राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का 40वां स्थापना दिवस

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने 16 अक्टूबर, 2024 को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर इसके जवानों की बहादुरी और समर्पण की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर एक भावुक संदेश में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के 40वें स्थापना दिवस पर, हम अपने बहादुर सैनिकों के साहस, समर्पण और अडिग आत्मा को सलाम करते हैं। उनके अथक प्रयास हमारे राष्ट्र की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। हम उनके सेवा और समर्पण को सलाम करते हैं, जो भारत को सभी खतरों से बचाते हैं। जय हिंद!”

वीर जवानों को सलाम

भारत के प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी NSG कर्मियों के समर्पण की सराहना की। उन्होंने NSG के आदर्श वाक्य “सर्वत्र सर्वोततम सुरक्षा” पर जोर दिया, जो आतंकवाद विरोधी और त्वरित प्रतिक्रिया अभियानों में NSG की विशेषज्ञता को दर्शाता है। गडकरी ने आगे राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में NSG के महत्व को रेखांकित किया और इसे “जीरो-एरर फोर्स” के रूप में वर्णित किया, जिसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण आतंकवाद-रोधी गतिविधियों के लिए तैनात किया जाता है।

उत्कृष्टता की एक विरासत

NSG की स्थापना 16 अक्टूबर, 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद हुई थी, जिसका उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से सिख उग्रवादियों को हटाना था। इस ऑपरेशन ने एक समर्पित बल की आवश्यकता को रेखांकित किया जो आतंकवाद से निपट सके। अगस्त 1986 में संसद में एक विधेयक प्रस्तुत करने के बाद, NSG आधिकारिक तौर पर 22 सितंबर 1986 को अस्तित्व में आई। आज, यह बल भारत की सुरक्षा संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और विभिन्न खतरों से राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG): मुख्य बिंदु

  • स्थापना तिथि: 16 अक्टूबर, 1984, ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्थापित।
  • उद्देश्य: आतंकवादी खतरों से निपटने और उन स्थितियों को संभालने के लिए एक विशेष आतंकवाद विरोधी इकाई बनाई गई, जहाँ अत्यधिक बल की आवश्यकता हो।
  • आदर्श वाक्य: “सर्वत्र सर्वोततम सुरक्षा,” जिसका अर्थ है “सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा हर जगह।”
  • संबद्धता: गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करता है।
  • प्रकृति: “जीरो-एरर फोर्स” के रूप में जानी जाने वाली NSG एक त्वरित प्रतिक्रिया इकाई है जिसे असाधारण परिस्थितियों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को संभालने के लिए तैनात किया जाता है।
  • प्रशिक्षण: NSG कर्मियों को सामरिक अभियानों, गुप्त मिशनों और संकट प्रबंधन में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त होता है।

भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ:

  • आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना।
  • बंधकों को बचाना।
  • बम निरोधक और बंधक स्थिति को संभालना।
  • निगरानी और खुफिया अभियानों का संचालन।

संरचना:

NSG मुख्य रूप से दो घटकों में विभाजित है:

  1. स्पेशल एक्शन ग्रुप (SAG): मुख्य रूप से सेना के जवानों से बना होता है, जिन्हें उच्च जोखिम वाले अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
  2. स्पेशल रेंजर्स ग्रुप (SRG): इसमें विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) और राज्य पुलिस के जवान शामिल होते हैं।

प्रमुख अभियान:

  • ऑपरेशन ब्लैक टॉर्नेडो (2008 मुंबई हमले)।
  • भारत भर में विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभियान।

मान्यता: NSG को आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी प्रभावशीलता के लिए प्रतिष्ठा मिली है और इसे कई उच्च-स्तरीय अभियानों में शामिल किया गया है।

वर्तमान भूमिका: NSG भारत की सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है, जो देश के सामने आने वाले खतरों की बदलती प्रकृति को संबोधित कर रहा है।

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vikash

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