भारत ने सोमवार को इसरो के श्रीहरीकोटा केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी-35) को सबसे लंबे मिशन की ओर सफलतापूर्वक रवाना कर इतिहास रच दिया। आज का दिन भारत और इसरो के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है क्योंकि, इसरो का यह पहला बहुकक्षीय प्रक्षेपण है और अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद मौसम की भविष्यवाणी में मदद करेगा।
इसरो ने आठ उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करने हेतु पीएसएलवी-सी35 का प्रक्षेपण किया है जिसे धरती से करीब 730 किमी ऊपर कक्षा में स्थापित किया गया है। इसके बाद अन्य सभी यान प्रक्षेपण होने के बाद तकरीबन 2 घंटे 13 मिनट बाद कक्षा में स्थापित किए जाएंगे। पीएसएलवी के साथ भेजे गए दो अन्य भारतीय उपग्रहों में मुंबई की भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा तैयार प्रथम (10 किलोग्राम) और पीईएस विश्वविद्यालय, बेंगलुरू का पीसेट भी शामिल है।