भारत उच्च-मूल्य वाली व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वैश्विक कंपनियों की पसंदीदा मंज़िल बना हुआ है। इसी कड़ी में भारत के वैश्विक सेवा पारिस्थितिकी तंत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन देते हुए, अमेरिकी बैंकिंग दिग्गज जेपी मॉर्गन ने मुंबई में एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। यह कदम वैश्विक वित्त और प्रौद्योगिकी मानचित्र पर भारत की स्थिति को और सुदृढ़ करता है।
पृष्ठभूमि
जेपी मॉर्गन ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ाई है। केवल पिछले दो वर्षों में ही बैंक ने लगभग 10 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान लिया है। कुशल मानव संसाधन, लागत-लाभ, और मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम के कारण भारत वैश्विक बैंकों के लिए एक पसंदीदा केंद्र बन गया है।
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
यह विकास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह—
- भारत में एशिया का सबसे बड़ा जीसीसी स्थापित करेगा
- बड़े पैमाने पर उच्च-कौशल रोजगार सृजित करेगा
- वैश्विक बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करेगा
- अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) क्या है?
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की ऑफशोर इकाई होती है, जो निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य संभालती है—
- सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवाएँ
- वित्तीय संचालन और अनुपालन
- डेटा एनालिटिक्स और जोखिम प्रबंधन
- अनुसंधान, नवाचार और सपोर्ट सेवाएँ
भारत दुनिया में सबसे अधिक जीसीसी की मेज़बानी करता है, जिससे वह ज्ञान-आधारित सेवाओं का वैश्विक केंद्र बन चुका है।
एक नज़र में प्रमुख बिंदु
- कंपनी: जेपी मॉर्गन
- स्थान: पवई, मुंबई
- क्षेत्रफल: 20 लाख वर्ग फुट
- कर्मचारी क्षमता: लगभग 30,000
- पूरा होने का लक्ष्य: 2029
मुख्य निष्कर्ष
- जेपी मॉर्गन मुंबई में एशिया का सबसे बड़ा जीसीसी स्थापित करेगा
- यह कदम वित्त और प्रौद्योगिकी सेवाओं में भारत की मजबूती को दर्शाता है
- परियोजना से बड़े पैमाने पर कुशल रोजगार सृजित होंगे
- भारत लगातार वैश्विक जीसीसी हब के रूप में उभर रहा है


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