मध्य एशिया में तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात (Ashgabat) को विदेशी कामगारों के लिए दुनिया का सबसे महंगा शहर घोषित किया गया है. कंसल्टेंसी फर्म मर्सर (Mercer) द्वारा 2021 के कॉस्ट-ऑफ-लिविंग सर्वे में यह शहर सबसे ऊपर है. हांगकांग दूसरे स्थान पर था, उसके बाद लेबनान में बेरूत और जापान में टोक्यो था.
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
वार्षिक रिपोर्ट में आवास, भोजन और परिवहन जैसे खर्चों की लागत के आधार पर 209 शहरों की रैंकिंग की गई है. शीर्ष 10 में अधिकांश शहर वे हैं जहां आर्थिक विकास ने जीवन यापन की लागत में वृद्धि में योगदान दिया है. तीन स्विस शहर हैं, जिनमें से ज्यूरिख पांचवें स्थान पर आ गया है, उसके बाद शंघाई और सिंगापुर हैं. लंदन को 18वां स्थान मिला.
अश्गाबात के बारे में
अश्गाबात अपनी शानदार संगमरमर की इमारतों और स्मारकों के लिए जाना जाता है. यह मध्य एशिया के सबसे रंगीन बाज़ारों में से एक है, जिसे तोल्कुचका बाज़ार (Tolkuchka Bazaar) कहा जाता है. अन्य पर्यटक आकर्षणों में राष्ट्रीय संग्रहालय, सफेद संगमरमर, तुर्कमेनबाशी केबलवे, ललित कला संग्रहालय, एलेम सांस्कृतिक और मनोरंजन केंद्र तथा तुर्कमेन कालीन संग्रहालय शामिल हैं.
भारतीय शहर:
मुंबई 78वें स्थान पर भारत का सबसे महंगा शहर बना हुआ है, लेकिन इस वर्ष की “रैंकिंग में अन्य शहरों की तुलना में अपेक्षाकृत कमजोर भारतीय रुपये के कारण” 18 स्थान गिर गया है. सूची में अन्य भारतीय शहर नई दिल्ली (117), चेन्नई (158), बेंगलुरु (170), और कोलकाता (181) हैं.