विश्व आर्थिक मंच (WEF) के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2022 में कुल 146 देशों में भारत 135वें स्थान पर है। “स्वास्थ्य और उत्तरजीविता” उप-सूचकांक में भारत का दुनिया में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है, जहां भारत को 146 वें स्थान पर रखा गया है। भारत की स्थिति अपने पड़ोसियों में भी काफी खराब है और बांग्लादेश (71), नेपाल (96), श्रीलंका (110), मालदीव (117) और भूटान (126) से पीछे है। दक्षिण एशिया में केवल ईरान (143), पाकिस्तान (145) और अफगानिस्तान (146) का प्रदर्शन भारत से भी खराब है।
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4 प्रमुख आयाम
ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स चार प्रमुख आयामों या उप-सूचकांकों में लैंगिक समानता के निर्देश चिह्न करता है – आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक प्राप्ति, स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता, और राजनीतिक सशक्तिकरण। यह 0 से 100 के पैमाने पर स्कोर को मापता है, जिसकी व्याख्या समानता की ओर तय की गई दूरी या समाप्त लिंग अंतर के प्रतिशत के रूप में की जा सकती है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- सूचकांक में 146 देशों के बीच आइसलैंड ने दुनिया के सबसे अधिक लिंग-समान देश के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है।
- सूची में शीर्ष पांच देश क्रमशः फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन हैं।
- रिपोर्ट में अफगानिस्तान सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश है।
- भारत, स्वास्थ्य और उत्तरजीविता में 146, आर्थिक भागीदारी और अवसर में 143, शैक्षिक प्राप्ति में 107 और राजनीतिक सशक्तिकरण में 48 वें स्थान पर है।
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 के बारे में:
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 WEF द्वारा वार्षिक प्रकाशन का 16वां संस्करण है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स को पहली बार 2006 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा चार आयामों: आर्थिक अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक नेतृत्व में देशों के लिंग अंतर की तुलना करने के लिए पेश किया गया था।