नई दिल्ली में 5वीं भारत-मालदीव रक्षा सहयोग वार्ता आयोजित

भारत और मालदीव के बीच 5वीं रक्षा सहयोग वार्ता 06 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गयी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरामने ने किया, जबकि मालदीव के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के रक्षा बल प्रमुख जनरल इब्राहिम हिल्मी ने किया।

बैठक में दोनों पक्षों को द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मामलों पर चर्चा करने का अवसर मिला। इसमें अन्य बातों के अलावा वर्तमान में जारी विभिन्न रक्षा सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना शामिल था।

दोनों पक्षों ने उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और क्षमता विकास परियोजनाओं जैसे साझा हितों के कुछ अन्य क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया। आगामी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास में भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई। बातचीत की पूरी श्रृंखला परिणाम देने वाली रही, जो निकट भविष्य में दोनों देशों के साझा हितों को आगे बढ़ाएगी और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाएगी।

भारत-मालदीव रक्षा सहयोग: मुख्य बिंदु

  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और मालदीव के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी है, जिसका ध्यान हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा पर है।
  • रक्षा सहायता: भारत मालदीव को रक्षा प्रशिक्षण, उपकरण और बुनियादी ढाँचा सहायता प्रदान करता है।
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास: “एक्यूवेरिन” जैसे द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास संयुक्त परिचालन क्षमताओं को मजबूत करते हैं।
  • हिंद महासागर की सुरक्षा: दोनों देश क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी और समुद्री डकैती विरोधी प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करते हैं।
  • क्षमता निर्माण: भारत मालदीव को अपनी नौसेना और तट रक्षक क्षमताओं को विकसित करने में सहायता करता है।

भारत और फ्रांस ने किया मेगा नौसैनिक अभ्यास

भारत और फ्रांस की नौ सेनाओं ने भूमध्य सागर में युद्धाभ्यास किया। वरुण अभ्यास के 22वें संस्करण में दोनों देशों की सेनाओं ने एक से बढ़कर एक आधुनिक युद्धक हथियारों और जहाजों का प्रदर्शन किया। यह मेगा अभ्यास दो से चार सितंबर तक हुआ।

फ्रांसीसी पक्ष का प्रतिनिधित्व फ्रंटलाइन जहाज एफएस प्रोवेंस, पनडुब्बी सफ्रेन, लड़ाकू विमान एमबी 339 और हेलीकाप्टर एनएच 90 द्वारा किया गया था। नौसेना ने कहा कि अभ्यास के दौरान उन्नत नौसैनिक अभियानों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास, पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास, वायु रक्षा अभ्यास आदि शामिल थे।

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं का द्विपक्षीय अभ्यास

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं का द्विपक्षीय अभ्यास 1993 में शुरू किया गया था। इस अभ्यास को बाद में 2001 में ‘वरुण’ नाम दिया गया और तब से यह भारत-फ्रांस के रणनीतिक द्विपक्षीय मजबूत संबंधों की पहचान बन गया है। साल 2024 का वरुण अभ्यास दो से चार सितंबर तक भूमध्य सागर में हुआ। इसमें भारतीय नौसैनिक जहाज तबर और लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान पी-8आई ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इसमें जहाज-जनित हेलीकॉप्टर भी शामिल रहे।

भारत-फ्रांस नौसैनिक संबंधों की रीढ़

विपक्षीय अभ्यास वरुण भारत-फ्रांस नौसैनिक संबंधों की रीढ़ है। अंतरसंचालनीयता बढ़ाने और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान की दिशा में काफी विकसित हुआ है। नौसेना ने कहा कि भूमध्य सागर में वरुण के 22वें संस्करण का संचालन भारत और फ्रांस के बीच समुद्री क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का प त्थर है। यह हिंद महासागर से दूर भारतीय नौसेना की पहुंच और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। भारतीय नौसेना दुनिया भर में समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया

भारत ने हाल ही में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 4 का परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से इस मिसाइल को लॉन्च किया गया। परीक्षण के दौरान यह मिसाइल अपने सभी मानकों पर सफल रहा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस मिसाइल ने परीक्षण के दौरान सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को मान्य किया।

यह परीक्षण भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) के हिस्से, सामरिक बल कमान के तहत किया गया था। अग्नि-4, जिसकी लंबाई 20 मीटर है, 1,000 किलोग्राम की पेलोड क्षमता के साथ 4,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, और इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। मिसाइल, जिसे शुरू में अग्नि-2 प्राइम के नाम से जाना जाता था, ने 2012 के अपने परीक्षण प्रक्षेपण में 3,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी सफलतापूर्वक तय की।

पृष्ठभूमि

अग्नि मिसाइल श्रृंखला को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, अग्नि-4 भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। श्रृंखला में अगला अग्नि-5, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में भारत की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करता है।

सामरिक महत्व

यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं, विशेष रूप से इसकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, क्योंकि अग्नि-4 की रेंज क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर करती है, जिससे सामरिक रक्षा क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होती है।

तकनीकी उपलब्धियाँ

मिसाइल की मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च करने की क्षमता और इसका पेलोड लचीलापन इसकी परिचालन बहुमुखी प्रतिभा को रेखांकित करता है, जो महत्वपूर्ण परिदृश्यों में तेजी से तैनाती और तत्परता सुनिश्चित करता है।

गणेश चतुर्थी 2024, जानें तिथि, समय और अनुष्ठान

गणेश महोत्सव हर साल धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं और नए कार्यों की शुरुआत में शुभ फल देते हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की विधि पूर्वक स्थापना की जाती है और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दौरान भक्त बप्पा की भक्ति में पूरी तरह डूबे रहते हैं और हर तरफ गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई देती है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्तगण बप्पा की प्रतिमा को घर लाते हैं और विधिपूर्वक, नियम के साथ इसकी स्थापना करते हैं।

कब है गणेश चतुर्थी?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 सितंबर की दोपहर को 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष गणेश चतुर्थी का शुभारंभ कल यानी 7 सितंबर, दिन शनिवार से होगा। इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना होगी और व्रत रखा जाएगा।

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2024

  • भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि आरंभ- 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से
  • भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त- 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट तक
  • गणेश चतुर्थी तिथि- शनिवार, 7 सितंबर 2024
  • गणेश विसर्जन तिथि- मंगलवार, 17 सितंबर 2024

गणेश चतुर्थी 2024 मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त

7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त, सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा, इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी विसर्जन तारीख

गणेश चतुर्थी का ये उत्सव 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही इस उत्सव का समापन हो जाता है। उत्सव के अंतिम दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भक्तजन पूरे धूम धाम के साथ गणपति बप्पा को विदाई देते हैं और उनसे अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करते हैं।

लखनऊ में पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन शुरू

तीनों सशस्त्र बलों के एकीकरण और एकीकृत थिएटर कमांड पर चर्चा के लिए दो दिवसीय पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन 4-5 सितंबर 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया था। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर ई-संग्रहालय और ई-ग्रंथालय नामक एप्लिकेशन और ‘औपनिवेशिक प्रथाएं और सशस्त्र बल – एक समीक्षा’ नामक एक पुस्तक को भी लॉन्च किया।

किसने संयुक्त कमांडर सम्मेलन में भाग लिया?

पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने भाग लिया।

प्रथम संयुक्त कमांडर सम्मेलन का विषय

संयुक्त कमांडर सम्मेलन का विषय था, “सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन”। यह विषय भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एकीकृत थिएटर कमांड क्या है?

सैन्य परिभाषा में थिएटर का तात्पर्य वायु, भूमि या समुद्र पर एक विशिष्ट स्थान से है जो भविष्य में संघर्ष का संभावित क्षेत्र हो सकता है। साल 2015 में लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकतकर समिति ने एक भारत में एकीकृत त्रि-सेवा कमांड की स्थापना की सिफारिश की थी।

एकीकृत कमांड का मतलब है कि भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय सेना के जवान एक ही कमांड के तहत काम करेंगे। इससे सैन्य संसाधनों के कुशल उपयोग और भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध लड़ने की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है। वर्तमान में थल सेना, वायु सेना और नौसेना की अलग-अलग कमान हैं।

भारत में केवल दो एकीकृत कमांड हैं – अंडमान और निकोबार कमांड और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड, जो देश के परमाणु हथियारों का प्रभारी है।

भारतीय तटरक्षक बल ने 20वें HACGAM में भाग लिया

भारतीय तटरक्षक बल ने दक्षिण कोरिया के शहर इंचियोन में आयोजित एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 20वीं बैठक (एचएसीजीएएम) में भाग लिया। 20वें एचएसीजीएएम की मेजबानी 2 से 6 सितंबर 2024 तक दक्षिण कोरियाई तट रक्षक द्वारा की गई थी।

इस अवसर पर, भारतीय तटरक्षक बल ने 4 सितंबर 2024 को दक्षिण कोरियाई तटरक्षक बल के साथ अपनी 12वीं वार्षिक द्विपक्षीय बैठक भी आयोजित की।

इंचियोन बैठक के दौरान, एचएसीजीएएम के सदस्य देशों के तटरक्षक बल ने समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्र में जीवन की सुरक्षा और संरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण और मनुष्यों, दवाओं, हथियारों आदि की अवैध तस्करी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

एचएसीजीएएम के बारे में

एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक (एचएसीजीएएम) जापान की एक पहल है जिसने 2004 में जापान में एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की पहली बैठक (एचएसीजीएएम) का आयोजन किया था। मलक्का जलडमरूमध्य जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई जलक्षेत्रों में समुद्री डकैती की बढ़ती घटनाओं पर चर्चा करने के लिए इस क्षेत्र के तटरक्षक बलों की बैठक बुलाई गई थी।

एचएसीजीएएम के सदस्य

23 सदस्य देश: ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बहरीन, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, तुर्की और वियतनाम।

भारतीय तट रक्षक बल

भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना 1 फरवरी 1977 को के.एफ.रुस्तमजी समिति की सिफारिश पर की गई थी। यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। यह तस्करी, समुद्री डकैती और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए देश के खुले समुद्र में गश्त करता है।

भारत और यूएई ने लेखापरीक्षा सहयोग को मजबूत किया

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के लेखापरीक्षा में सहयोग को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त अरब अमीरात (यूएई ) जवाबदेही प्राधिकरण के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के यूएई जवाबदेही प्राधिकरण के अध्यक्ष हुमैद ओबैद खलीफा ओबैद अबुशिब ने अबू धाबी, यूएई में हस्ताक्षर किए। सीएजी भारत में सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है, और यूएई जवाबदेही प्राधिकरण यूएई में सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है।

एमओयू का उद्देश्य

एमओयू का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की लेखापरीक्षा में दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के लेखापरीक्षा में ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है। इसका उद्देश्य इन दोनों देशों में प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करके दोनों देश के लेखा परीक्षकों की क्षमता विकास को सुविधाजनक बनाना है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी)

भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। डॉ. भीम राव अंबेडकर , सीएजी को संविधान के तहत सबसे महत्वपूर्ण पद मानते थे। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, जिसे सार्वजनिक निधि के संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है, सार्वजनिक वित्त का संरक्षक और देश की संपूर्ण वित्तीय प्रणाली का नियंत्रक है। यह नियंत्रक का कार्य नहीं करता है।

यह भारत में सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है जो केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, पुदुचेरी, जम्मू और कश्मीर) के खातों का लेखापरीक्षा करती है। यह केंद्र और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के खातों का भी लेखापरीक्षा करता है। सीएजी केंद्र सरकार के लेखापरीक्षा का रिपोर्ट राष्ट्रपति को और राज्य खातों के लेखापरीक्षा का रिपोर्ट, संबंधित राज्य के राज्यपालों को सौंपी जाती है। सीएजी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्वारा संसद में और संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा राज्य विधानमंडल में रखी जाती है।

पेरिस पैरालंपिक्स 2024: कपिल परमार ने जूडो में देश को दिलाया पहला पदक

मध्य प्रदेश के प्रतिभाशाली जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। कपिल ने पुरुषों की जे1-60 किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक के मुकाबले में ब्राजील के एलिल्टन डी ओलीवेरिया को हराकर यह सफलता प्राप्त की है। 24 वर्षीय भारतीय जूडोका ने J1 क्लास इवेंट में चैंप-डे-मार्स एरिना में कांस्य पदक मैच 10-0 से जीता। कांस्य पदक मैच में कपिल ने ब्राजील के एलील्टन डी ओलिवेरा को मैट पर मात दी।

कपिल मूलतः सीहोर के निवासी है। वर्ष 2009-10 में करेंट लगने से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। कपिल 80 प्रतिशत ब्लांइड है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जूडो को खेलना प्रारंभ किया था। यह उनका पहला पैरालम्पिक है। कपिल अब तक 17 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने अब तक 08 स्वर्ण पदक सहित कुल 13 अंतर्राष्ट्रीय पदक अर्जित किये हैं।

पैरा जूडो: एक नजर में

पैरा जूडो में जे1 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो दृष्टिबाधित होते हैं या फिर उनकी कम दृष्टि होती है।

एशियाई खेलों में सफलता

परमार का पैरालंपिक कांस्य पदक उनकी बढ़ती अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों की सूची में जुड़ गया है। 2022 में, उन्होंने एशियाई खेलों में उसी भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया, जिससे प्रतियोगिता के उच्चतम स्तरों पर उनकी निरंतरता का पता चलता है।

उपलब्धि का महत्व

परमार का कांस्य पदक न केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह देश में महत्वाकांक्षी पैरा-जुडोकाओं के लिए नए रास्ते खोलता है और इस अनुशासन में सफलता की संभावना को उजागर करता है।

भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

इस जीत से भारत में अधिक दृष्टिबाधित एथलीटों को जूडो अपनाने के लिए प्रेरित होने की संभावना है, जिससे संभावित रूप से देश भर में पैरा जूडो कार्यक्रमों के लिए समर्थन और संसाधनों में वृद्धि होगी।

 

 

 

 

गुजरात में ‘जन संचय जन भागीदारी’ पहल की शुरुआत करेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जन भागीदारी’ पहल की शुरुआत करेंगे, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को सुदृढ़ करना है। यह पहल मौजूदा ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान के अनुरूप है, जो दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक जल प्रबंधन के मोदी के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है।

इस पहल का उद्देश्य गुजरात में नागरिकों, स्थानीय निकायों, उद्योगों और हितधारकों को वर्षा जल संचयन संरचनाओं को लागू करने के लिए प्रेरित करना है। इन प्रयासों के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करने की उम्मीद है, जिससे टिकाऊ जल-प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा और पूरे देश में जल सुरक्षा बढ़ेगी।

सामूहिक कार्रवाई का आग्रह

यह कार्यक्रम मोदी के ‘समाज के समग्र’ दृष्टिकोण के आह्वान को रेखांकित करता है, जिसमें बारिश की हर बूंद को एक मूल्यवान संसाधन में बदलने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई का आग्रह किया गया है। इस पहल के तहत निर्मित संरचनाएं वर्षा जल संचयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, समुदाय द्वारा संचालित जल संरक्षण में गुजरात की सफलता को प्रदर्शित करेंगी और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगी।

जल संचय जन भागीदारी

बयान में कहा गया है कि सामुदायिक भागीदारी पर आधारित जल संरक्षण का गुजरात का मॉडल भारत में एक अग्रणी उदाहरण रहा है। बयान में कहा गया है कि ‘जल संचय जन भागीदारी’ पहल के आरंभ को एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जिसे अन्य राज्यों को इन प्रयासों को दोहराने के वास्ते प्रेरित करने के लिए तैयार किया गया है।

जल-सुरक्षित भविष्य बनाने के राष्ट्रीय महत्व

प्रधानमंत्री ने अक्सर जल संरक्षण को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में रेखांकित किया है, जो स्थायी जल प्रबंधन के लिए उनकी दीर्घकालिक वकालत को दर्शाता है। इस शुरुआत में देशभर के राज्य नोडल अधिकारियों की भागीदारी के साथ, यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी, जल-सुरक्षित भविष्य बनाने के राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।

जल प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व पर जोर

बयान में कहा गया है कि यह पहल 2019 में शुरू हुए ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान की सफलता पर आधारित है। कोविड-19 महामारी के कारण व्यवधानों के बावजूद, यह अभियान एक वार्षिक राष्ट्रव्यापी प्रयास बन गया है। बयान में कहा गया है कि मार्च में शुरू किए गए इसके वर्तमान संस्करण में ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ विषय के तहत जल प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व पर जोर दिया गया है।

हरतालिका तीज 2024, जानें तिथि, इतिहास और महत्व

आज (6 सितंबर 2024) हरतालिका तीज का त्योहार है। हिंदू धर्म में हरतालिका तीज के व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत बहुत खास माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त-सितंबर के बीच आती है।

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की प्रप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। यह व्रत निराहार रहकर किया जाता है और इसमें कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

हरतालिका तीज 2024 तिथि

हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल तृतीया तिथि 5 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से लेकर 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर मिनट तक है। उदयातिथि के अनुसार, इस साल हरतालिका तीज आज यानी 6 सितंबर, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।

हरतालिका तीज 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 1 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम के समय की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इन दोनों शुभ मुहूर्त में हरतालिका तीज की पूजा- अर्चना करना सबसे उत्तम रहेगा।

हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी लड़कियों के विवाह में आने वाले बाधाएं दूर हो जाती हैं और मन चाहे वर की प्राप्ति होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। वहीं सुहागिन महिलाओं को इस दिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनके पति को लंबी आयु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सबसे पहले हरतालिका तीज का व्रत किया था। मान्यता है कि तभी से ही अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और मन चाहे वर की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत किया जाने लगा।

 

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