
फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को 7.8 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया। फिच ने कहा कि जून में लगाए गए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान की तुलना में अब उसे 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
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मुख्य बिंदु
- संस्था ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.4 प्रतिशत के पहले के अनुमान के मुकाबले अब 6.7 प्रतिशत तक रह जाने की संभावना है।
- रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति के अलावा बढ़ती महंगाई और सख्त मॉनिटरिंग पॉलिसी की वजह से यह सुस्ती आ सकती है।
- एजेंसी ने कहा कि थोक-मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में नरम होकर 11 महीने के निचले स्तर 12.41% पर आ गई है। हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति 7% तक बढ़ गई है।
- एजेंसी ने कहा कि आरबीआई महंगाई को कंट्रोल करने के लिए साल के अंत तक रेपो रेट बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत तक कर सकता है। वहीं, अगले साल रेपो रेट 6 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
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