संसद का बजट सत्र आज (31 जनवरी 2017) को शुरू हो रहा है और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्य सभा एवं लोकसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वे भी सदन के पटल पर रखा जाएगा. इस वर्ष से अलग से रेल बजट नहीं प्रस्तुत किया जाएगा और इसे आम बजट के साथ जोड़ दिया गया है जो 1 फरवरी 2017 को प्रस्तुत किया जाएगा.
सरकार ने बजट प्रस्तुत करने की तारीख को पहले कर दिया है ताकि ये पूरी प्रक्रिया वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले पूरी हो जाए. पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र के पहले भाग को संक्षिप्त रखा गया है. इसमें 31 जनवरी से 9 फरवरी 2017 तक कुल आठ बैठकें होंगी. इसके बाद 10 फरवरी से 8 मार्च तक महीने भर दोनों सदनों का अवकाश रहेगा ताकि स्थायी समिति मंत्रालयों एवं विभागों के अनुदानों की मांग पर विचार कर सके और अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके. बजट सत्र का दूसरा भाग 9 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल तक चलेगा.
आम बजट की प्रस्तुति के अलावा, पूरे सत्र के दौरान 34 विधेयक भी विचार करने एवं पारित करने के लिए प्रस्तुत किये जायेंगे. इसमें 3 अध्यादेश भी शामिल हैं जिन्हें विधेयक में बदला जाएगा. ये अध्यादेश शत्रु संपत्ति, मजदूरी का भुगतान और बैंक नोट्स से संबंधित हैं. अन्य महत्वपूर्ण विधेयक जो सदन में रखा जाएगा उसमें वस्तु एवं सेवा कर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान के लिए मुआवजा) और एकीकृत जीएसटी शामिल है.
सरकार ने बजट प्रस्तुत करने की तारीख को पहले कर दिया है ताकि ये पूरी प्रक्रिया वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले पूरी हो जाए. पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र के पहले भाग को संक्षिप्त रखा गया है. इसमें 31 जनवरी से 9 फरवरी 2017 तक कुल आठ बैठकें होंगी. इसके बाद 10 फरवरी से 8 मार्च तक महीने भर दोनों सदनों का अवकाश रहेगा ताकि स्थायी समिति मंत्रालयों एवं विभागों के अनुदानों की मांग पर विचार कर सके और अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके. बजट सत्र का दूसरा भाग 9 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल तक चलेगा.
आम बजट की प्रस्तुति के अलावा, पूरे सत्र के दौरान 34 विधेयक भी विचार करने एवं पारित करने के लिए प्रस्तुत किये जायेंगे. इसमें 3 अध्यादेश भी शामिल हैं जिन्हें विधेयक में बदला जाएगा. ये अध्यादेश शत्रु संपत्ति, मजदूरी का भुगतान और बैंक नोट्स से संबंधित हैं. अन्य महत्वपूर्ण विधेयक जो सदन में रखा जाएगा उसमें वस्तु एवं सेवा कर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान के लिए मुआवजा) और एकीकृत जीएसटी शामिल है.
स्रोत – आल इंडिया रेडियो (AIR News)