भारतीय भारोत्तोलक हर्षदा गरुड़ ने हाल ही में ताशकंद में एशियाई युवा एवं जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में महिलाओं का 45 किग्रा वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। भारत की हर्षदा गरुड़ ने 18 जुलाई 2022 को कुल 157 किग्रा (69 किग्रा एवं 88 किग्रा) वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। बता दें उन्होंने मई में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीतने के दौरान उठाए 153 किग्रा (70 किग्रा एवं 83 किग्रा) वजन से चार किलो वजन अधिक उठाया।
वहीँ, भारत की सौम्या दलवी ने 45 किग्रा युवा वर्ग में कांस्य पदक जीता। बता दें युवा विश्व चैंपियनशिप की इस कांस्य पदक विजेता सौम्या दलवी ने 145 किग्रा (63 किग्रा एवं 82 किग्रा) भार उठाया। पुरुषों के 49 किग्रा युवा वर्ग में एल धनुष ने 85 किलोग्राम वजन उठाकर स्नैच वर्ग में कांस्य पदक जीता। हालांकि वे कुल भार के आधार पर 185 किग्रा (85 किग्रा और 100 किग्रा) वजन उठाकर चौथे स्थान पर रहे। महाद्वीपीय एवं विश्व चैंपियनशिप में स्नैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल भारत के लिए अलग-अलग पदक दिए जाते हैं लेकिन ओलंपिक में केवल कुल भार के लिए एक पदक दिया जाता है।
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हर्षदा गरुड़ कौन हैं ?
हर्षदा गरुड़ पुणे के पास ‘वडगांव’ नामक एक गांव की रहने वाली हैं। हर्षदा जब 13 साल की थीं, तब उनके पिता शरद गरुड़ ने उन्हें 50 किलो चावल की बोरी को आसानी से ले जाते देखा। शरद के लिए यह एक संकेत था कि उनकी बेटी हर्षदा बड़े मंच पर कमाल कर सकती हैं। बता दें शरद का भी बड़े मंच तक पहुंचने का सपना था लेकिन पैसों की तंगी की वजह से उनका यह सपना अधूरा रह गया था।
उन्होंने हर्षदा गरुड़ को कोच बिहारीलाल दुबे के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग के लिए भेजा, जो साल 1980 से वडगांव में दूबे गुरुकुल नामक एक स्पोर्ट्स अकादमी चला रहे हैं। हर्षदा को ज्यादा बोलने वाले स्वभाव की वजह से उन्हें रेडियो कहकर बुलाया जाता है। कोच बिहारीलाल दुबे की देख-रेख में हर्षदा गरुड़ ने काफी सुधार किया और अंडर -17 गर्ल्स कैटेगरी में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 का खिताब जीता तथा इसके बाद एशियाई यूथ एवं जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। हर्षदा ने दोनों स्पर्धाओं में कुल 139 किग्रा का भार उठाया।