युद्धविराम के बाद यूक्रेन में सैनिक तैनात करने के लिए 26 देश तैयार

रूस के साथ चल रहे युद्ध के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 26 देशों ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया है। यह घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 4 सितंबर 2025 को पेरिस में हुए शिखर सम्मेलन में की। इन गारंटियों में ज़मीनी, समुद्री और हवाई तैनाती की संभावनाएँ शामिल हैं, जो भविष्य में रूस की किसी भी आक्रामक कार्रवाई को रोकने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही हैं।

सुरक्षा गारंटी का स्वरूप

  • 26 देशों का “Coalition of the Willing” ढांचा तैयार किया जा रहा है।

  • युद्ध समाप्त होते ही यह सुरक्षा ढांचा सक्रिय हो जाएगा।

  • कुछ देश सीधे यूक्रेन में सैनिक तैनात कर सकते हैं, जबकि अन्य प्रशिक्षण, हथियार आपूर्ति और वित्तीय सहयोग देंगे।

  • देशों को अपनी भूमिका चुनने की लचीलापन दी गई है।

सैन्य और गैर-सैन्य प्रतिबद्धताएँ

  • फ्रांस और ब्रिटेन : युद्धोत्तर सैनिक भेजने की संभावना जताई।

  • जर्मनी और इटली : जर्मनी ने अमेरिका की भूमिका स्पष्ट होने तक इंतज़ार की बात कही, जबकि इटली केवल प्रशिक्षण देगा, सैनिक नहीं भेजेगा।

  • बुल्गारिया : ज़मीनी सैनिक नहीं भेजेगा, लेकिन काला सागर (Black Sea) में नौसैनिक गतिविधियों, खासकर माइन हटाने (De-mining) में योगदान देगा।

  • बुल्गारिया ने रोमानिया और तुर्की के साथ क्षेत्रीय नौसैनिक सुरक्षा समझौते का प्रस्ताव भी रखा।

रणनीतिक महत्व

ये सुरक्षा गारंटी निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हैं –

  • युद्धविराम या शांति समझौते के बाद रूस की आक्रामकता को रोकना

  • यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा

  • भविष्य में नाटो या यूरोपीय संघ में एकीकरण की राह आसान करना।

  • यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा कवच प्रदान करना, भले ही उसे तुरंत नाटो की सदस्यता न मिले।

यूरोपीय नेताओं ने ज़ोर दिया कि भले ही शांति अभी दूर हो, युद्धोत्तर सुरक्षा ढाँचे की तैयारी बेहद आवश्यक है, ताकि पिछली गलतियों को दोहराया न जाए।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • मुख्य घोषणा : 26 देशों ने युद्धोपरांत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया।

  • सहयोग का स्वरूप : भूमि, समुद्र, वायु, प्रशिक्षण, हथियार, वित्तीय सहायता, प्रतिबंध समन्वय।

  • यूक्रेन के राष्ट्रपति : वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की

  • रूस के राष्ट्रपति : व्लादिमीर पुतिन

भारत का पहला गिद्ध ज्ञान पोर्टल असम में लॉन्च किया गया

भारत का पहला ऑनलाइन गिद्ध ज्ञान पोर्टल (The Vulture Network) 2 सितंबर 2025 को असम में अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया। यह पोर्टल असम के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है और गिद्ध संरक्षण के लिए वैज्ञानिक जानकारी, जागरूकता सामग्री तथा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक डिजिटल मंच है।

वल्चर नेटवर्क पोर्टल की विशेषताएँ

  • गिद्ध प्रजातियों और उनके संरक्षण की स्थिति पर वैज्ञानिक डाटा

  • जागरूकता अभियानों के लिए निःशुल्क डाउनलोड सामग्री

  • नागरिक विज्ञान (Citizen Science) पहलों को समर्थन देने वाले उपकरण

  • विद्यार्थी, शोधकर्ता और संरक्षणवादियों के लिए अनुकूल संसाधन

यह परियोजना वी फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से शुरू की गई है, जिसमें गौहाटी विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग, असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क, LASA फाउंडेशन, सुरक्षा समिति और अन्य संरक्षण कार्यकर्ताओं का योगदान शामिल है।

भारत में गिद्ध संकट

पिछले कुछ दशकों में भारत में गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है और कई प्रजातियाँ गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) स्थिति में हैं।

मुख्य खतरे –

  • शवों (Carcasses) में ज़हरीले अवशेषों से विषाक्तता

  • डाइक्लोफेनाक जैसी पशु-चिकित्सा दवाएँ, जो गिद्धों के लिए घातक हैं

  • आवास (Habitat) और सुरक्षित भोजन स्थलों की कमी

  • नकारात्मक सामाजिक धारणाएँ और नीतिगत उपेक्षा

विशेष रूप से स्लेंडर-बिल्ड गिद्ध (Slender-billed Vulture) की संख्या केवल ~800 रह गई है।

समुदाय और नागरिक विज्ञान की भूमिका

विशेषज्ञों ने बताया कि गिद्ध संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है।

  • शवों के सुरक्षित निपटान और गिद्ध-हितैषी प्रथाओं पर जागरूकता

  • पोषणयुक्त और सुरक्षित भोजन स्रोत तैयार करना

  • नागरिक विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से जनसंख्या की निगरानी

  • वैज्ञानिक शोध और सामुदायिक सहयोग का मेल

डॉ. रूपम भदुरी (असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क) ने उदाहरण प्रस्तुत किया कि नागरिक-नेतृत्व वाली निगरानी से संरक्षण की योजना बनाने में उपयोगी डाटा मिल सकता है।

महत्व

इस पोर्टल का शुभारंभ –

  • पूरे भारत के संरक्षणवादियों के लिए एकीकृत डिजिटल मंच

  • गिद्धों पर मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने का साधन

  • संकटग्रस्त प्रजातियों पर नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास

  • वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग का पुल

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

गिद्धों की भूमिका

  • पशु शवों को खाकर पर्यावरण को साफ रखते हैं।

  • बीमारियों के फैलाव को रोकते हैं और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखते हैं।

भारत में पाई जाने वाली गिद्ध प्रजातियाँ (कुल 9)

  1. ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड वल्चर (Gyps bengalensis)

  2. लॉन्ग-बिल्ड वल्चर (Gyps indicus)

  3. स्लेंडर-बिल्ड वल्चर (Gyps tenuirostis)

  4. रेड-हेडेड वल्चर (Sarcogyps calvus)

  5. इजिप्शियन वल्चर (Neophron percnopterus)

  6. हिमालयन वल्चर (Gyps himalayensis)

  7. सिनीरियस वल्चर (Aegypius monachus)

  8. बीअर्डेड वल्चर (Gypaetus barbatus)

  9. यूरेशियन ग्रिफ़ॉन (Gyps fulvus)

भारत और सिंगापुर ने रक्षा और व्यापार संबंधों को गहरा किया

भारत और सिंगापुर ने आपसी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रक्षा सहयोग, तकनीकी नवाचार और संतुलित व्यापार संबंधों पर विशेष जोर दिया है। यह समझौते सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत यात्रा के दौरान हुए। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 60 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उनकी राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा समन्वय की अहमियत को रेखांकित करती है।

रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग : नया चरण

दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सह-विकास (Co-development) और सह-उत्पादन (Co-production) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

मुख्य बिंदु –

  • रक्षा प्रणालियों का संयुक्त विकास और उत्पादन

  • सैन्य प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान

  • प्रशिक्षण और सेवा-स्तरीय सहयोग का विस्तार

  • साझा उत्पादन व रणनीतिक अनुकूलता (interoperability) की रूपरेखा तैयार करना

पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम लॉरेंस वोंग ने त्रि-सेवा सहयोग, प्रशिक्षण और भविष्य की तकनीकी साझेदारी को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर बल दिया।

व्यापार वार्ता : AITIGA और CECA की समीक्षा

व्यापार संबंध भी बातचीत का अहम हिस्सा रहे, खासकर ASEAN-India Trade in Goods Agreement (AITIGA) के बाद से भारत के बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर।

  • सिंगापुर ने भारत की चिंताओं को ASEAN तक पहुँचाने का भरोसा दिया।

  • दोनों पक्ष समझौते में संशोधन कर संतुलित व्यापार का रास्ता निकालने के इच्छुक हैं।

  • भारत–सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) की भी समीक्षा जारी है।

  • भारत निर्यात क्षेत्रों को लाभ पहुँचाने के लिए शुल्क संरचना और गैर-शुल्क बाधाओं (non-tariff barriers) में सुधार की मांग कर रहा है।

कूटनीतिक और सांस्कृतिक महत्व

यह प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी, जो पीएम मोदी की 2024 सिंगापुर यात्रा के बाद हुई।

मुख्य झलकियाँ –

  • पीएम वोंग ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

  • उच्चस्तरीय मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधिमंडल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत आए।

  • सांस्कृतिक संबंधों, शैक्षणिक सहयोग और लोग-से-लोग संपर्क पर बल दिया गया।

  • भारत की एक्ट ईस्ट नीति और ASEAN के साथ संबंधों में सिंगापुर की भूमिका को रेखांकित किया गया।

व्यापार और निवेश : मज़बूत होती साझेदारी

भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ा है।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2024–25 में 35 अरब डॉलर हुआ।

  • सिंगापुर भारत के शीर्ष विदेशी निवेशकों में से एक है।

  • निवेश प्रवाह, स्टार्टअप सहयोग और नवाचार-हितैषी नीतियों पर बातचीत हुई।

  • फिनटेक, स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • सितंबर 2025 में पीएम लॉरेंस वोंग ने भारत का दौरा किया – 60 वर्ष पूरे होने का अवसर।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 के 6.7 अरब डॉलर से 2024–25 में 35 अरब डॉलर पहुँचा।

  • सिंगापुर ने ASEAN व्यापार घाटे को लेकर भारत का समर्थन किया।

अमित मिश्रा ने 25 साल पेशेवर क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास लिया

25 वर्षों की शानदार पेशेवर क्रिकेट यात्रा के बाद भारतीय लेग-स्पिनर अमित मिश्रा ने 42 वर्ष की आयु में आधिकारिक रूप से संन्यास की घोषणा कर दी है। पारंपरिक लेग-स्पिन तकनीक और मैच जिताने वाले स्पेल्स के लिए प्रसिद्ध मिश्रा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल (IPL) दोनों में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया। पिछले 16 महीनों से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के बाद लिया गया यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के सबसे लंबे और सफल गेंदबाज़ी करियरों में से एक के अंत का प्रतीक है।

अंतरराष्ट्रीय करियर और प्रमुख योगदान

शुरुआती दौर और टेस्ट डेब्यू
अमित मिश्रा ने 2008 में अनिल कुंबले की विदाई श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। मोहाली टेस्ट में उन्होंने पदार्पण करते ही पांच विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा। हालांकि, कुंबले, हरभजन सिंह, अश्विन और जडेजा जैसे दिग्गज स्पिनरों की मौजूदगी ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के अवसरों को सीमित कर दिया।

  • टेस्ट: 22 मैच, 76 विकेट

  • वनडे (ODI): 36 मैच

  • टी20I: 10 मैच

उनकी गेंदबाज़ी शैली पारंपरिक लेग-स्पिन पर आधारित थी, जिसमें फ्लाइट, टर्न और कभी-कभार गूगली शामिल होती थी। यह शैली उपमहाद्वीप की स्पिन-फ्रेंडली पिचों पर बेहद प्रभावी रही।

उल्लेखनीय उपलब्धियां

  • 2015 में श्रीलंका दौरे पर 3 टेस्ट में 15 विकेट झटके।

  • 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे।

  • 2014 आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत को उपविजेता बनाने में अहम योगदान दिया।

आईपीएल में रिकॉर्ड तोड़ सफर

अमित मिश्रा को हमेशा आईपीएल के दिग्गजों में गिना जाएगा। उन्होंने डेक्कन चार्जर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) जैसी कई फ्रेंचाइज़ियों के लिए खेला।

  • आईपीएल में तीन हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज़।

  • 2024 सीज़न तक खेलते रहे, आखिरी मैच राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेला।

  • मिडल ओवर्स में रन रोकने और महत्वपूर्ण विकेट लेने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध।

  • दबाव की परिस्थितियों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया।

हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्टता

अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल की रोशनी से इतर, मिश्रा हरियाणा की घरेलू टीम के स्तंभ रहे।

  • प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड: 152 मैचों में 535 विकेट।

  • 2001–02 रणजी सीज़न में पदार्पण किया।

  • 2017 में अपना अंतिम घरेलू मैच खेला।

  • उनके योगदान ने हरियाणा को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा और उन्होंने युवा खिलाड़ियों के मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाई।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • तीन अलग-अलग टीमों के लिए तीन आईपीएल हैट्रिक – अमित मिश्रा का अनूठा रिकॉर्ड।

  • प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 535 विकेट

  • 2008 मोहाली टेस्ट डेब्यू में पांच विकेट

  • 4 सितंबर 2025 को संन्यास की घोषणा, अब युवा क्रिकेटरों को सहयोग देने का संकल्प।

भारत ने वैश्विक उपयोग के लिए दुर्लभ एंटी-डोपिंग संदर्भ सामग्री का संश्लेषण किया

भारत ने खेलों में डोपिंग जाँच तंत्र को मज़बूत बनाने के लिए एक दुर्लभ एंटी-डोपिंग रेफरेंस मटेरियल – मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) विकसित किया है। यह उपलब्धि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) गुवाहाटी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से संभव हुई है। इस पहल से भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो इतने विशिष्ट और जटिल मटेरियल का निर्माण करने में सक्षम हैं।

रेफरेंस मटेरियल (RMs) क्या हैं और क्यों ज़रूरी हैं?

रेफरेंस मटेरियल अल्ट्रा-शुद्ध रसायन या उनके मेटाबोलाइट होते हैं, जिनका उपयोग सटीक विश्लेषणात्मक परीक्षणों में किया जाता है। एंटी-डोपिंग संदर्भ में इनका महत्व है:

  • विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) की सूचीबद्ध प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाना।

  • खिलाड़ियों की डोपिंग जाँच में उच्च-स्तरीय शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करना।

  • परीक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना।

दुनिया में केवल 4–5 संस्थान ही इन दुर्लभ RMs का उत्पादन करते हैं। भारत में अब इनका निर्माण होने से यह एक वैज्ञानिक और रणनीतिक उपलब्धि बन गई है।

मेथानडायनोन LTM का लॉन्च: डोपिंग टेस्टिंग में गेम-चेंजर

  • आधिकारिक लॉन्च: 4 सितंबर, 2025

  • अवसर: NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग, नई दिल्ली

  • उद्घाटनकर्ता: डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री

विशेषताएँ:

  • वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं

  • मूत्र परीक्षण के ज़रिए लंबे समय तक स्टेरॉयड के सेवन का पता लगाता है

  • खिलाड़ियों में डोपिंग रोकने हेतु निरोधक शक्ति बढ़ाता है।

  • वैज्ञानिक शुद्धता के साथ एंटी-डोपिंग प्रवर्तन को मज़बूत करता है

NIPER–NDTL सहयोग

  • 2020 से दोनों संस्थान मिलकर 22 नॉन-कमर्शियल रेफरेंस मटेरियल विकसित कर रहे हैं।

  • अब तक 12 सफलतापूर्वक तैयार हो चुके हैं।

  • मेथानडायनोन LTM इस श्रृंखला का नवीनतम जोड़ है।

महत्त्व:

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य और खेलों में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा।

  • 30 WADA-मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को सहयोग।

  • महंगे आयात पर निर्भरता कम करना।

  • भारत को वैश्विक सप्लायर के रूप में स्थापित करना।

वैश्विक महत्व और भविष्य की दिशा

  • स्वच्छ खिलाड़ियों को सशक्त बनाना और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना।

  • संभावित डोपिंग करने वालों के लिए कड़ा संदेश

  • भारत को WADA नेटवर्क में वैज्ञानिक योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करना।

  • आगे के शोध, सहयोग और एंटी-डोपिंग विज्ञान में नेतृत्व की संभावनाएँ।

यह पहल भारत की Fit India Movement और खेलों में नैतिकता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण से भी मेल खाती है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत ने मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) सितंबर 2025 में विकसित किया।

  • NIPER गुवाहाटी और NDTL नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से तैयार।

  • यह रेफरेंस मटेरियल डोपिंग स्टेरॉयड मेथानडायनोन का पता महीनों या वर्षों बाद तक लगा सकता है।

पीएम मोदी और प्रधानमंत्री बैंग ने पीएसए मुंबई टर्मिनल चरण-2 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस बैंग ने 4 सितंबर, 2025 को वर्चुअल माध्यम से जेएनपीए (Jawaharlal Nehru Port Authority) में PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II का संयुक्त उद्घाटन किया। यह अवसर भारत–सिंगापुर आर्थिक सहयोग का अहम पड़ाव है और भारत की स्थिति को वैश्विक शिपिंग और व्यापार लॉजिस्टिक्स में और मजबूत करता है।

PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II: भारतीय बंदरगाहों के लिए गेम-चेंजर

  • फेज़-II पूरा होने के बाद जेएनपीए टर्मिनल की क्षमता बढ़कर 4.8 मिलियन TEUs (Twenty-foot Equivalent Units) हो गई है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल बन गया है।

  • यह टर्मिनल सिंगापुर की वैश्विक पोर्ट ऑपरेटर कंपनी PSA International द्वारा संचालित है और भारत–सिंगापुर लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर का प्रमुख केंद्र है।

उन्नत टर्मिनल की मुख्य विशेषताएँ

  • 4.8 मिलियन TEUs क्षमता – भारत में सबसे अधिक

  • अत्याधुनिक क्रेन और ऑटोमेटेड सिस्टम से सुसज्जित

  • डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से सीधी रेल कनेक्टिविटी

  • वैश्विक दक्षता मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया

यह सुविधा माल परिवहन को सहज बनाने, लॉजिस्टिक लागत कम करने और भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।

भारत और सिंगापुर के लिए रणनीतिक महत्व

यह टर्मिनल भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग की फ्लैगशिप परियोजना है, जो दोनों देशों की इन प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है:

  • इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण

  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापारिक कनेक्टिविटी

  • रणनीतिक क्षेत्रों में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन

दोनों प्रधानमंत्रियों का संयुक्त उद्घाटन इस बात का प्रतीक है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में सिंगापुर एक भरोसेमंद भागीदार है, विशेषकर पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II का उद्घाटन – 4 सितंबर, 2025 को पीएम मोदी और पीएम लॉरेंस बैंग द्वारा।

  • जेएनपीए की क्षमता बढ़कर 4.8 मिलियन TEUs – भारत का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल।

  • टर्मिनल में अत्याधुनिक क्रेन, ऑटोमेटेड सिस्टम और DFC रेल कनेक्टिविटी

  • संचालन – PSA International, सिंगापुर-आधारित कंपनी।

मशहूर फैशन डिज़ाइनर जियोर्जियो अरमानी का हुआ निधन

दुनिया के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित फैशन डिज़ाइनरों में से एक जियोर्जियो अरमानी का 4 सितंबर, 2025 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अरमानी ग्रुप ने गुरुवार को जारी एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की। विश्वभर में “रे जियोर्जियो (King Giorgio)” के नाम से प्रसिद्ध अरमानी ने फैशन की दुनिया को नई परिभाषा दी और आधुनिक शालीनता के प्रतीक बन गए।

फैशन को समर्पित जीवन

  • जन्म: पियाचेंज़ा, इटली

  • 1960 के दशक में करियर की शुरुआत – पहले विंडो ड्रेसर, फिर पुरुषों के वस्त्रों के डिज़ाइनर।

  • 1975 में अरमानी ग्रुप की स्थापना की, जो आगे चलकर बहु-अरब यूरो का साम्राज्य बना।

  • कारोबार फैला: हाई कुत्यूर, रेडी-टू-वियर, इंटीरियर डिज़ाइन, ब्यूटी, होटल्स और होमवेयर तक।

उनकी पहचान रही – मिनिमलिस्टिक परिष्कार, तीखे कट्स, हल्के रंग, और बिना चमक-धमक वाले डिज़ाइन। यही उन्हें “क्वाइट लक्ज़री” का पर्याय बनाता था।

उनकी विरासत की मुख्य झलकियाँ

  • पुरुषों के सूट में सॉफ्ट टेलरिंग से क्रांति लाई।

  • हॉलीवुड सितारों जैसे रिचर्ड गेरे और जूलिया रॉबर्ट्स को परिधान दिए।

  • दशकों तक रेड-कार्पेट लुक्स को परिभाषित किया।

  • €2.3 बिलियन वार्षिक कारोबार वाला फैशन साम्राज्य खड़ा किया।

ब्रांड के पीछे का इंसान

अरमानी केवल डिज़ाइनर ही नहीं, बल्कि सख्त अनुशासन वाले रचनात्मक व्यक्तित्व और कुशल कारोबारी भी थे। अपने अंतिम दिनों तक वे अपने कलेक्शनों, विज्ञापन अभियानों और मॉडल्स की स्टाइलिंग तक की निगरानी खुद करते थे। उनकी परफेक्शनिस्ट छवि फैशन जगत में किंवदंती बन गई थी।

हाल के महीनों में अस्वस्थ होने के बावजूद वे ब्रांड से जुड़े रहे। जून 2025 के मिलान में आयोजित पुरुष फैशन वीक में उनकी अनुपस्थिति (करियर में पहली बार) उनके स्वास्थ्य में गिरावट का संकेत थी।

फैशन में शाश्वत विरासत

बहुत कम डिज़ाइनरों ने फैशन उद्योग पर उतना गहरा और स्थायी प्रभाव छोड़ा है, जितना जियोर्जियो अरमानी ने। उन्होंने लक्ज़री और लाइफ़स्टाइल की सीमाओं को मिटाकर एक ऐसा ब्रांड बनाया जो आकर्षक भी था और सुलभ भी। मिलान से लेकर हॉलीवुड तक, कॉरपोरेट बोर्डरूम से लेकर रेड कार्पेट तक, उनकी शैली अंडरस्टेटेड क्लास का वैश्विक मानक बन गई।

उनका कार्य आने वाली पीढ़ियों के डिज़ाइनरों को प्रेरित करता रहेगा और अरमानी ब्रांड उनके नाम से ही परिष्कृत आधुनिकता (Refined Modernity) का प्रतीक बना रहेगा।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • जियोर्जियो अरमानी का निधन – 4 सितंबर, 2025, आयु 91 वर्ष।

  • 1975 में अरमानी ग्रुप की स्थापना, आज €2.3 बिलियन का फैशन साम्राज्य।

  • रे जियोर्जियो (King Giorgio)” उपनाम से प्रसिद्ध।

  • मिनिमलिस्ट लक्ज़री और नवाचारपूर्ण पुरुष टेलरिंग के लिए जाने जाते थे।

बिहार के राजगीर में रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन किया गया

बिहार के राजगीर में 4 सितंबर, 2025 को पारंपरिक बौद्ध अनुष्ठानों के बीच रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन का नेतृत्व भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबग्ये तथा भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने किया। इस अवसर पर दोनों देशों के अधिकारियों और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति रही। यह मंदिर भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक है और राजगीर की पहचान को एक पवित्र बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में और अधिक सुदृढ़ करता है।

राजगीर: एक प्रतिष्ठित बौद्ध तीर्थस्थल

बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर बौद्ध धर्म में अत्यंत आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहीं पर भगवान बुद्ध ने कई वर्षों तक साधना की, उपदेश दिए और एक संघ की स्थापना की। राजगीर का संबंध प्रथम बौद्ध संगीति से भी जुड़ा है, जो बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद आयोजित हुई थी। ऐसे पवित्र स्थल पर रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन राजगीर की पहचान को एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में और सुदृढ़ करता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नया स्थापत्य और सांस्कृतिक आकर्षण प्रस्तुत करता है तथा भारत की पवित्र भूमि पर भूटानी आध्यात्मिक धरोहर को दर्शाता है।

भारत–भूटान मित्रता का प्रतीक

उद्घाटन समारोह में भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबग्ये ने मंदिर की भूमिका को भारत और भूटान के संबंधों को और सुदृढ़ करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर दोनों देशों के साझा बौद्ध मूल्यों और आपसी सम्मान का प्रमाण है।

समारोह की प्रमुख बातें:

  • उद्घाटन भूटानी परंपराओं और अनुष्ठानों के अनुसार सम्पन्न हुआ।

  • दोनों देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

  • धार्मिक कूटनीति और सांस्कृतिक एकीकरण पर बल दिया गया।

  • बौद्ध पर्यटन और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम।

भारत के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी भारत–भूटान की अटूट मित्रता की सराहना की और विशेष रूप से बौद्ध धरोहर को संरक्षित करने तथा शांति और सद्भाव को प्रोत्साहित करने में दोनों देशों के प्रयासों को रेखांकित किया।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन – 4 सितंबर, 2025, राजगीर (बिहार) में।

  • उद्घाटन – भूटान पीएम त्शेरिंग तोबग्ये और भारत के मंत्री किरण रिजिजू ने किया।

  • राजगीर – भगवान बुद्ध के जीवन, उपदेशों और प्रथम बौद्ध संगीति से जुड़ा प्रमुख स्थल।

UIDAI ने अगस्त 2025 तक 221 करोड़ आधार प्रमाणीकरण का रिकॉर्ड बनाया

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त 2025 में 221 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेन-देन दर्ज किए। यह उपलब्धि भारत में डिजिटल गवर्नेंस और सुरक्षित पहचान सत्यापन की दिशा में तेजी से हो रहे बदलाव को दर्शाती है। यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि आधार अब भी कल्याणकारी योजनाओं, ई-गवर्नेंस और सार्वजनिक व निजी सेवाओं की आसान पहुँच में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।

आधार: भारत की डिजिटल पहचान व्यवस्था की रीढ़

आधार एक बायोमेट्रिक सत्यापित विशिष्ट पहचान संख्या है, जो एक अरब से अधिक नागरिकों को प्रदान की गई है। आधार प्रमाणीकरण लेन-देन का महत्व मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में है:

  • सब्सिडी वितरण – जैसे एलपीजी (PAHAL), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), और मनरेगा (MNREGA)

  • बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुँच

  • मोबाइल सिम जारी करना, पासपोर्ट आवेदन और पेंशन सत्यापन

  • निजी सेवाओं के लिए स्वैच्छिक पहचान सत्यापन

अगस्त 2025 के 221 करोड़ प्रमाणीकरण लेन-देन जनता के भरोसे और आधार की व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाते हैं।

एआई आधारित फेस ऑथेंटिकेशन में रिकॉर्ड वृद्धि

विभिन्न प्रमाणीकरण तरीकों में, फेस ऑथेंटिकेशन में अगस्त 2025 में सबसे अधिक उछाल देखा गया, जहाँ 18.6 करोड़ लेन-देन पूरे किए गए। यह एआई-संचालित तकनीक उपयोगकर्ताओं को चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से पहचान सत्यापित करने की सुविधा देती है। इसके लाभ हैं:

  • बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए आसान उपयोग

  • टच-फ्री सत्यापन, जो स्वास्थ्य-सचेत सेवाओं के अनुरूप है

  • उन्नत फेस रिकग्निशन एल्गोरिद्म से बेहतर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम

यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारत अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण 2.0 की ओर बढ़ रहा है, जहाँ एआई और ऑटोमेशन अहम भूमिका निभा रहे हैं।

डिजिटल अर्थव्यवस्था और भविष्य की दिशा

आधार का बढ़ता उपयोग भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को मजबूत करता है। भविष्य में UIDAI की आधार-आधारित व्यवस्था:

  • फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक प्लेटफ़ॉर्म से गहराई से एकीकृत होगी

  • एआई आधारित दस्तावेज़ सत्यापन को बढ़ावा देगी

  • अंतरराष्ट्रीय डिजिटल पहचान मानकों और क्रॉस-बॉर्डर डिजिटल पहलों में योगदान देगी

इस प्रकार, आधार भारत में सुरक्षित और समावेशी डिजिटल परिवर्तन का आधार स्तंभ बना रहेगा।

परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु

  • संस्था: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)

  • प्रकार: वैधानिक प्राधिकरण

  • स्थापना: आधार अधिनियम, 2016

  • नियामक मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार

  • दृष्टि: हर निवासी को विशिष्ट पहचान प्रदान करना और कभी भी, कहीं भी उपलब्ध डिजिटल प्रमाणीकरण प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना

नेपाल ने 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया

नेपाल सरकार ने एक ऐतिहासिक डिजिटल नीति निर्णय के तहत 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) शामिल हैं। यह निर्णय 4 सितंबर 2025 को नेपाल के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ ने घोषित किया। इसका उद्देश्य डिजिटल जवाबदेही लागू करना और “सोशल मीडिया उपयोग विनियमन निर्देश, 2080” के तहत नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करना है।

प्रतिबंध: एक नियामकीय प्रवर्तन कदम

यह निर्णय उच्च-स्तरीय बैठक के बाद लिया गया जिसमें शामिल थे:

  • संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MoCIT) के अधिकारी

  • नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (NTA)

  • दूरसंचार ऑपरेटर और इंटरनेट सेवा प्रदाता प्रतिनिधि

28 अगस्त 2025 को जारी 7 दिन की अल्टीमेटम अवधि समाप्त होने के बाद सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को निर्देश दिया गया कि वे:

  • मंत्रालय में पंजीकरण कराएँ

  • नेपाल में स्थानीय कार्यालय स्थापित करें

  • एक आधिकारिक संपर्क अधिकारी नियुक्त करें

कई प्लेटफ़ॉर्म्स द्वारा अनुपालन न करने पर सरकार ने NTA को आदेश दिया कि वह इन साइट्स की पहुँच बंद करे। प्रतिबंधित प्लेटफ़ॉर्म्स में शामिल हैं:

  • Facebook

  • WhatsApp

  • Instagram

  • YouTube

  • X (Twitter)

  • Viber

  • Botim

TikTok और Telegram: छूट और प्रतिबंध

  • TikTok: जिसे अगस्त 2024 में प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन नवंबर 2024 में नेपाल में पंजीकरण कराने के बाद इसे फिर से संचालन की अनुमति मिल गई।

  • Telegram: जुलाई 2025 से प्रतिबंधित है क्योंकि इसका उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में होने का आरोप है।

कानूनी आधार: सर्वोच्च न्यायालय का आदेश

यह कार्रवाई नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद हुई जिसमें अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि कोई भी अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म देश में संचालित न हो। इसके बाद 25 अगस्त 2025 को मंत्रिमंडल ने औपचारिक मंज़ूरी दी और अब यह प्रवर्तन लागू किया गया है।

परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु

  • नेपाल ने 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर 4 सितंबर 2025 को प्रतिबंध लगाया।

  • यह कदम सोशल मीडिया उपयोग विनियमन निर्देश, 2080 के तहत उठाया गया।

  • प्लेटफ़ॉर्म्स को पंजीकरण, स्थानीय कार्यालय और अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य।

  • TikTok को नवंबर 2024 से पंजीकरण के बाद अनुमति मिली।

  • Telegram जुलाई 2025 से प्रतिबंधित है।

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