पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (पीआरएचआई) ने घोषणा की है कि नेपाली उपन्यास “फूलाङ्गे” का अंग्रेजी अनुवाद 17 अप्रैल को रिलीज किया जाएगा। लेखनाथ छेत्री दार्जीलिंग स्थित एक लेखक द्वारा लिखी गई इस किताब में एक अलग राज्य के लिए असफल गोरखा आंदोलन पर ध्यान केंद्रित है। इस किताब का मूल नेपाली संस्करण 2021 में नेपाल के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार मदन पुरस्कार के लिए चयनित हुआ था।
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“फूलाङे” एक उपन्यास है जो प्रितम नाम के मुख्य चरित्र के नज़रिए से भारत के दार्जिलिंग पहाड़ियों में गोरखालैंड आंदोलन की कहानी सुनाता है। इस उपन्यास में उस समाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को खोजा गया है जिससे इस आंदोलन का गठन हुआ था और उसके बाद उत्पन्न हुई हिंसा को दर्शाया गया है। “फूलाङे” शब्द का अर्थ होता है “वे जो फूल बिखेरते हैं” और यह गोरखालैंड आंदोलन की शांतिपूर्ण स्वभाव को दर्शाता है। यह उपन्यास दार्जिलिंग पहाड़ियों में नेपाली भाषी समुदाय की संघर्षों को उजागर करता है और उनकी गोरखालैंड नामक अलग राज्य की मांग पर ध्यान केंद्रित करता है।
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