भारतीय मूल के प्रोफेसर कौशिक राजशेखर ने वैश्विक उर्जा पुरस्कार जीता है। राजशेखर ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। उनको ये पुरस्कार बिजली उत्पादन उत्सर्जन को कम करते हुए परिवहन विद्युतीकरण और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है। ये पुरस्कार समारोह 12-14 अक्टूबर को मास्को में रूसी ऊर्जा सप्ताह के दौरान आयोजित किया जाएगा।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
ग्लोबल एनर्जी एसोसिएशन द्वारा दिए जाने वाले इस सम्मान के लिए इस वर्ष 43 देशों के रिकॉर्ड 119 नामांकन में केवल तीन लोगों का चयन किया गया था। सेंटर फॉर इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज (रूस में रोसाटॉम) के मुख्य विशेषज्ञ और थर्मोन्यूक्लियर भौतिकी में अग्रणी विक्टर ओरलोव द्वारा राजशेखर को 2022 पुरस्कार विजेता के रूप में घोषित किया गया है।
राजशेखर के बारे में:
- गौरतलब है कि मूल रूप से भारत के रहने वाले राजशेखर का बचपन दक्षिण भारत के एक छोटे से गाँव में बीता। वे वहां अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ बेहद गरीबी में रहते थे।
- उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय विज्ञान संस्थान में सहायक प्रोफेसर और वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में काम किया। उन्होंने बाद में 1992 में इंडियाना वेस्लेयन विश्वविद्यालय, यूएसए से एमबीए किया।
- राजशेखर ने बताया कि वे लंबे समय से परिवहन विद्युतीकरण पर काम कर रहे हैं। राजशेखर इलेक्ट्रिक 36 अमेरिकी पेटेंट और 15 विदेशी पेटेंट के मालिक हैं।




Pariksha Pe Charcha 2026: परीक्षा पे चर्...
व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भ...
PM मोदी को ऑर्डर ऑफ ओमान सम्मान मिला...

