नोबेल पुरस्कार से सम्मानित सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और प्रकृति के मूलभूत नियमों की व्याख्या करने वाले प्रसिद्ध लेखक फ्रैंक विल्ज़ेक को इस साल का प्रतिष्ठित टेम्पलटन पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिनका कार्य विज्ञान और अध्यात्म का संगम होता है।
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अमेरिकी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और लेखक, डॉ. फ्रैंक विल्ज़ेक को दुनिया के सबसे बड़े व्यक्तिगत लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया, जिसका मूल्य 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इन्हें साल 2004 में नोबेल पुरस्कार (भौतिकी के क्षेत्र में) प्रदान किया गया था। टेम्पलटन पुरस्कार की स्थापना सन् 1972 में हुई थी, वह 1972 से अब तक इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 6वें नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। 2022 टेम्पलटन पुरस्कार पुरस्कार विजेता के रूप में वह 2022 टेम्पलटन पुरस्कार कार्यक्रम सहित कई आभासी और वास्तविक तौर पर कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
टेम्पलटन पुरस्कार के बारे में (About Templeton Prize):
- टेंपलटन पुरस्कार प्रतिवर्ष टेंपलटन फ़ाउण्डेशन द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है। इसकी शुरूआत 1973 में हुई थी और यह किसी ऐसे जीवित व्यक्ति को दिया जाता है जिसने अध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस पुरस्कार के तहत 1.5 मिलियन डॉलर (1.1 मिलियन ब्रिटिश पाउंड) की राशि प्रदान की जाती है।
- पहला टेंपलटन पुरस्कार वर्ष 1973 में मदर टेरेसा को प्रदान किया गया था।
- वर्ष 2012 में यह पुरस्कार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को दिया गया था।
- 20 मई‚ 2021 को यू.के.की प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रकृति संरक्षणवादी एवं कार्यकत्री डॉ. जेन गुडाल को प्रतिष्ठित टेंपलटन पुरस्कार (Templleton Prize), 2021 प्रदान किए जाने की घोषणा की गई।
- उन्हें विश्व भर में चिंपैंजी समाज का अध्ययन करने वाले उनके अभूतपूर्व वैज्ञानिक कार्य के लिए जाना जाता है‚ जो वर्ष 1960 में अफ्रीका में शुरु हुआ था।
- वर्ष 2020 का यह पुरस्कार फांसिस कोलिंस को प्रदान किया गया था।
- पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णान (वर्ष 1975) बाबा आम्टे (वर्ष 1990) तथा पांडुरंग शास्त्री अठावले (वर्ष 1997) इस पुरस्कार को जीतने वाले भारतीय है।
- डॉ. फ्रैंक विल्ज़ेक, एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग में एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं।
- इन्होंने भौतिकी में नयी अवधारणाओं को आगे बढ़ाना ज़ारी रखा है।
- इन्हें भौतिकी में 2004 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें यह पुरस्कार मजबूत शक्तियों के असामान्य गुणों की व्याख्या के लिए मिला था, जो क्वार्क के रूप में पहचाने जाने वाले मूलभूत कणों को प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में बांधता है।
- इन्होंने ‘ए ब्यूटीफुल क्वेश्चन’, ‘द लाइटनेस ऑफ बीइंग’ समेत कई किताबें भी लिखी हैं जो विज्ञान के क्षेत्र के साथ आध्यात्मिकता और दार्शनिकता का संगम हैं।
- इनकी सबसे हालिया पुस्तक, “फंडामेंटल्स,” भौतिक वास्तविकता की विशेषताओं को उजागर करने के लिए “भौतिकी से खींची गई दस आसुत अंतर्दृष्टि और कलात्मक और दार्शनिक स्रोतों के साथ सामंजस्य स्थापित करती है।”