ऑपरेशन-सफेद सागर और ऑपरेशन-रक्षक जैसे कई ऑपरेशनों एवं अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। कुल 37 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान, वायुसेना अधिकारी ने कई महत्वपूर्ण फील्ड और स्टाफ नियुक्तियों पर योगदान दिया है।

भारतीय वायुसेना में उनकी सेवा

  • एक कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, उन्होंने भारतीय वायुसेना के एक स्क्वाड्रन को अत्याधुनिक मिराज विमान से सुसज्जित किया और बाद में पश्चिमी सेक्टर में एक फ्रंट-लाइन फाइटर एयर बेस और दक्षिणी सेक्टर में एक प्रीमियर फाइटर ट्रेनिंग बेस की कमान संभाली।
  • उन्होंने एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल में डायरेक्टिंग स्टाफ के रूप में काम किया है और वायु मुख्यालय में प्रिंसिपल डायरेक्टर एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट की स्टाफ नियुक्ति पर योगदान दिया है।
  • वायुसेना अधिकारी ने दक्षिणी वायु कमान के एयर डिफेंस कमांडर की जिम्मेदारी संभाली और वायु मुख्यालय में सहायक वायु सेना प्रमुख (परियोजना) और सहायक वायु सेना प्रमुख (योजना) के रूप में भी योगदान दिया।
  • मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार संभालने से पहले, वह वायु सेना के उप प्रमुख के पद पर कार्यरत थे।

पुरस्कार

उनकी सराहनीय सेवाओं को मान्यता प्रदान करते हुए, उन्हें महामहिम राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक, वायु सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने मनाया 7वां स्थापना दिवस

देश भर में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाला इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) गर्व के साथ अपना 7वां स्थापना दिवस (आईपीपीबी दिवस) मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में देश भर में इसकी शुरुआत की थी। स्थापना के बाद से, आईपीपीबी वंचित और बैंकिंग सेवाओं से दूर रहे परिवारों को उनके घर तक सुलभ, सस्ती और भरोसेमंद डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके भारत के वित्तीय परिदृश्य को बदलने में सबसे आगे रहा है।

आईपीपीबी ने पिछले सात वर्षों के दौरान इंडिया पोस्ट के 1,61,000 से अधिक डाकघरों और 1,90,000 डाक कर्मचारियों के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए वित्तीय समावेशन की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आईपीपीबी के अभिनव दृष्टिकोण ने यह सुनिश्चित किया है कि देश भर में लाखों लोगों की, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, आवश्यक बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच हो जिससे घर तक डिजिटल बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के साथ हर घर को सशक्त बनाकर राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सके।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की प्रमुख उपलब्धियां

  • 9.88 करोड़ से ज़्यादा ग्राहक खाते खुलवाए।
  • 12 लाख से ज़्यादा व्यापारियों को जोड़ा।
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) में 45,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि सफलतापूर्वक वितरित की।
  • 7.10 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों के आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर अपडेट की सुविधा प्रदान की।
  • 20 लाख से ज़्यादा पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सेवाएं प्रदान की।

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना डाक विभाग, संचार मंत्रालय के तहत भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ की गई है। इसे 01 सितंबर, 2018 को शुरू किया गया था। इस बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने के दृष्टिकोण से की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाएं लेने वाले लोगों की बाधाओं को दूर करना और 1,61,000 से अधिक डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,43,000) और 190,000 से अधिक डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम छोर तक पहुंचना है।

संचालन के प्रमुख स्तंभ

आईपीपीबी की पहुंच और इसका संचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है – सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के घर तक सरल और सुरक्षित तरीके से कागज रहित, नकदी रहित और उपस्थिति रहित बैंकिंग को सक्षम करना। किफायती नवाचार का लाभ उठाते हुए और आम जनता के लिए बैंकिंग को सरल बनाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए, यह 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।

डिजिटल इंडिया के विजन

यह बैंक कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के विजन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत तब समृद्ध होगा जब प्रत्येक नागरिक को वित्तीय रूप से सुरक्षित और सशक्त बनने का समान अवसर मिलेगा। हमारा आदर्श वाक्य है – प्रत्येक ग्राहक महत्वपूर्ण है, प्रत्येक लेनदेन महत्वपूर्ण है और प्रत्येक जमा मूल्यवान है।

निर्देशक हयाओ मियाजाकी रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित

जापानी फिल्म निर्देशक हयाओ मियाजाकी को 2024 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मियाजाकी को ‘प्रिंसेस मोनोनोके’, ‘स्पिरिटेड अवे’, ‘हाउल्स मूविंग कैसल’, ‘माई नेबर टोटोरो’ और ‘द बॉय एंड द हेरॉन’ समेत कई फिल्मों के लिए जाना जाता है।

इस साल के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार समारोह का आयोजन नवंबर में किया जाएगा। फिलहाल इस साल के विजेताओं का एलान किया गया है। इस बार एक समूह और तीन शख्सियत को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाएगा। निर्देशक हयाओ मियाजाकी की बात करें तो उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के विषय पर कई एनिमेटेड फिल्में बनाईं है।

हयाओ मियाजाकी के बारे में

हयाओ मियाजाकी स्टूडियो घिबली के सह-संस्थापक है। उनके रेमन मैग्सेसे जीतने की खबर को साझा करते हुए स्टूडियो घिबली ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि हायाओ मियाजाकी ने रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीत लिया है, जिसे एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है। फाउंडेशन ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और शांति को बढ़ावा देने जैसे जटिल मुद्दों को समझने में मदद करने के लिए कला का इस्तेमाल किया है। उन्होंने दुनिया की कई सबसे यादगार और प्रिय फिल्में बनाई हैं।

‘द बॉय एंड द हेरॉन’ फिल्म बनाई

हयाओ मियाजाकी ने साल 2023 में ‘द बॉय एंड द हेरॉन’ फिल्म बनाई थी, जो एक फैंटेसी-एडवेंचर फिल्म है। इस फिल्म को आलोचकों ने खूब सराहा था। इतना ही नहीं इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फीचर फिल्म का ऑस्कर पुरस्कार भी मिला था।

हयाओ मियाजाकी का जन्म

मियाजाकी का जन्म 5 जनवरी, 1941 को टोक्यो में हुआ था। वो निर्देशक होने के साथ-साथ मशहूर एनिमेटर भी हैं। हयाओ गुलिवर्स ट्रैवल्स बियॉन्ड द मून और पुस इन बूट्स समेत कई फिल्मों में एनिमेटर के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने टीवी सीरीज फ्यूचर बॉय कॉनन का भी निर्देशन किया है।

विश्व नारियल दिवस 2024: 2 सितंबर

हर साल 2 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। प्रकृति के सबसे बहुमुखी उत्पादों में से एक, नारियल का इस्तेमाल खाने-पीने और कॉस्मेटिक से लेकर सजावट तक हर चीज में किया जाता है। नारियल का इस्तेमाल कई भारतीय और विदेशी व्यंजनों में किया जाता है। इस दिन को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है। नारियल दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में नारियल की खेती के बारे में लोगों को जागरुक करना है। नारियल हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

गर्मी के दिनों में बहुत लोग खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए नारियल पानी पीना पसंद करते हैं। बता दें कि नारियल पानी केवल बॉडी को हाइड्रेटेड ही नहीं रखता है बल्कि कई तरह की बीमारियों से बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है। दरअसल नारियल पानी बहुत तरह के न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है, जो कई तरह की प्रॉब्लम को दूर रखने का काम करते हैं।

विश्व नारियल दिवस का महत्व

विश्व नारियल दिवस किसानों और नारियल उगाने के व्यवसाय में हितधारकों द्वारा मनाया जाता है। विश्व नारियल दिवस नारियल के कई लाभों का जश्न मनाने और स्थायी नारियल खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य

नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना, अहमियत बताना और इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है। सालों से, इस दिन को नारियल के लाभों और इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए मनाया जा रहा है।

विश्व नारियल दिवस का इतिहास

हर साल 2 सितम्बर को नारियल उत्पादक देशों के अंतर सरकारी संगठन ‘अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC)’ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार एशिया प्रशांत नारियल समुदाय ने 2 सितंबर 2009 को मनाया था।

इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी (ICC) की स्थापना साल 1969 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के तत्वावधान में हुई थी। उस समय इसे एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय के रूप में जाना जाता था।

 

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने वायुसेना के उप प्रमुख का पदभार संभाला

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख का पदभार संभाला। इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी। वायु सेना के मुख्यालय (वायु भवन) में कार्यभार संभालने के बाद एयर मार्शल ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।

पृष्ठभूमि और सेवा

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल तेजिंदर सिंह को 13 जून, 1987 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की लड़ाकू शाखा में नियुक्त किया गया था। वह 4,500 घंटे से अधिक की उड़ान के साथ ए-कैटेगरी के फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं। एयर मार्शल सिंह रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के भी पूर्व छात्र हैं।

कैरियर की मुख्य बातें

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह एक लड़ाकू स्क्वाड्रन, रडार स्टेशन और एक प्रमुख लड़ाकू बेस की कमान संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह जम्मू-कश्मीर के एयर ऑफिसर कमांडिंग भी थे। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि कमांड मुख्यालय में ऑपरेशनल स्टाफ, वायु सेना मुख्यालय में एयर कमोडोर (कार्मिक अधिकारी -1), एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप सहायक प्रमुख, मुख्यालय आईडीएस में वित्तीय (योजना), एयर कमोडोर (एयरोस्पेस सुरक्षा) की कमान भी संभाल चुके हैं। बयान में आगे बताया गया कि वायुसेना मुख्यालय में वायु कर्मचारी संचालन (ऑफेंसिव) और एसीएएस संचालन (स्ट्रैटेजी) की भी कमाल संभाल चुके हैं। अपनी वर्तमान नियुक्ति से पहले वह मेघालय के शिलॉन्ग में भारतीय वायुसेना के मुख्यालय पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी थे।

यह पदक से सम्मानित

उन्हें 2007 में वायु सेना पदक और 2022 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।

 

National Nutrition Week 2024: जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय पोषण सप्ताह?

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week ) पूरे देश में प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। भारत में पोषण की स्थिति में सुधार लाने और लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह देश भर में कई कार्यक्रमों और एक्टिविटी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने का एक खास अवसर है।

इस दिवस का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा हेतु उचित पोषण के महत्त्व के विषय में जन जागरूकता पैदा करना है। आज के स्वस्थ बच्चे कल का स्वस्थ भारत है। इनके बेहतर स्वास्थ्य का देश के विकास, उत्पादकता तथा आर्थिक उन्नति पर स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2024 की थीम

इस साल राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ है. इस थीम का मुख्य मकसद लोगों को पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने वाले संतुलित और विविध आहार को बढ़ावा देना है। यह थीम सभी वर्गों के लोगों, विशेषकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर देती है।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का महत्व

यह सप्ताह लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। पोषण के बारे में कई तरह की गलत धारणाएं लोगों के मन में होती हैं। इस सप्ताह के माध्यम से इन गलत धारणाओं को दूर किया जा सकता है। इस दौरान लोगों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह सर्वप्रथम मार्च 1975 में अमेरिकन डायटेटिक एसोसिएशन (American Dietetic Association), जिसे वर्तमान में  एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के नाम से जानते हैं, के सदस्यों द्वारा पोषण शिक्षा की आवश्यकता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आहार विशेषज्ञों के पेशे को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। जनता की प्रतिक्रिया इतनी सकारात्मक थी कि सप्ताह भर चलने वाले उत्सव को साल 1980 में एक महीने तक चलाया गया था।

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