रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मिसाइल हमलों के खिलाफ नौसेना के जहाजों की सुरक्षा के लिए एक उन्नत चैफ टेक्नोलॉजी (Chaff Technology) विकसित की है. DRDO लैब द्वारा एडवांस्ड चैफ टेक्नोलॉजी का विकास आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम है.
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उन्नत चैफ टेक्नोलॉजी (Advanced Chaff Technology) के बारे में:
चैफ एक निष्क्रिय व्ययशील इलेक्ट्रॉनिक प्रतिरूप तकनीक है जिसका उपयोग दुनिया भर में दुश्मन के रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) मिसाइल सीकर्स से नौसैनिक जहाजों की रक्षा के लिए किया जाता है. इस विकास का महत्व इस तथ्य में निहित है कि हवा में तैनात बहुत कम मात्रा में चैफ सामग्री, जहाजों की सुरक्षा के लिए दुश्मन की मिसाइलों को बचाने के लिए एक क्षय के रूप में कार्य करती है.
DRDO प्रयोगशाला, डिफेंस लेबोरेटरी जोधपुर ने स्वदेशी रूप से इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के तीन प्रकार विकसित किए हैं:
- शॉर्ट रेंज चैफ रॉकेट,
- मीडियम-रेंज चैफ रॉकेट और
- लॉन्ग रेंज चैफ रॉकेट.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- DRDO के अध्यक्ष: डॉ. जी सतीश रेड्डी.
- DRDO का मुख्यालय: नई दिल्ली.
- DRDO की स्थापना: 1958.
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