8th Pay Commission: मौजूदा DA को मूल वेतन से मिलाने का प्लान नहीं

8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) के गठन को लेकर नवंबर–दिसंबर 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों में काफी उम्मीदें बनी थीं, खासकर महंगाई भत्ते (DA) को बुनियादी वेतन (Basic Pay) में मिलाने की संभावनाओं को लेकर। इसे लंबे समय से महंगाई के प्रभाव को कम करने के एक प्रभावी उपाय के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन सरकार की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया ने इन उम्मीदों पर ब्रेक लगा दिया है — फिलहाल DA–Basic Pay मर्जर का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में निराशा और चिंता दोनों बढ़ी है।

सरकार ने क्या स्पष्ट किया?

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त मंत्रालय ने बताया कि 8वां केंद्रीय वेतन आयोग 3 नवंबर 2025 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से औपचारिक रूप से गठित कर दिया गया है। आयोग को केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, लाभ, पेंशन और अन्य संबंधित विषयों की समीक्षा का दायित्व सौंपा गया है। सबसे अहम मुद्दे — DA को बेसिक पे में मिलाने — पर मंत्रालय ने लिखित उत्तर देते हुए कहा कि “इस संबंध में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है”
अर्थात्, फिलहाल DA एक अलग भत्ता ही रहेगा और महंगाई सूचकांकों के आधार पर समय-समय पर संशोधित होता रहेगा।

क्यों बढ़ी थी DA–Basic Pay मर्जर की उम्मीद?

  • कई बार DA बुनियादी वेतन के 50% से अधिक पहुँच गया है। अतीत में ऐसा होने पर DA का बेसिक पे में एकीकरण किया जाता था।

  • मर्जर होने पर बेसिक पे बढ़ता, जिससे HRA, पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य लाभों की गणना भी बढ़ जाती।

  • बढ़ती महंगाई और जीवनयापन लागत ने भी कर्मचारियों और पेंशनरों की इस मांग को मजबूत किया था।

कर्मचारी संगठनों को उम्मीद थी कि 8th CPC एक अंतरिम राहत के रूप में ऐसी घोषणा कर सकता है।

सरकार इस कदम से क्यों हिचक रही है?

  • DA को बेसिक पे में शामिल करना सरकार पर स्थायी वित्तीय बोझ बढ़ा देगा।

  • इससे पेंशन और अन्य भत्ते भी स्थायी रूप से बढ़ेंगे।

  • DA को अलग भत्ता बनाए रखना सरकार को लचीलापन देता है—इसे बिना वेतन संरचना बदले संशोधित किया जा सकता है।

  • 8th CPC के Terms of Reference (ToR) में DA-मर्जर का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

इससे संकेत मिलता है कि भविष्य में ही इसे पुनः विचार हेतु शामिल किया जा सकता है।

कर्मचारियों और पेंशनधारकों की चिंताएँ

  • पेंशनरों की निराशा: 8th CPC की ToR में पेंशन संशोधन का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जिससे वे चिंतित हैं कि कहीं उन्हें प्राथमिकता न दी जाए।

  • महंगाई से राहत नहीं: निचले ग्रेड के कर्मचारियों की वास्तविक आय पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है।

  • अंतरिम राहत की उम्मीद खत्म: DA–Basic Pay मर्जर या तत्काल राहत की मांग फिलहाल संभव नहीं दिख रही।

इसी कारण कई संगठनों ने ToR में संशोधन और DA-मर्जर को शामिल करने के लिए विरोध-प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है।

आगे क्या होगा?

8th CPC आने वाले महीनों में वेतन, भत्ते, पेंशन, ग्रेच्युटी और लाभों की विस्तृत समीक्षा करेगा। यह आयोग लगभग 18 महीनों में अपनी सिफारिशें सौंप सकता है। कर्मचारी और पेंशनर संगठन DA-मर्जर और पेंशन पुनरीक्षण को शामिल कराने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। जब तक कोई संरचनात्मक परिवर्तन नहीं होता, वर्तमान व्यवस्था जारी रहेगी — जहां DA महंगाई सूचकांक (CPI-IW/AICPI-IW) के आधार पर संशोधित होता है।

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vikash

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