भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने वित्तीय समावेशन सूचकांक (Financial Inclusion Index – FI-Index) पेश किया है, जो भारत में वित्तीय समावेशन की सीमा का एक उपाय है। FI-इंडेक्स में भारत में बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक और पेंशन क्षेत्र के समावेशन विवरण शामिल हैं। यह इस साल अप्रैल में पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति में की गई घोषणाओं में से एक था।
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वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक):
- एफआई-इंडेक्स (FI-Index) का मूल्य 0 से 100 के बीच होगा। जहां 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण को दर्शाता है जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है।
- एफआई-इंडेक्स (FI-Index) के पैरामीटर: एफआई-इंडेक्स (FI-Index) में तीन पैरामीटर शामिल हैं, अर्थात्- एक्सेस (35%), उपयोग (45%), और गुणवत्ता (20%) इनमें से प्रत्येक में विभिन्न आयाम शामिल हैं, जिनकी गणना संकेतकों (indicators) की संख्या के आधार पर की जाती है । कुल 97 संकेतक हैं।
- मार्च 2021 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए वार्षिक FI-सूचकांक 53.9 है जबकि मार्च 2017 को समाप्त अवधि के लिए यह 43.4 है। आरबीआई (RBI ) हर साल जुलाई के महीने में FI-इंडेक्स जारी करेगा। इस सूचकांक का कोई आधार वर्ष नहीं है।




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