भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्राप्त जमा की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे जमा करने वाले के हितों की सुरक्षा के साथ-साथ धन की पुनः प्राप्ति के लिए प्रभावी तंत्रों की शुरुआत की गई है। अप्राप्त जमा को ऐसे खातों या सावधि जमा के रूप में परिभाषित किया जाता है जो 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय हैं, और इस समस्या में हाल के वर्षों में तीव्र वृद्धि देखी गई है।
अप्राप्त जमा का विकास
- परिभाषा: अप्राप्त जमा में वे खाते या सावधि जमा शामिल हैं जो 10 साल से अधिक समय से निष्क्रिय हैं।
- योगदान करने वाले कारण: खातों में निष्क्रियता, अप्राप्त सावधि जमा, और खाता धारकों की मृत्यु के बाद अप्राप्त धन इस समस्या में योगदान करते हैं।
सांख्यिकीय वृद्धि
- DEA फंड में वृद्धि: डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस (DEA) फंड में 26% की वृद्धि हुई है, जो 2022-23 में ₹62,224.89 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹78,212.53 करोड़ हो गया।
- बचत खाते: 2018-2022 डेटा के अनुसार, 73% अप्राप्त जमा बचत खातों में होते हैं।
RBI की प्रमुख पहलें
- 100 दिन 100 भुगतान अभियान (मई 2023): यह पहल अप्राप्त जमा के निपटान में तेजी लाती है, जिसमें प्रत्येक जिले में शीर्ष 100 अप्राप्त जमा को लक्षित किया गया है। अभियान को 1 अप्रैल 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
- UDGAM पोर्टल (अगस्त 2023): यह पोर्टल व्यक्तियों को विभिन्न बैंकों में अप्राप्त जमा की खोज करने की सुविधा प्रदान करता है। उपयोगकर्ता खाता धारक के नाम और बैंक विवरण का उपयोग करके खोजना कर सकते हैं।
- वेबसाइट प्रकाशन: बैंकों को अप्राप्त जमा की सूची अपनी वेबसाइटों पर प्रकाशित करनी होगी, जिसमें नाम और पते (संवेदनशील खाता विवरण को छोड़कर) प्रकाशित होंगे।
निष्क्रिय खातों के लिए नए नियम
- वार्षिक समीक्षा (जनवरी 2024 से): बैंकों को खातों की निष्क्रियता की वार्षिक समीक्षा करनी होगी।
- संचार: खाता धारकों को उनके खाते की स्थिति के बारे में विभिन्न तरीकों से सूचित किया जाएगा।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024
- नामांकित व्यक्तियों की संख्या: जमा और लॉकर के लिए अधिकतम चार नामांकित व्यक्तियों की अनुमति होगी।
- प्राथमिकता व्यवस्था: नामांकित व्यक्तियों की प्राथमिकता के लिए स्पष्ट व्यवस्थाएं स्थापित की जाएंगी।
- पुनः सक्रियण और नामांकन प्रक्रियाओं को सरल बनाना: निष्क्रिय खातों को कम करने के लिए इन प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।
भविष्य की दिशा
- संपर्क में रहने के उपाय: SBI सहित बैंकों ने सुझाव दिया है कि सरकारी भुगतान से जुड़े खाते न्यूनतम गैर-वित्तीय लेन-देन के माध्यम से सक्रिय रह सकते हैं।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म का बढ़ावा: RBI ग्राहक विवरण को अपडेट करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे खाता गतिविधि की निगरानी बेहतर हो सके।
समाचार में क्यों | मुख्य बिंदु |
RBI अप्राप्त जमा से निपटने की पहल | निष्क्रिय खातों और अप्राप्त सावधि जमा से संबंधित उपायों को लागू करना। |
UDGAM पोर्टल लॉन्च किया गया | अगस्त 2023 में लॉन्च किया गया, जिससे उपयोगकर्ता विभिन्न बैंकों में अप्राप्त जमा की खोज कर सकते हैं। |
DEA फंड में वृद्धि | डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस (DEA) फंड में 26% की वृद्धि, ₹62,224.89 करोड़ से बढ़कर ₹78,212.53 करोड़। |
100 दिन 100 भुगतान अभियान | मई 2023 में शुरू हुआ, 1 अप्रैल 2024 तक विस्तारित, प्रत्येक जिले में शीर्ष 100 अप्राप्त जमा का निपटान करने के लिए। |
निष्क्रिय खातों पर नए नियम | जनवरी 2024 से, बैंकों को खातों की वार्षिक समीक्षा करनी होगी और निष्क्रियता के बारे में खाता धारकों को सूचित करना होगा। |
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 | बैंक जमा और लॉकर वस्तुओं के लिए अधिकतम चार नामांकित व्यक्तियों की अनुमति, नामांकन की प्राथमिकता व्यवस्था। |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) प्रस्ताव | प्रस्ताव दिया कि सरकारी भुगतान जैसे गैर-वित्तीय गतिविधियों के माध्यम से खातों को सक्रिय रखा जाए। |