केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमृतसर के गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब या स्वर्ण मंदिर को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) पंजीकरण की मंज़ूरी प्रदान की है। इसके बाद अब स्वर्ण मंदिर विदेशों से भी विदेशों से भी अंशदान हासिल कर सकेगा। सिख श्राइन द्वारा जरूरतमंदों को वित्तीय और चिकित्सीय सहायता प्रदान करने के लिए विदेशी अंशदान का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही इसका इस्तेमाल लंगर (भोजन) को व्यवस्थित करने के लिए भी किया जा सकता है जो एक निशुल्क सामुदायिक रसोईघर है।
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2010
- FCRA अधिनियम गृह मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है। यह अधिनियम भारत में स्वैच्छिक संगठनों के विदेशी वित्त पोषण को नियंत्रित करता है।
- अधिनियम के तहत, दान करने वाले संगठनों को हर पांच साल में खुद को पंजीकृत करना होता है।
- एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम वाला कोई भी व्यक्ति पंजीकरण करके या केंद्र सरकार से अनुमति के बाद विदेशी दान ले सकता है।
- हालांकि, चुनावी उम्मीदवार, कोई भी सांसद अथबा विधायक, राजनीतिक दलों का सदस्य, किसी पंजीकृत समाचार पत्र का प्रकाशक, न्यायाधीश, सरकारी कर्मचारी अथवा सरकार के स्वामित्व वाले किसी भी निगम के कर्मचारी विदेशी अंशदान स्वीकार नहीं कर सकते.
स्वर्ण मंदिर के बारे में
पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर एक गुरुद्वारा, जो गोल्डन टेम्पल के नाम से प्रसिद्ध है। गुरुद्वारा का निर्माण मानव निर्मित कुंड के चारों ओर किया गया है, 10 सिख गुरुओं में से चौथे गुरु रामदास साहिब ने 15वीं सदी में यह गुरुद्वारा और सरोवर बनवाया था। गुरुद्वारा, वर्तमान में , शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा प्रशासित और शिरोमणि अकाली दल (SAD) द्वारा नियंत्रित है।



शेफाली वर्मा ने नवंबर महीने के लिए ICC म...
ICC Men’s Player of Month: साइमन हार्मर ...
भारत और ब्राजील ने स्कॉर्पीन पनडुब्बियों...

