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भारत, यूएई ने हरित इस्पात और एल्युमीनियम क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी की

औद्योगिक सहयोग बढ़ाने और संधारणीय विनिर्माण को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने हरित इस्पात और उच्च श्रेणी के एल्युमीनियम के उत्पादन में सहयोग करने के लिए चर्चा शुरू की है। केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने स्वच्छ ऊर्जा-संचालित धातु विज्ञान, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन और दीर्घकालिक संसाधन सुरक्षा में तालमेल का पता लगाने के लिए भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) ढांचे के तहत यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री महामहिम अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी से मुलाकात की।

समाचार में क्यों?

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने हरित इस्पात (Green Steel) और उच्च-श्रेणी एल्युमिनियम के संयुक्त उत्पादन के लिए सहयोग पर चर्चा शुरू की है। यह वार्ता CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) ढांचे के अंतर्गत भारत के इस्पात मंत्री श्री एच. डी. कुमारस्वामी और UAE के अर्थव्यवस्था मंत्री हिज़ एक्सेलेंसी अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री के बीच 1 जुलाई 2025 को हुई।

बैठक के प्रमुख उद्देश्य

  • भारत-UAE के औद्योगिक संबंधों को CEPA के तहत मजबूत करना

  • हरित ऊर्जा आधारित इस्पात निर्माण में सहयोग

  • उच्च गुणवत्ता वाला एल्युमिनियम व इस्पात उत्पादन, विशेषकर ऑटोमोबाइल व रणनीतिक क्षेत्रों हेतु

  • क्लीन एनर्जी, लॉजिस्टिक्स, और कच्चे माल की आपूर्ति में दीर्घकालिक साझेदारी

चर्चा की मुख्य बातें

  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है

  • UAE का स्वच्छ ऊर्जा ढांचा और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति इस साझेदारी को बढ़ावा देंगे

  • सहयोग से भारत की 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन की योजना को गति मिलेगी

  • संयुक्त उत्पादन से लाभान्वित उद्योग:

    • ऑटोमोबाइल

    • रक्षा/रणनीतिक क्षेत्र

    • हाई-एंड निर्माण क्षेत्र

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSEs) की भूमिका

उपक्रम प्रमुख कार्य
सेल (SAIL) UAE की Stevin Rock LLC से हर साल ~2.5 मिलियन टन चूना पत्थर आयात करता है; दीर्घकालिक आपूर्ति समझौते पर विचार कर रहा है
NMDC खाड़ी क्षेत्र में खनन सहयोग के विस्तार की योजना
MECON UAE में तेल व गैस, इस्पात संयंत्रों, और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं हेतु इंजीनियरिंग सहयोग
तीनों CPSEs ने दुबई में अंतरराष्ट्रीय कार्यालय स्थापित किए हैं
  • एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) के गठन का प्रस्ताव

  • ध्यान केंद्रित क्षेत्रों में शामिल हैं:

    • लॉजिस्टिक्स अनुकूलन

    • प्रौद्योगिकी सहयोग

    • निवेश सुविधाएं

रणनीतिक दृष्टिकोण

  • UAE को भारत के लिए सिर्फ एक बाज़ार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक औद्योगिक भागीदार के रूप में देखा जा रहा है

  • यह सहयोग भारत की $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को समर्थन देगा

  • यह पहल आत्मनिर्भर भारत, ग्रीन इंडस्ट्री, और वैश्विक आपूर्ति शृंखला लचीलापन को भी सुदृढ़ करेगी

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