भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने विस्तारा एयरलाइन के एयर इंडिया में विलय की अनुमति दे दी है। Tata SIA Airlines भारत में विस्तारा नाम की विमान सेवा का संचालन करती है। यह टाटा संस और सिंगापुर एलरलाइन का संयुक्त उद्यम है। इसके साथ ही सीसीआई ने सिंगापुर एयरलाइन द्वारा एयर इंडिया में कुछ शेयरों की खरीद को भी मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके लिए सिंगापुर एयरलाइन को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
टाटा समूह का हिस्सा
विस्तारा और एयर इंडिया टाटा समूह का हिस्सा हैं और सिंगापुर एयरलाइंस की विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले साल नवंबर में, टाटा समूह ने एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इस सौदे के लिए इस साल अप्रैल में सीसीआई से मंजूरी मांगी गई थी।
टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एयर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड इसमें पक्षकार हैं। इस सौदे के बाद एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन और दूसरी सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन बन जाएगी।
विमान सेवा का संचालन
Tata SIA Airlines भारत में विस्तारा नाम की विमान सेवा का संचालन करती है। इस कंपनी का गठन नवंबर 2013 को किया गया था। विस्तारा एयरलाइन ने अपने कमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत वर्ष 2015 के जनवरी से की थी। कंपनी के पास 50 हवाई जहाज की फ्लीट हैं।
भारतीय विमानन का भविष्य
सीसीआई की मंजूरी के साथ, टाटा एसआईए एयरलाइंस (विस्तारा) और एयर इंडिया के बीच विलय भारतीय विमानन उद्योग को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। व्यवसाय में दो प्रसिद्ध दिग्गजों, टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच यह रणनीतिक गठबंधन, विमानन परिदृश्य को नया आकार देने, यात्रियों को उन्नत सेवाएं, विस्तारित मार्ग और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।
इस विलय के पूरा होने की उम्मीद मार्च 2024 तक है। तब तक, उद्योग पर्यवेक्षक और यात्री समान रूप से वैश्विक विमानन क्षेत्र में एयर इंडिया के एक दुर्जेय खिलाड़ी में बदलने का उत्सुकता से इंतजार करेंगे।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें
टाटा संस के अध्यक्ष: एन. चन्द्रशेखरन