Home   »   भारत-जापान संबंधों के 70 साल: इतिहास,...

भारत-जापान संबंधों के 70 साल: इतिहास, आर्थिक, रक्षा और व्यापार विकास

भारत-जापान संबंधों के 70 साल: इतिहास, आर्थिक, रक्षा और व्यापार विकास |_3.1

भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध हर क्षेत्र में गहरे हुए हैं, चाहे वह रणनीतिक हो, आर्थिक हो या लोगों से लोगों का संपर्क हो।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

इसकी पृष्ठभूमि:

 

  • जापान और भारत के बीच औपचारिक संबंध 1952 में शुरू हुए।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, बहुपक्षीय सैन फ्रांसिस्को शांति संधि पर हस्ताक्षर करने के बजाय, भारत ने जापान के साथ एक द्विपक्षीय शांति संधि को समाप्त करने का विकल्प चुना, यह देखते हुए कि जापान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में फिर से शामिल होने के लिए सम्मान और समानता सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह हमारी पुरानी मित्रता की आधारशिला है।
  • लेकिन राजनयिक संबंधों की स्थापना से पहले भी, दोनों देशों के लोगों के बीच सद्भावना व्यापार, शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से गहराई से जुड़ी हुई थी।
  • 1951 में, जब भारत ने नई दिल्ली में पहले एशियाई खेलों की मेजबानी की, तो उसने जापानी एथलीटों को आमंत्रित किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापानी झंडा फहराने का यह पहला अवसर था। इस अनुभव ने जापानी लोगों के मन को शांत किया जो अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे थे।
  • बहुस्तरीय आदान-प्रदान के 70 वर्षों के बाद, हमारे दोनों देशों के बीच संबंध “विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” में विकसित हुए।

 

दोनों देशों के बीच संबंध:

 

रक्षा संबंध: भारत-जापान रक्षा और सुरक्षा साझेदारी गुज़रते वर्षों में क्रमशः ‘धर्म गार्जियन’ (Dharma Guardian) और ‘मालाबार’ (Malabar) सहित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों से विकसित हुई है। मिलन (MILAN) अभ्यास में पहली बार जापान की भागीदारी भी स्वागतयोग्य कदम है।

जापान और भारत के बीच त्रि-सेवा विनिमयों को संस्थागत रूप दिया गया है और इस प्रकार एक ‘त्रय’ (triad) पूर्ण हुआ है। दोनों देशों के तटरक्षकों के बीच वर्ष 2006 से ही नियमित वार्षिक विनिमय होता रहा है। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच ‘जापान और भारत विजन 2025- विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी’ (Japan and India Vision 2025 Special Strategic and Global Partnership) भी स्थापित है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा विश्व की शांति एवं समृद्धि के लिये मिलकर कार्य करने का ध्येय रखता है।

आर्थिक संबंध: एक मित्र के रूप में जापान पर भरोसे की परीक्षा वर्ष 1991 में हुई थी जब जापान उन कुछ प्रमुख देशों में शामिल था जिन्होंने भारत को भुगतान संतुलन संकट से बाहर निकलने में मदद की थी।

हाल के वर्षों में जापान और भारत के बीच आर्थिक संबंधों का लगातार विस्तार हुआ है और उनमें मजबूतीआई है। दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा में वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में जापान भारत का 12वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
इसके साथ ही, जापान से भारत में प्रत्यक्ष निवेश की वृद्धि हुई है और वित्त वर्ष 2020 में जापान भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक था।

स्वास्थ्य देखभाल: भारत के ‘आयुष्मान भारत कार्यक्रम’ और जापान के ‘AHWIN’ कार्यक्रम के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के बीच समानता और ताल-मेल को देखते हुए दोनों पक्षों ने ‘आयुष्मान भारत’ के लिये AHWIN के आख्यान के निर्माण हेतु परियोजनाओं की पहचान करने के लिये एक-दूसरे के साथ परामर्श किया।

निवेश और ODA: पिछले कुछ दशकों से भारत जापान की आधिकारिक विकास सहायता (Official Development Assistance- ODA) ऋण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा है। दिल्ली मेट्रो ODA के उपयोग के माध्यम से जापानी सहयोग के सबसे सफल उदाहरणों में से एक है।

भारत जापान परमाणु समझौता 2016 भारत को दक्षिण भारत में छह परमाणु रिएक्टर बनाने में मदद करेगा, जिससे वर्ष 2032 तक देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता दस गुना तक बढ़ जाएगी।

Find More International News Here

Indian-origin Leo Varadkar is new Prime Minister of Ireland_70.1

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *