उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में वापस लौटकर आने वाले प्रवासियों के लिए “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” का शुभारंभ किया है। इस परियोजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना, विशेषकर उत्तराखंड लौटने वाले उद्यमी और कुशल और अकुशल कारीगरों, हस्तशिल्पियों और बेरोजगार युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी।
क्या है मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना?
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना, विशेषकर उत्तराखंड लौटने वाले उद्यमी और कुशल और अकुशल कारीगरों, हस्तशिल्पियों और बेरोजगार युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित के लिए शुरू की गई है।
- इस योजना से जुड़ी जानकारी हर गाँव तक पहुँचाई जाएगी ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें.
- इस योजना को सार्वजनिक प्रतिनिधियों और जिला स्तर के अधिकारियों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा ताकि अधिकतम ग्रामीण इसका लाभ उठा सके.
- इस योजना के तहत, जिला मजिस्ट्रेट बैंकर्स के साथ समन्वय करेंगे ताकि लाभार्थियों को ऋण लेने में कोई समस्या न हो,
- इस कार्यक्रम के तहत आवेदन करने वाले प्रवासियों को संबंधित अधिकारियों से त्वरित मंजूरी मिलेगी और उनके आवेदन तत्काल सब्सिडी वाले बैंकों को भेज दिए जाएंगे जो पहाड़ी जिलों में 25% और मैदानी जिलों में 15% होंगे।
- इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक या उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा.
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- उत्तराखंड राज्य का गठन: 9 नवंबर 2000 को हुआ था.
- उत्तराखंड की राजधानी: देहरादून.
- उत्तराखंड के राज्यपाल: बेबी रानी मौर्य.