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भारत ने रिकॉर्ड समय में दूसरा प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट जलावतरित किया

भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, प्रोजेक्ट 17A के तहत दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट INS उदयगिरि 1 जुलाई, 2025 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) द्वारा निर्मित, यह युद्धपोत उन्नत स्टील्थ क्षमताओं, आधुनिक हथियार प्रणालियों और तेज़ निर्माण समयसीमा को दर्शाता है। इसका शामिल होना भारत की आत्मनिर्भर नौसेना इंजीनियरिंग और ब्लू-वाटर ऑपरेशनल ताकत में एक छलांग है।

समाचार में क्यों?

INS उदयगिरि, भारत में स्वदेशी रूप से निर्मित Project 17A के तहत दूसरी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, 1 जुलाई 2025 को भारतीय नौसेना को सौंप दी गई। यह युद्धपोत मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) द्वारा रिकॉर्ड सिर्फ 37 महीनों में तैयार किया गया। इसकी डिलीवरी भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता, तेज़ निर्माण क्षमता, और उन्नत स्टील्थ प्रौद्योगिकी का प्रतीक है।

मुख्य विशेषताएँ 

श्रेणी विवरण
परियोजना प्रोजेक्ट 17A (P-17A)
निर्माणकर्ता मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई
डिज़ाइन भारतीय नौसेना का वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो
डिलीवरी समय 37 महीनों में रिकॉर्ड डिलीवरी
फ्लीट में स्थान भारतीय नौसेना की ब्लू-वॉटर क्षमता को बढ़ाएगा
  • स्टील्थ डिजाइन: रडार की पकड़ से बचने के लिए उन्नत आकार व सेंसर

  • हथियार प्रणाली में शामिल:

    • सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइलें

    • मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइल (MR-SAM)

    • 76 मिमी मुख्य तोप

    • क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS): 30 मिमी व 12.7 मिमी रैपिड फायर गन

स्वदेशी निर्माण की उपलब्धियाँ

  • अधिकांश हथियार और सेंसर भारत में निर्मित

  • 200+ MSMEs ने डिज़ाइन, सिस्टम और निर्माण में सहयोग किया

  • मजबूत घरेलू रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का सशक्त उदाहरण

Project 17A: एक नज़र में

  • पृष्ठभूमि: प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक क्लास) का उत्तराधिकारी

  • कुल युद्धपोत: 7 (MDSL, मुंबई व GRSE, कोलकाता में निर्माणाधीन)

  • डिलीवरी लक्ष्य: शेष 5 जहाज़ 2026 के अंत तक सौंपे जाएंगे

  • उद्देश्य: भारत की ब्लू-वॉटर नेवल क्षमताओं को सशक्त बनाना

INS उदयगिरि: विरासत और नवाचार का संगम

  • नाम रखा गया है पूर्व INS उदयगिरि के सम्मान में, जो 2007 में सेवा से हटाया गया था

  • यह नया जहाज़ आधुनिक प्रौद्योगिकी और नौसेनिक परंपरा का संयोजन है

  • भारत की बढ़ती समुद्री आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण

निष्कर्ष

INS उदयगिरि की डिलीवरी से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता, स्वदेशी निर्माण शक्ति, और समुद्री संचालन क्षमता को नया आयाम मिला है।
यह भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संसाधन होगा, जो राष्ट्र की समुद्री सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ भारत को एक वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

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