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7th vs 8th वेतन आयोग: वेतन, भत्ते, पेंशन और प्रोत्साहन में प्रमुख बदलावों की व्याख्या

केंद्र सरकार ने 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) गठित करने को मंजूरी दे दी है, जिससे 49 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह आयोग जनवरी 2025 में घोषित हुआ था और दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहे 7वें वेतन आयोग के बाद कार्यभार संभालेगा। इससे वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे में व्यापक बदलाव की उम्मीद है।

7वां वेतन आयोग: प्रमुख बातें (2016 से लागू)

  • गठन वर्ष: 2014 | लागू: 1 जनवरी 2016 से

  • न्यूनतम वेतन: ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह किया गया

  • फ़िटमेंट फ़ैक्टर: 2.57 निर्धारित (यही गुणक नए वेतन निर्धारण में प्रयोग हुआ)

  • भत्ते: महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और परिवहन भत्ता (TA) संशोधित

  • पेंशन: न्यूनतम पेंशन ₹3,500 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति माह

  • वेतन संरचना: 19-स्तरीय Pay Matrix लागू कर पारदर्शिता बढ़ाई गई

8वां वेतन आयोग: क्या बदलाव होंगे (2026 से लागू होने की संभावना)

घोषणा: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जनवरी 2025 में
लागू होने की संभावना: जनवरी 2026

मुख्य प्रस्ताव:

  1. वेतन वृद्धि: न्यूनतम मूल वेतन ₹34,500 से ₹41,000 प्रति माह तक बढ़ सकता है।

  2. फ़िटमेंट फ़ैक्टर: बढ़कर लगभग 2.86 होने की संभावना।

  3. भत्तों का पुनरीक्षण: DA, HRA, TA को मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि से जोड़ा जाएगा।

  4. पेंशन सुधार: लगभग 65 लाख पेंशनरों के लिए नई प्रणाली और स्वचालित समायोजन व्यवस्था।

  5. नया प्रावधान: Productivity Linked Incentive (PLI) योजना – उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन और अनुशासन के आधार पर प्रोत्साहन।

7वें और 8वें वेतन आयोग की तुलना

पैरामीटर 7वां वेतन आयोग (2016) 8वां वेतन आयोग (संभावित 2026)
लागू वर्ष 2016 2026 (संभावित)
न्यूनतम वेतन ₹18,000 ₹34,500 – ₹41,000
फ़िटमेंट फ़ैक्टर 2.57 2.86 (संभावित)
वेतन स्तर (Pay Matrix) 19 स्तर समीक्षा के अधीन
भत्ते संशोधित DA, HRA, TA मुद्रास्फीति आधारित संशोधन
पेंशन ₹9,000 न्यूनतम नई संरचना और स्वचालन
प्रोत्साहन (Incentives) शामिल नहीं प्रदर्शन आधारित (PLI)
कवरेज 49 लाख कर्मचारी 49 लाख कर्मचारी + 65 लाख पेंशनर

क्यों है यह महत्वपूर्ण 

8वां वेतन आयोग एक प्रदर्शन-आधारित और टिकाऊ वेतन प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। इससे सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतन संरचना, पेंशन सुरक्षा और कार्यकुशलता को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, यह सरकारी नौकरियों को अधिक आकर्षक, स्थिर और विकासोन्मुख बनाता है — जिससे युवाओं में इनकी लोकप्रियता बनी रहेगी।

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