विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 16 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया। यह पहल भारत के सबसे वीर सैनिकों के सम्मान और सर्वोच्च सैन्य शौर्य की विरासत को संजोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से उन वीरों को श्रद्धांजलि दी गई है जिन्होंने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और यह राष्ट्रीय गौरव को सुदृढ़ करती है।
परम वीर दीर्घा के बारे में
परम वीर दीर्घा राष्ट्रपति भवन में स्थापित एक विशेष गैलरी है, जहाँ परम वीर चक्र से सम्मानित सभी 21 वीरों के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। इस गैलरी का उद्देश्य आगंतुकों को भारत के उन राष्ट्रीय नायकों के बारे में शिक्षित करना है जिन्होंने देश की रक्षा में असाधारण साहस, अदम्य संकल्प और शौर्य का परिचय दिया। यह दीर्घा स्मारक होने के साथ-साथ जन-जागरूकता का केंद्र भी है।
पृष्ठभूमि और महत्व
जहाँ आज परम वीर दीर्घा स्थापित है, वहाँ पहले औपनिवेशिक काल के ब्रिटिश एड-डी-कैम्प (ADC) के चित्र लगे थे। उनकी जगह भारतीय वीरता पुरस्कार विजेताओं के चित्रों का लगाया जाना औपनिवेशिक विरासत से आगे बढ़कर अपने नायकों के सम्मान का प्रतीक है। यह कदम भारत की सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और स्वदेशी परंपराओं को गर्व के साथ अपनाने की व्यापक पहल को दर्शाता है।
परम वीर चक्र के बारे में
परम वीर चक्र (PVC) भारत का सर्वोच्च सैन्य वीरता सम्मान है, जो युद्धकाल में असाधारण साहस, वीरता और आत्मबलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। इसकी स्थापना 1950 में हुई थी और अब तक यह केवल 21 बार प्रदान किया गया है, जिससे इसकी दुर्लभता और प्रतिष्ठा स्पष्ट होती है। इनमें से कई सम्मान मरणोपरांत दिए गए, जो राष्ट्र के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को दर्शाते हैं।
मुख्य बिंदु
- परम वीर दीर्घा का उद्घाटन: 16 दिसंबर 2025 (विजय दिवस)
- उद्घाटनकर्ता: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
- स्थान: राष्ट्रपति भवन
- प्रदर्शनी: सभी 21 परम वीर चक्र विजेताओं के चित्र
- परम वीर चक्र: भारत का सर्वोच्च सैन्य वीरता सम्मान
- पहल का संदेश: औपनिवेशिक विरासत से हटकर राष्ट्रीय गौरव और अपने नायकों का सम्मान


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