भारतीय सेना हर साल 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस (Siachen Day) मनाती है। यह दिन “ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot)” के तहत भारतीय सेना के साहस की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिवस दुश्मन से सफलतापूर्वक अपनी मातृभूमि की सेवा करने वाले सियाचिन योद्धाओं को भी सम्मानित करता है। 38 साल पहले सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल इस दिन को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने में भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा प्रदर्शित साहस और धैर्य की याद दिलाता है।
आरबीआई असिस्टेंट प्रीलिम्स कैप्सूल 2022, Download Hindi Free PDF
हिन्दू रिव्यू मार्च 2022, Download Monthly Hindu Review PDF in Hindi
सियाचिन ग्लेशियर के बारे में:
सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी पर सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है, जहां भारत और पाकिस्तान 1984 से रुक-रुक कर लड़ते रहे हैं। दोनों देश 6,000 मीटर (20,000 फीट) से अधिक की ऊंचाई पर इस क्षेत्र में एक स्थायी सैन्य उपस्थिति बनाए रखते हैं। इस दुर्गम इलाके में 2,000 से अधिक सैनिक ज्यादातर मौसम की चरम सीमा और पर्वतीय युद्ध के प्राकृतिक खतरों के कारण मारे गए हैं ।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams