प्रधानमंत्री मोदी ने धार में पीएम मित्र पार्क का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के धार ज़िले में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM Mitra) पार्क का शुभारंभ किया। यह पहल भारत के वस्त्र क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने महेश्वरी साड़ियों की विरासत को भी नमन किया, जिसकी प्रेरणा देवी अहिल्याबाई होल्कर ने दी थी। इस कार्यक्रम ने कारीगरों, बुनकरों और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

पीएम मित्रा पार्क: वस्त्र उद्योग का उभरता हुआ शक्ति केंद्र

केंद्र सरकार की पीएम मित्रा योजना के तहत देशभर में सात एकीकृत टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। इनका उद्देश्य भारत की संपूर्ण वस्त्र मूल्य श्रृंखला (value chain) को एक छत के नीचे लाना है – जिसमें स्पिनिंग, वीविंग, प्रोसेसिंग, डिज़ाइनिंग और गारमेंट उत्पादन शामिल है।

धार में उद्घाटित पार्क की मुख्य विशेषताएँ:

  • आत्मनिर्भर वस्त्र पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में कार्य करेगा।

  • सूत काताई, रंगाई, डिज़ाइनिंग, प्रोसेसिंग और निर्यात की सुविधा।

  • कपास (कपास) और रेशम (रेशम) की उपलब्धता एक ही स्थान पर।

  • गुणवत्ता जाँच और बाज़ार विस्तार के अवसर।

  • भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा।

यह पहल मध्यप्रदेश के ग्रामीण और अर्धशहरी युवाओं के लिए हजारों रोज़गार अवसर पैदा करेगी।

सांस्कृतिक महत्व: महेश्वरी साड़ियों की विरासत

धार टेक्सटाइल पार्क का उद्घाटन महेश्वरी साड़ियों की ऐतिहासिक विरासत से जोड़ा गया। कहा गया कि मालवा की महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर ने महेश्वर किले की स्थापत्य कला से प्रेरित होकर महेश्वरी साड़ी बुनाई की शुरुआत करवाई थी।

महेश्वरी साड़ियों की विशेषताएँ:

  • अनोखे डिज़ाइन और पैटर्न।

  • हल्की और आकर्षक बनावट।

  • राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा।

इस कुटीर कला को आधुनिक औद्योगिक केंद्र से जोड़ने से:

  • कारीगरों का पुनरुत्थान होगा।

  • मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा मिलेगा।

  • पारंपरिक बुनकरों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाज़ार से सीधा जुड़ाव मिलेगा।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

धार टेक्सटाइल पार्क से क्षेत्र में व्यापक आर्थिक विकास की उम्मीद है:

  • किसानों को कपास का उचित मूल्य मिलेगा।

  • बुनकरों और कारीगरों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

  • निर्यात में वृद्धि होगी।

  • निवेशकों को वस्त्र आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

यह पहल भारत को वस्त्र आयात कम करने और वैश्विक वस्त्र केंद्र (global textile hub) बनाने की दिशा में सहायक है।

स्थिर तथ्य

  • स्थान: धार ज़िला, मध्यप्रदेश

  • योजना: पीएम मित्रा पार्क (PM Mega Integrated Textile Region and Apparel)

  • सम्मानित ऐतिहासिक व्यक्तित्व: देवी अहिल्याबाई होल्कर

विश्व बांस दिवस 2025: थीम, इतिहास और भारत की भूमिका

विश्व बांस दिवस 2025 को 18 सितम्बर को पूरे विश्व में मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य बांस को एक सतत एवं बहुउपयोगी संसाधन के रूप में बढ़ावा देना है। बांस को अक्सर “हरा सोना” (Green Gold) कहा जाता है, क्योंकि यह ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण तथा उद्योग एवं डिज़ाइन में नवाचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत, जो विश्व के सबसे बड़े बांस उत्पादक देशों में से एक है, राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) जैसी पहलों के माध्यम से बांस को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह दिवस पर्यावरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

विश्व बांस दिवस क्या है?

  • विश्व बांस दिवस पहली बार 2009 में बैंकॉक (8वाँ विश्व बाँस कांग्रेस) में मनाया गया।

  • इसे विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) द्वारा शुरू किया गया था ताकि बाँस के सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व को उजागर किया जा सके।

  • तब से इस दिन को रोपण कार्यक्रमों, सांस्कृतिक आयोजनों और नीतिगत चर्चाओं के माध्यम से बाँस की भूमिका को जलवायु कार्रवाई और आर्थिक विकास में रेखांकित किया जाता है।

विश्व बांस दिवस 2025 की थीम

“अगली पीढ़ी का बांस: समाधान, नवाचार और डिज़ाइन”

मुख्य बिंदु

  • जलवायु और विकास चुनौतियों को हल करने में बांस की आधुनिक उपयोगिता।

  • नवाचार में युवाओं और उद्यमियों की भागीदारी।

  • परंपरा और प्रौद्योगिकी के समन्वय से बांस-आधारित डिज़ाइन और उत्पादों का विकास।

  • आवास, पैकेजिंग, फर्नीचर और जलवायु-सहनशील समाधान जैसे क्षेत्रों में बांस को भविष्य-उन्मुख सामग्री के रूप में प्रस्तुत करना।

भारत की भूमिका

भारत ने बांस को जलवायु कार्रवाई, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि के लिए एक रणनीतिक संसाधन माना है।

राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM) के प्रमुख उद्देश्य

  • कृषि/बंजर भूमि पर बांस के रोपण का विस्तार।

  • नर्सरी, ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं और प्रसंस्करण अवसंरचना को बढ़ावा।

  • कारीगरों और किसानों के लिए प्रशिक्षण और विपणन सहायता।

  • उत्पाद विकास एवं उद्योग से जुड़ाव।

  • बांस को वन विभाग से कृषि श्रेणी में स्थानांतरित करना ताकि किसानों को इसकी खेती आसान हो।

भारत में बांस उत्पादन

  • भारत में लगभग 1.4 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र और करीब 136 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

  • बांस हस्तशिल्प, फर्नीचर, कागज़, पैकेजिंग, निर्माण जैसे क्षेत्रों को समर्थन देता है।

आर्थिक एवं पारिस्थितिक महत्व

  • बांस तेजी से बढ़ता है और मृदा स्वास्थ्य सुधारता है।

  • वनों की कटाई और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाता है।

  • किसानों और कारीगरों के लिए लंबे समय तक आय का स्रोत है।

  • लकड़ी और प्लास्टिक के आयात को कम करने में सहायक।

  • भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कुल बांस भंडार का 2/3 हिस्सा है, जो इसके सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्व को दर्शाता है।

स्थिर तथ्य

  • तिथि: 18 सितम्बर 2025

  • पहली बार मनाया गया: 2009, बैंकॉक (विश्व बाँस कांग्रेस)

  • थीम (2025): “अगली पीढ़ी का बांस: समाधान, नवाचार और डिज़ाइन”

  • आयोजक: विश्व बांस संगठन

  • भारत की प्रमुख योजना: राष्ट्रीय बांस मिशन

वैश्विक नवाचार सूचकांक 2025 में भारत 38वें स्थान पर पहुंचा

भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है और अब वह 38वें स्थान पर पहुँच गया है। यह रिपोर्ट विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रकाशित की गई है। 2020 में भारत की रैंक 48 थी, यानी पाँच वर्षों में भारत ने 10 स्थानों की छलांग लगाई है। इसके साथ ही भारत निम्न-मध्यम आय वाले देशों तथा मध्य एवं दक्षिण एशिया क्षेत्र में नंबर 1 पर है।

यह निरंतर सुधार भारत के अनुसंधान, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और प्रौद्योगिकी-आधारित विकास पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह विषय अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स, भारत की वैश्विक स्थिति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, और आर्थिक विकास के खंडों में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विश्व के शीर्ष 10 नवाचारी देश (GII 2025)

रैंक देश स्कोर
1 स्विट्ज़रलैंड 66
2 स्वीडन 62.6
3 अमेरिका 61.7
4 दक्षिण कोरिया 60
5 सिंगापुर 59.8
6 यूनाइटेड किंगडम 59.1
7 फ़िनलैंड 57.7
8 नीदरलैंड 57
9 डेनमार्क 56.9
10 चीन 56.6

क्षेत्रीय मुख्य बिंदु

  • यूरोप: शीर्ष 10 में 6 देश और शीर्ष 25 में 15 देश।

  • उत्तर अमेरिका: अमेरिका (3) और कनाडा (17)।

  • एशिया: दक्षिण कोरिया (4), सिंगापुर (5), चीन (10)।

भारत का प्रदर्शन (GII 2025)

  • वैश्विक रैंक: 38

  • स्कोर: लगभग 40.5

  • 2020 की तुलना में: 48 → 38

  • निम्न-मध्यम आय वाले देशों और दक्षिण-मध्य एशिया में स्थान: 1

भारत की मजबूतियाँ

  • ज्ञान और तकनीकी उत्पादन: 22वाँ स्थान

  • बाज़ार परिपक्वता: 38वाँ स्थान

  • मानव पूंजी और अनुसंधान: शीर्ष 40 में

भारत की कमजोरियाँ

  • व्यापार परिपक्वता: 64वाँ स्थान

  • अवसंरचना: 61वाँ स्थान

  • संस्थान: 58वाँ स्थान

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) के बारे में

  • प्रकाशक: विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)

  • देशों की संख्या: 139

  • सूचकांक आधारित: 80+ संकेतक, 7 स्तंभों पर

    1. संस्थान

    2. मानव पूंजी और अनुसंधान

    3. अवसंरचना

    4. बाज़ार परिपक्वता

    5. व्यापार परिपक्वता

    6. ज्ञान और तकनीकी उत्पादन

    7. रचनात्मक उत्पादन

यह सूचकांक दर्शाता है कि देश नवाचार-आधारित विकास को किस प्रकार प्रोत्साहित कर रहे हैं और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को आर्थिक उत्पादन में कैसे बदल पा रहे हैं।

स्थिर तथ्य

  • सूचकांक नाम: ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025

  • प्रकाशित करने वाला: विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)

  • भारत की रैंक (2025): 38

  • भारत की रैंक (2020): 48

  • शीर्ष देश: स्विट्ज़रलैंड

भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा

भारत एक बार फिर प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए चालू वित्त वर्ष (FY 2025) में 6.5% जीडीपी वृद्धि दर के साथ मजबूत प्रक्षेपण बनाए हुए है। अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत विश्व स्तर पर सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

यह अनुमान वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है और समसामयिक घटनाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक रैंकिंग और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स जैसे खंडों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

S&P रिपोर्ट की मुख्य झलकियाँ

  • जीडीपी वृद्धि का अनुमान: भारत की अर्थव्यवस्था FY 2025 में 6.5% की दर से बढ़ने की संभावना।

  • वैश्विक स्थिति: प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।

  • नीतिगत स्थिरता: आर्थिक सुधार, नीतिगत स्थायित्व और अवसंरचना निवेश को प्रमुख विकास चालक बताया गया।

  • झटकों से निपटने की क्षमता: आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत ने स्थिरता बनाए रखी।

  • भविष्य की दृष्टि: वैश्विक व्यापार में अधिक एकीकरण से रोजगार अवसर और उत्पादकता में वृद्धि होगी।

भारत की मजबूत विकास गति के पीछे कारण

  • सुधार और व्यापार सुगमता: नियमों का सरलीकरण, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता से निवेश माहौल बेहतर हुआ।

  • अवसंरचना निवेश: परिवहन, शहरी विकास, ऊर्जा और डिजिटल अवसंरचना में बड़े निवेश।

  • निर्माण और निर्यात: पीएलआई योजनाएँ, मेक इन इंडिया और व्यापार विविधीकरण से उत्पादन में वृद्धि।

  • घरेलू खपत: बड़ी उपभोक्ता आबादी और उभरता मध्यम वर्ग घरेलू मांग को मजबूत बनाए हुए है।

  • तकनीक और नवाचार: फिनटेक, ई-कॉमर्स और सेवाओं में तेज़ तकनीकी अपनाने से आर्थिक परिवर्तन को गति मिली।

स्थिर तथ्य

  • रिपोर्ट जारी करने वाला: स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P)

  • FY 2025 के लिए वृद्धि अनुमान: 6.5%

  • स्थिति: सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था

  • मुख्य चालक: सुधार, अवसंरचना, नीतिगत स्थिरता

सेंटिएंट एआई ने 2 मिलियन उपयोगकर्ताओं के लिए ओपन एजीआई नेटवर्क लॉन्च किया

वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एआई स्टार्टअप सेंटिएंट (Sentient) ने अपना ओपन-सोर्स आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) नेटवर्क लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्च 17 सितम्बर 2025 को किया गया और इसके तहत 20 लाख (2 मिलियन) प्रतीक्षारत उपयोगकर्ताओं को एक्सेस दिया गया। इस पहल ने भारत को ओपन एआई नवाचार के अग्रणी देशों में ला खड़ा किया है और अब यह सीधे OpenAI और Amazon Web Services (AWS) जैसे वैश्विक दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा करेगा।

सेंटिएंट के AGI नेटवर्क की मुख्य विशेषताएँ

वास्तविक समय (Real-Time) एआई एजेंट सहयोग

  • प्लेटफ़ॉर्म पर 40+ एआई एजेंट्स और मॉडल्स मौजूद हैं, जो 50+ डेटा स्रोतों के साथ एकीकृत होकर वास्तविक समय में सहयोग कर सकते हैं।

  • एआई अब बहु-स्तरीय और उच्च स्तरीय कार्य जैसे बाज़ार विश्लेषण, समाचार ब्रीफिंग आदि कर सकता है, बिना अलग-अलग सिस्टम पर निर्भर हुए।

ब्लॉकचेन एकीकरण और ओपन एक्सेस

  • AGI नेटवर्क को कई ब्लॉकचेन से जोड़ा गया है।

  • उपभोक्ताओं के लिए Sentient Chat इंटरफ़ेस उपलब्ध कराया गया है।

  • ओपन-सोर्स होने के कारण दुनिया भर के डेवलपर्स इसमें योगदान कर सकते हैं और टोकन-आधारित रिवार्ड सिस्टम से अपने मॉडल को मोनेटाइज कर सकते हैं।

विकेंद्रीकृत एआई नवाचार का नया मॉडल

  • डेवलपर-केंद्रित प्रोत्साहन (Incentive) मॉडल

    • योगदानकर्ताओं को टोकन तब मिलेंगे जब उनके एजेंट, डेटा या मॉडल का उपयोग होगा।

    • उपयोगकर्ता अपने पसंदीदा एजेंट्स को समर्थन देने के लिए टोकन स्टेक कर सकते हैं।

    • यह पारंपरिक “पे-पर-एपीआई” मॉडल से बिल्कुल अलग है और योगदानकर्ताओं को स्वामित्व व लाभ-साझेदारी अधिकार देता है।

  • वैश्विक सहयोग बनाम केंद्रीकृत नियंत्रण

    • सेंटिएंट का उद्देश्य “अमेरिका-चीन एआई गतिरोध” का विकल्प पेश करना है।

    • यह ओपन AGI दृष्टिकोण भारत और सहयोगी देशों को स्वतंत्र रूप से नवाचार करने की शक्ति देता है, ताकि वे बंद टेक इकोसिस्टम पर निर्भर न रहें।

सेंटिएंट का AGI क्या कर सकता है?

  • वास्तविक समय में निवेश अनुसंधान और रिपोर्टिंग

  • व्यक्तिगत दैनिक समाचार सारांश

  • यात्रा योजनाओं में सहायता

  • अकादमिक और नीति शोध सारांश

यह साधारण चैटबॉट से कहीं आगे जाकर सहयोगी और संयोज्य एआई की शक्ति दिखाता है।

संस्थापक, फंडिंग और विज़न

  • संस्थापक (Cofounders): संदीप नेलवाल और हिमांशु त्यागी

  • स्थापना स्थान: सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका

  • फंडिंग: 2024 में Founders Fund, Pantera Capital और Framework Ventures द्वारा नेतृत्व किए गए सीड राउंड में 85 मिलियन डॉलर जुटाए

  • विज़न: यह साबित करना कि ओपन, विकेंद्रीकृत इंटेलिजेंस बंद कॉरपोरेट सिस्टम से बेहतर नवाचार कर सकती है।

संदीप नेलवाल के अनुसार, यह वह मोड़ है जहाँ भारत वैश्विक एआई परिदृश्य को आकार देगा, न कि केवल उसका अनुकरण करेगा।

स्थिर तथ्य

  • स्टार्टअप: सेंटिएंट

  • AGI नेटवर्क उपयोगकर्ता: 20 लाख (प्रारंभिक चरण)

  • एजेंट्स और मॉडल्स: 40+ एआई एजेंट्स, 50+ डेटा स्रोत

  • इंटरफ़ेस: सेंटिएंट चैट

  • संस्थापक: संदीप नेलवाल, हिमांशु त्यागी

  • प्रोत्साहन मॉडल: टोकन-आधारित रिवार्ड और स्टेकिंग

  • मुख्यालय: सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका

PM मोदी के जन्मदिन पर नमो ऐप से शुरू हुआ ‘सेवा पर्व 2025’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितम्बर) को स्मरण करने के लिए नमो ऐप (NaMo App) पर 15 दिवसीय डिजिटल नागरिक सहभागिता अभियान “सेवा पर्व 2025” की शुरुआत की गई है। यह अभियान 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी जयंती) तक चलेगा और इसका उद्देश्य सेवा एवं राष्ट्रभावना की प्रेरणा देना है।

सेवा पर्व 2025 की मुख्य झलकियाँ (NaMo App पर)

डिजिटल अभियान अवलोकन

  • सेवा पर्व 2025 में 9 इंटरैक्टिव गतिविधियाँ शामिल हैं, जो जनता को स्वैच्छिक कार्यों और शासन-जनभागीदारी से जोड़ती हैं।

प्रमुख गतिविधियाँ

  1. सबका साथ, सबकी सेवा – वृक्षारोपण, रक्तदान व अन्य सामुदायिक सेवाओं जैसे कार्य।

  2. एआई शुभकामना रील – उपयोगकर्ता अपनी जानकारी के आधार पर एआई-निर्मित ऑडियो और स्क्रिप्ट से पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ भेज सकते हैं।

  3. वर्चुअल प्रदर्शनी – प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मील के पत्थर दर्शाती है।

  4. सेल्फी विद पीएम – उपयोगकर्ताओं को पीएम मोदी के साथ डिजिटल छवि बनाने की सुविधा।

  5. डिस्कवर योर मोदी ट्रेट – उपयोगकर्ता की खूबियों की तुलना पीएम मोदी के मूल्यों से करता है।

  6. नो योर नमो क्विज़ – पीएम मोदी के जीवन और नेतृत्व पर आधारित प्रश्नोत्तरी।

  7. नमो पुस्तक संग्रह – मोदी के जीवन और नीतियों पर चुनी हुई सामग्री।

  8. नमो मर्चेंडाइज़ – थीम आधारित वस्तुएँ उपलब्ध।

  9. वर्ल्ड विशेज पीएम मोदी – दुनिया भर से लोग डिजिटल माध्यम से शुभकामनाएँ भेज सकते हैं।

उद्देश्य और जनसहभागिता

यह अभियान न केवल प्रधानमंत्री के जन्मदिन का उत्सव है बल्कि नागरिकों को राष्ट्रनिर्माण गतिविधियों में भाग लेने का मंच भी देता है। इसका उद्देश्य सेवा (सेवा भाव), सामूहिक गौरव और नागरिक-सरकार संबंधों को मजबूत करना है।

स्थिर तथ्य

  • अभियान का नाम: सेवा पर्व 2025

  • मंच (Platform): नमो ऐप (NaMo App)

  • अवधि: 15 दिन (17 सितम्बर – 2 अक्टूबर 2025)

  • अवसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन और गांधी जयंती

चुनाव आयोग ने ईवीएम मतपत्र के डिज़ाइन में बदलाव किया

मतदान अनुभव और मतपत्र की स्पष्टता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) मतपत्रों के डिज़ाइन में बदलाव की घोषणा की है। नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य मतदाताओं के लिए दृश्यता, एकरूपता और पठनीयता को बढ़ाना है।

यह बदलाव चुनाव आयोग द्वारा पिछले छह महीनों में शुरू की गई 28 पहलों का हिस्सा है, जिनका लक्ष्य चुनावी प्रक्रियाओं को सरल और मतदाता-हितैषी बनाना है। प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह अपडेट “चुनावी सुधार, EVM और सुशासन” जैसे विषयों के अंतर्गत महत्वपूर्ण है।

EVM मतपत्र डिज़ाइन में क्या बदला?

चुनाव आयोग ने Conduct of Elections Rules में संशोधन करते हुए EVM मतपत्र के लिए नए मानक तय किए हैं।

नए डिज़ाइन की प्रमुख विशेषताएँ

  • रंगीन उम्मीदवार की तस्वीरें – अब उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन छपी होंगी, ताकि पहचान आसान हो।

  • बड़ा फोटो स्पेस – उम्मीदवार का चेहरा कुल फोटो स्पेस का तीन-चौथाई भाग घेरेगा, जिससे पहचान और स्पष्ट होगी।

  • समान फॉन्ट और शैली – सभी उम्मीदवारों के नाम और “नोटा” (NOTA – None of the Above) विकल्प समान फॉन्ट और आकार में छपे होंगे।

  • उम्मीदवारों की लेआउट सीमा – एक शीट पर अधिकतम 15 उम्मीदवारों को दिखाया जाएगा।

  • NOTA की स्थिति – “नोटा” विकल्प हमेशा अंतिम उम्मीदवार के नाम के बाद स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगा।

कार्यान्वयन और रोलआउट

  • निर्देश जारी – चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को नई गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है।

  • पहली बार उपयोग – redesigned मतपत्रों का पहली बार उपयोग आगामी बिहार विधानसभा चुनावों (2025) में होगा।

  • देशभर में उपयोग – इसके बाद यह बदलाव सभी आगामी विधानसभा और आम चुनावों में लागू किया जाएगा।

स्थिर तथ्य

  • जारी करने वाला: भारतीय चुनाव आयोग (ECI)

  • उद्देश्य: EVM मतपत्र की स्पष्टता, पठनीयता और एकरूपता बढ़ाना

  • प्रमुख बदलाव: रंगीन फोटो, समान फॉन्ट, बड़ा फोटो स्पेस

  • पहला कार्यान्वयन: बिहार चुनाव (2025)

  • प्रति शीट अधिकतम उम्मीदवार: 15

  • NOTA की स्थिति: अंतिम उम्मीदवार के बाद

UPI से अब ₹10 लाख तक हो सकेगा भुगतान, NPCI ने बढ़ाई P2M पेमेंट की दैनिक लिमिट

भारत में उच्च-मूल्य डिजिटल लेनदेन को समर्थन देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की सीमा में बदलाव किया है। यह संशोधन 15 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इस कदम का उद्देश्य बीमा, निवेश और सरकारी बाज़ार जैसे क्षेत्रों में बड़े लेनदेन को आसान बनाना है। इसे भारत की बढ़ती डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को मज़बूत करने और उच्च-मूल्य भुगतानों के लिए पारंपरिक बैंकिंग तरीकों पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

UPI सीमा में बढ़ोतरी: क्या बदला?

नई दैनिक और लेनदेन सीमा
NPCI के परिपत्र के अनुसार, अब UPI उपयोगकर्ता चुनिंदा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भुगतान कर सकेंगे।

संशोधित सीमा:

  • प्रति लेनदेन अधिकतम सीमा: ₹5 लाख (P2M भुगतान)

  • दैनिक अधिकतम सीमा: ₹10 लाख (सभी P2M भुगतानों के लिए)

  • यह सीमा केवल सत्यापित व्यापारियों पर लागू होगी

  • व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) भुगतान की सीमा अपरिवर्तित (₹1 लाख प्रतिदिन)

किन क्षेत्रों में नई सीमा लागू होगी?

नई UPI सीमा केवल उन्हीं क्षेत्रों पर लागू होगी जहाँ सामान्यतः उच्च-मूल्य के लेनदेन होते हैं:

  • बीमा प्रीमियम भुगतान

  • पूंजी बाज़ार निवेश (जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर)

  • यात्रा एवं पर्यटन सेवाएँ

  • ऋण वसूली और EMI भुगतान

  • सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) लेनदेन

सीमा वृद्धि के लाभ

  • डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन – अब उपयोगकर्ताओं को बड़े भुगतानों के लिए लेनदेन को विभाजित करने या RTGS/NEFT जैसे धीमे विकल्पों का सहारा नहीं लेना होगा।

  • औपचारिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा – उच्च-मूल्य UPI लेनदेन पारदर्शिता लाएँगे और वित्तीय अनुपालन को आसान बनाएँगे।

  • सुविधा में बढ़ोतरी

    • उपयोगकर्ताओं के लिए एकमुश्त भुगतान (जैसे बीमा या यात्रा सेवाओं पर)

    • व्यापारियों के लिए तेज़ निपटान

    • विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स पर सरल भुगतान प्रक्रिया

मुख्य तथ्य

  • घोषणा करने वाला: NPCI

  • प्रभावी तिथि: 15 सितंबर 2025

  • नई P2M प्रति-लेनदेन सीमा: ₹5 लाख

  • नई P2M दैनिक सीमा: ₹10 लाख

  • लागू: केवल सत्यापित व्यापारियों पर

भारत डिएगो गार्सिया के पास सैटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन स्थापित करेगा

भारत और मॉरीशस ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चागोस द्वीपसमूह के पास स्थित डीएगो गार्सिया (जहाँ अमेरिका-ब्रिटेन का सैन्य अड्डा है) में एक उपग्रह ट्रैकिंग और संचार स्टेशन स्थापित किया जाएगा। यह कदम हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की रणनीतिक मौजूदगी को मजबूत करेगा।

यह समझौता मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की भारत यात्रा के दौरान हुआ। इस केंद्र से भारत अपने उपग्रहों और प्रक्षेपण यानों को ट्रैक कर सकेगा और उनसे डेटा प्राप्त कर सकेगा।

क्यों महत्वपूर्ण हैं चागोस और डीएगो गार्सिया

  • भौगोलिक स्थिति: चागोस द्वीपसमूह पूर्वी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के बीच सामरिक रूप से अहम स्थान पर है।

  • सैन्य महत्व: डीएगो गार्सिया अमेरिका-ब्रिटेन का प्रमुख नौसैनिक और वायु अड्डा है, जिसका उपयोग इराक, अफगानिस्तान और खाड़ी क्षेत्र में अभियानों के लिए किया गया है।

  • भारत का लाभ: उपग्रह निगरानी क्षमता में वृद्धि + हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक बढ़त।

संधि की शर्तें और कूटनीतिक पहल

भारत ने मॉरीशस की चागोस द्वीपों पर संप्रभुता (sovereignty) का समर्थन दोहराया, जबकि डीएगो गार्सिया पर ब्रिटेन के निरंतर सैन्य नियंत्रण का भी सम्मान किया। यह “द्वैध मान्यता” भारत को सामरिक पहुँच और कूटनीतिक संतुलन दोनों प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताया और उपनिवेशवाद समाप्त करने तथा क्षेत्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

समुद्री और अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार

  • संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और नौवहन चार्टिंग

  • भारत मॉरीशस कोस्ट गार्ड के जहाज़ों का पुनः फिटिंग करेगा और अधिकारियों को प्रशिक्षण देगा

  • मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा
    विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि मॉरीशस की क्षमता निर्माण और क्षेत्रीय विकास में भारत उसकी प्राथमिक साझेदार है।

मुख्य बिंदु

  • समझौता किसके साथ: मॉरीशस

  • उद्देश्य: उपग्रह ट्रैकिंग और टेलीमेट्री स्टेशन की स्थापना

  • रणनीतिक स्थान: डीएगो गार्सिया (चागोस द्वीपसमूह) के पास

  • महत्व: हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी का संतुलन

सेंट्रल जोन सातवीं बार दलीप ट्रॉफी चैंपियन: फाइनल में साउथ जोन को 6 विकेट से हराया

सेंट्रल जोन (Central Zone) ने 2025 की दलीप ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए साउथ जोन (South Zone) को 6 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। यह मुकाबला बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खेला गया। इस जीत के साथ सेंट्रल जोन ने 11 साल बाद (2014–15 के बाद पहली बार) खिताब जीता। टीम की कप्तानी रजत पाटीदार ने की, जिन्होंने हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को भी पहला आईपीएल खिताब दिलाया था।

फाइनल मैच सारांश:

  • परिणाम: सेंट्रल जोन ने दक्षिण क्षेत्र को 6 विकेट से हराया

  • साउथ जोन पहली पारी: 149 ऑलआउट (63 ओवर)

  • सेंट्रल जोन पहली पारी: 511 ऑलआउट (145.1 ओवर)

  • साउथ जोन दूसरी पारी: 426 ऑलआउट (121 ओवर)

  • सेंट्रल जोन लक्ष्य का पीछा: 66/4 (20.3 ओवर)

सेंट्रल जोन ने पहली पारी में 362 रनों की विशाल बढ़त हासिल की, जिसने मैच का रुख तय कर दिया। हालांकि साउथ जोन ने दूसरी पारी में संघर्ष किया, लेकिन बढ़त इतनी बड़ी थी कि जीत लगभग सुनिश्चित हो गई।

सेंट्रल जोन का दलीप ट्रॉफी इतिहास:

  • कुल खिताब: 6

  • पिछला खिताब: 2014–15 (कप्तान पियूष चावला)

  • उस समय भी उन्होंने साउथ जोन को हराया था, और 301 रन की बढ़त को मात्र 9 रन से बचाया था।

  • 2025 की जीत और भी दमदार रही, जिसमें टीम की गहराई, संतुलन और धैर्य झलकता है।

मुख्य बिंदु:

  • विजेता: सेंट्रल जोन

  • प्रतिद्वंद्वी (फाइनल): साउथ जोन

  • जीत का अंतर: 6 विकेट

  • स्थान: बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बेंगलुरु

  • कप्तान: रजत पाटीदार

  • प्लेयर ऑफ द मैच: यश राठौड़ (194 रन)

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