![भारत के आठ सागर तटों को "ब्लू फ्लैग अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल" दिए जाने की गई सिफारिश |_2.1](https://st.adda247.com/https://currentaffairs.adda247.com/wp-content/uploads/2020/09/21093737/kappad-beach-300x156.jpg)
पहली बार भारत के आठ सागर तटों की प्रतिष्ठित “अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणपत्र” के लिए सिफारिश की गई है। इन समुद्र तटों का चयन प्रख्यात पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों से बना एक स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी द्वारा किया गया था। यह घोषणा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 18 सितंबर को आयोजित एक आभासी कार्यक्रम के दौरान की।
क्या है ब्लू फ्लैग प्रमाणीकरण?
- ब्लू फ्लैग प्रमाण पत्र फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन, डेनमार्क द्वारा दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है।
- “ब्लू फ्लैग सागर तट” विश्व के सबसे स्वच्छ सागर तट माने जाते हैं।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन के लिए चुने गए आठ समुद्र तट हैं
- गुजरात का शिवराजपुर तट
- दमण एवं दीव का घोघला तट
- कर्नाटक का कासरगोड बीच
- कर्नाटक का पदुबिरदी बीच
- केरल का कप्पड बीच,
- आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा बीच,
- ओडिशा का गोल्डन बीच
- अंडमान निकोबार का राधानगर बीच
आयोजन के दौरान, केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने भारत के इको-लेबल, तटीय पर्यावरण एवं सुरुचिपूर्ण प्रबंधन सेवा (Beach Environment and Aesthetics Management Services) कार्यक्रम के शुभारंभ की भी घोषणा की।
BEAMS के बारे में:
यह पहल अपने एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (ICZM) परियोजना के तहत शुरू की गई है। MoEFCC BEAMS कार्यक्रम के तहत परियोजना को एकीकृत तटीय प्रबंधन (SICOM) सोसाइटी द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य तटीय जल में प्रदूषण को कम करना, समुद्र तट की सुविधाओं के सतत विकास को बढ़ावा देना, पर्यावरण और नियम तटीय के अनुरूप समुद्र तटों के लिए स्वच्छता, स्वच्छता और सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखना है।